जिब्राल्टर क्रॉस ऑफ़ सैक्रिफ़ाइस (अंग्रेज़ी: Gibraltar Cross of Sacrifice) ब्रिटिश प्रवासी शासित प्रदेश जिब्राल्टर में स्थित एक युद्ध स्मारक है। यह नॉर्थ फ्रंट सिमेट्री के पश्चिम में विंस्टन चर्चिल एवेन्यू और डेविल्स टावर सड़क के जंक्सन पर मौजूद है। बलिदान के क्रॉस का डिज़ाइन सर रेजिनल्ड ब्लोम्फिल्ड ने वर्ष 1917 में तैयार किया था और इनके द्वारा तैयार इस डिज़ाइन के समार कॉमनवेल्थ वॉर ग्रेव्स कमीशन के कई कब्रिस्तानो में देखने के लिए मिलते हैं। जिब्राल्टर में यह युद्ध स्मारक रॉयल इंजीनियर्स ने कमीशन के लिए लगाया था तथा इसका अनावरण 1922 में आर्मिस्टिस डे (हिन्दी: युद्धविराम दिवस) के दिन हुआ था। इस समर्पण समारोह के दिन ब्रिटिश पाथे द्वारा रिकॉर्ड की गई फ़िल्म जिब्राल्टर के इतिहास में उसकी जमीन पर रिकॉर्ड होने वाली पहली फ़िल्म थी। वर्ष 2009 तक जिब्राल्टर में रिमैम्बरेन्स संडे (हिन्दी: स्मरण रविवार) के दिन होने वाले समारोह को जिब्राल्टर क्रॉस ऑफ़ सैक्रिफ़ाइस के पास ही आयोजित किया जाता था परन्तु 2009 के बाद से समारोह का आयोजन स्थल बदल कर जिब्राल्टर युद्ध स्मारक स्थान्तरित कर दिया गया है।
जिब्राल्टर क्रॉस ऑफ़ सैक्रिफ़ाइस Gibraltar Cross of Sacrifice | |
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स्मारक | |
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निर्देशांक | 36°08′56″N 5°20′56″W / 36.148797°N 5.349023°W |
स्थिति | नॉर्थ फ्रंट सिमेट्री के पश्चिम में विंस्टन चर्चिल एवेन्यू और डेविल्स टावर सड़क के जंक्सन पर |
अभिकल्पना | सर रेजिनल्ड ब्लोम्फिल्ड |
प्रकार | बलिदान का क्रॉस |
सामग्री | कॉर्निश ग्रेनाइट, कांसा |
उद्घाटन तिथि | आर्मिस्टिस दिन 1922 |
समर्पित | प्रथम विश्व युद्ध के शहीद |
जिब्राल्टर क्रॉस ऑफ़ सैक्रिफ़ाइस इबेरिया प्रायद्वीप के दक्षिणी सिरे पर स्थित ब्रिटिश प्रवासी स्जासित प्रदेश जिब्राल्टर में स्थित प्रथम विश्व युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को समर्पित स्मारक है। यह जिब्राल्टर मेमोरियल के साथ उत्तरी जिब्राल्टर में एक बाड़ो वाले क्षेत्र में मौजूद है। यह नॉर्थ फ्रंट कब्रिस्तान के पश्चिम में है। स्मारक विंस्टन चर्चिल एवेन्यू और डेविल्स टावर सड़क के उत्तर-पूर्वी कोने पर सौर घड़ी राउंडअबाउट की बगल में हैं। दोनो युद्ध स्मारक एक रास्ते से जुड़े हुए हैं।
इम्पीरियल वॉर ग्रेव कमीशन प्रथम विश्व युद्ध के दौरान स्थापित हुआ था। कमीशन के निर्माण के पीछे का उद्देश्य युद्ध में शहीद हुए ब्रिटिश सम्राज्य की मिलिट्री सैनिको के अवशेषों को खोजना, पहचान करना और उन्हें मिलिट्री सम्मान प्रदान करना था। इसका निर्माण 1915 में सर फैबियन वेयर (17 जून 1869 – 29 अप्रैल 1949) ने ग्रेव रजिस्ट्रेशन कमीशन के तौर पर किया था।