परिदर्शी

परिदर्शी (Periscope) एक प्रकाशिक यंत्र है जिसके द्वारा प्रेक्षक छिपा रहकर भी अपने चारों ओर के वातावरण को देख सकता है। इसका उपयोग पनडुब्बी, युद्धपोत, क्रूज़र युद्धक्षेत्र में छिपे सैनिकों द्वारा, एवं तोपखाने के तोपची अफसर द्वारा लक्ष्य को देखने और शत्रु की गतिविधि का ज्ञान करने के लिए होता है। प्रथम विश्वयुद्ध के समय में खाइयों से शत्रु पर नजर रखने के लिये इसका उपयोग हुआ था। कुछ प्रकार की बन्दूकों एवं तोपधारी गाड़ियों (armored vehicle) में भी इसका प्रयोग होता है.

पेरिस्कोप में दो समतल दर्पण 45° पर झुके होते हैं।

परिदर्शी
Military handheld periscope optical design.
1 - Eyepiece
2 - Diagonal prism
3 - Handle
4 - 6 - Erecting lenses
5 - Periscope tube
7 - Field lens
8 - Lens
9 - Head diagonal prism
10 - Window
परिदर्शी
Principle of the periscope.
A - Periscope using two plane mirrors.
B - Periscope using two right–angled prisms.
1 - 2 - Plane mirrors.
3 - 4 - Right–angled prisms.
5 - 6 - Observer eye.
7 - 8 - Periscope tube.
H - Periscope optical height.
परिदर्शी
Principle of the lens periscope.
A - Periscope using a single lens (L2) to correct image.
B - Periscope which uses two lenses (L2-L3) to correct image.
1-3 - Periscope window.
2-4 - Field stop or reticle.
P - Right–angled prisms (or plane mirrors).
L1 - Objective lens.
L2 - for A - L2 - L3 - for B - Image erecting lens.
L3 - L4 -for A - L4-L5- for B - Eyepiece.
L0 - Field lens.
y - Distant object.
H - Periscope optical height.
परिदर्शी
Zeiss submarine periscope optical design.
परिदर्शी
Submarine monocular attack periscope.

रचना

सरलतम प्रकार की परिदर्शी में एक नली में दो समतल दर्पण द1 तथा द2 इस प्रकार लगे रहते हैं कि इनकी परावर्तक सतहें एक दूसरे के समांतर रहती हैं और प्रत्येक दर्पण नली के अक्ष से 45 डिग्री का कोण बनाता है। वस्तु अ ब से चलनेवाली प्रकाश की किरणें दर्पण द1 से परावर्तित होने के बाद द2 पर अ' ब' कल्पित बिंब बनाती हैं। इस परिदर्शी का दृश्यचाप सीमित होता है। परिदर्शी की नली जल एवं धूलिरोधी होती है।

पनडुब्बी का परिदर्शी

परिदर्शी 
द्वितीय विश्वयुद्ध के समय एक अमेरिकी पनडुब्बी के नियंत्रण कक्ष में दुश्मन पर नजर रखा एक अधिकारी

पनडुब्बी में प्रयुक्त होनेवाले परिदर्शी की नली लगभग 40 फुट लंबी होती है। यह जंगरोधी इस्पात या काँसे की बनाई जाती है। इस नली के निचले सिरे का व्यास छह इंच तथा ऊपरी शीर्ष का व्यास दो इंच होता है। यह नली पनडुब्बी के पेटे (hull) में स्थित खोखली नली में ऊपर नीचे की जा सकती है काम न रहने पर यह इस खोखली नली में खड़ी रहती है। परिदर्शी को ऊपर नीचे, या दाएँ बाएँ, घुमाने के लिए विद्युतशक्ति का उपयोग किया जाता है, जिसका नियंत्रण प्रेक्षक करता है।

परिदर्शी की नली में दो परावर्तक प्रिज़्म नली की दीवार से 45 डिग्री का कोण बनाते हुए एक दूसरे के समांतर लगे रहते हैं। इन प्रिज़्मों में से एक नली के शीर्ष भाग में तथा दूसरा तल भाग में होता है। इन दोनों प्रिज़्मों के मध्य में दो खगोलीय दूरदर्शक प्रणालियाँ स्थित रहती हैं। शीर्ष प्रिज़्म के सामने दाहिनी ओर काँच या लेंस लगा रहता है। यह काच या लेंस दृश्य से आनेवाली प्रकाश की क्षैतिज किरणों को शीर्ष प्रिज़्म में परावर्तित करता है और वह प्रिज़्म इन किरणों को ऊध्र्वाधर किरणों में परिवर्तित कर देता है। ये ऊध्र्वाधर किरणें तल प्रिज़्म द्वारा पुन: क्षैतिज किरणों में परिवर्तित होकर जाती है और प्रेक्षक नेत्रिका के द्वारा समुद्र तल पर स्थित वस्तुओं के बिंब को देखता है। खगोलीय दूरदर्शक प्रणालियों में से ऊपरवाली प्रणाली बिंब को न्यूनीकृत कर देती है और नीचेवाली बिंब को छह गुना बड़ा कर देती है। प्राय: आवर्धन क्षमता (magnification power) 1.5 से 6 तक होती है। जब आवर्धन-क्षमता 1.5 होती है तब दृष्टिक्षेत्र का परास 32 डिग्री से 40 डिग्री तक होता है। उच्च आवर्धन क्षमता का उपयोग लक्ष्य के विस्तार को अधिक स्पष्ट करता है, किंतु दृष्टिक्षेत्र का परास 8 डिग्री से 10डिग्री तक घट जाता है। परिदर्शी के तल भाग में लगी मूठों में से एक को घुमाने पर-आवर्धन का परिवर्तन प्रभावित होता है। दूसरी मूठ को घुमाने पर दृष्टिरेखा क्षितिज के नीचे 10डिग्री तक अवनत हो जाती है। शीर्ष के प्रिज़्म को नत करने पर दृष्टिरेखा क्षितिज से 45 डिग्री ऊपर उठ जाती है।

शीर्ष प्रिज़्म के सामने दाहिनी ओर लगे हुए लैंस पर टेलिमीटर स्केल (telemeter scale) बना रहता है, जिसमें ऊध्र्वाधर एवं क्षैतिज रेखाएँ एक दूसरे को काटती हुई बनी रहती हैं। ये रेखाएँ तल वाले प्रिज़्म पर परावर्तित होती है और नेत्रिका के द्वारा दिखाई पड़ती हैं। जब पनडुब्बी में बैठा प्रेक्षक किसी ज़हाज के बिंब को परिदर्शी द्वारा देखता है तब वह परिदर्शी को ऊपर नीचे, दाएँ बाएँ, उस समय तक करता रहता है जब तक जहाज का बिंब टेलिमीटर स्केल की रेखाओं के मध्य में नहीं आ जाता। ये रेखाएँ अंशों को व्यक्त करती हैं। प्रेक्षक जहाज के बिंब से अनुमान द्वारा जहाज का विस्तार निश्चित करता है और इसकी सहायता से पनडुब्बी से जहाज की दूरी का परिकलन कर लेता है। दूरी का ठीक ठीक परिकलन करने के लिए परिदर्शी में स्टैडिमीटर (stadimeter) लगा रहता है।

टरेट (Turret) परिदर्शी

यह परिदर्शी टरेट क्रूज़र एवं युद्धपोत की कोनिंगी (conning) बुर्जी पर लगाया जाता है। टरेट यह बुर्जी है, जिसमें तोप या तोपें लगाई जाती हैं। यह टरेट घूम भी सकती है। इस परिदर्शी के द्वारा तोपची अफसर लक्ष्य को देखता है। टरेट परिदर्शी की नली की लंबाई 10 फुट होती है। दो दर्पणवाले साधारण परिदर्शी का दृष्टिक्षेत्र अत्यंत संकीर्ण एंव कोणीय होता है; इसलिए दूरदर्शक प्रकाशिक प्रणाली का उपयोग टरेट परिदर्शी में व्यापक दृष्टिक्षेत्र प्राप्त करने के लिए किया जाता है। इस परिदर्शी में आवर्धन भी संभव है।


बाहरी कड़ियाँ

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