अप्रैल 1917 में वेल्स के राजकुमार (अंग्रेज़ी: प्रिंस ऑफ़ वेल्स) के समर्थन के साथ वेयर ने इम्पीरियल वॉर कोंफ्रेंस के साथ सम्पर्क किया और ग्रेव्स रजिस्ट्रेशन कमीशन का नाम बदल कर इम्पीरियल वॉर ग्रेव कमीशन कर दिया गया तथा इसे रॉयल चार्टर के साथ स्थापित किया गया। इसके पश्चात, कमीशन के सबसे पहले अध्यक्ष का भार वेल्स के राजकुमार ने संभाला तथा वेयर इसके उपाध्यक्ष बने। वेयर ने यह पद 1948 में अपनी सेवानिवृत्ति तक संभाला। 1960 के दशक में कमीशन का नाम बदल कर कॉमनवेल्थ वॉर ग्रेव कमीशन कर दिया गया।
प्रथम विश्व युद्ध के दौरान कमीशन ने प्रमुख वास्तुकारो से अनुरोध किया कि वे विभिन्न कब्रिस्तानो में लगाए जाने वाले स्मारको के अपने डिज़ाइन कमीशन के समक्ष प्रस्तुत करें। सर रेजिनल्ड ब्लोम्फिल्ड (1856–1942) द्वारा 1917 में डिज़ाइन किए गए क्रॉस ऑफ़ सैक्रिफ़ाइस को कमीशन ने चुना। ब्लोम्फिल्ड के डिज़ाइन को चुनने के पीछे का उदेश्य कब्रिस्तान के सैन्य चरित्र के महत्त्व पर ज़ोर देना था। यह स्मारक कॉमनवेल्थ वॉर ग्रेव कमीशन के उन कब्रिस्तानो में पाया जाता है जहाँ पचास या उससे अधिक संख्या में प्रथम विश्व युद्ध में शहीद हुए सैनिको की कब्र हैं। क्रॉस को समान्यतः ग्रेनाइट, बलुआ पत्थर या चूना पत्थर के साथ तराशा जाता है। ताम्बे की एक तलवार, जिसकी रुडयार्ड किपलिंग ने क्रॉस की छाती में डूबी कड़ी तलवार के रूप में व्याख्या करी थी, स्मारक के अग्र भाग में मढ़ी हुई होती है। तलवार उलटी होती है जो अपने क्रॉसपीस के साथ मिलकर एक ओर क्रॉस का रूप लेती है। क्रॉस ऑफ़ सैक्रिफ़ाइस एक लम्बा स्मारक होता है जिसकी ऊँचाई 4.5 से 9 मीटर (15 से 30 फीट) तक होती है तथा ज्यादातर यह अष्टकोणीय आधार के ऊपर ही लगा होता है।
जिब्राल्टर क्रॉस ऑफ़ सैक्रिफ़ाइस का निर्माण कॉर्निश ग्रेनाइट औरकांसे से हुआ था तथा इसे प्रथम विश्व युद्ध के पश्चात इम्पीरियल वॉर ग्रेव कमीशन के लिए रॉयल इंजीनियर्स ने लगाया था। स्मारक का अनावरण 1922 में आर्मिस्टिस डे (हिन्दी: युद्धविराम दिवस) के दिन जिब्राल्टर के राज्यपाल जनरल सर हॉरेस लॉकवुड स्मिथ-डॉर्रिन (1858–1930) द्वारा हुआ था। क्रॉस ऑफ़ सैक्रिफ़ाइस को समर्पित समारोह को ब्रिटिश पाथे द्वारा रिकॉर्ड किया गया था। फ़िल्म का शीर्षक था "इन द शैडो ऑफ़ 'द रॉक' – नेवी एण्ड आर्मी म्यूट एट इम्प्रेसिव सेरेमोनी एट डेडिकेशन ऑफ़ जिब्राल्टर्स वॉर मेमोरी"। फ़िल्म में दिखाए गए इंटरटाइटल में यह बताया जाता है कि "दीज़ पिक्चर्स आर यूनीक इन बींग द फर्स्ट सिनेमा पिक्चर्स एवर टेकन ऑन द 'रॉक ऑफ़ जिब्राल्टर'"। इस प्रकार 1922 में जिब्राल्टर क्रॉस ऑफ़ सैक्रिफ़ाइस के समर्पण समारोह में प्राप्त किया गया यह संक्षिप्त चलचित्र जिब्राल्टर के इतिहास में पहली फ़िल्म थी जिसे जिब्राल्टर की भूमि पर बनाया गया हो।
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