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सप्तर्षि (सप्त + ऋषि) सात ऋषियों को कहते हैं जिनका उल्लेख वेद एवं अन्य हिन्दू ग्रन्थों में अनेकों बार हुआ है। वेदों का अध्ययन करने पर जिन सात ऋषियों या... |
पुलस्त, वशिष्ठ)। तारामंडल ग़ैर सौरीय ग्रह सात सितारों के रूप में सप्तर्षि (वेबदुनिया) सप्तर्षि के विषय में अधिक जानकारी के लिए[मृत कड़ियाँ] (सौर पवन के संग)... |
कश्मीर में सप्तर्षि संवत् को 'लौकिक संवत्' कहते हैं और जम्मू व हिमाचल प्रदेश में 'शास्त्र संवत्'। जब से सृष्टि प्रारंभ हुई है, तभी से सप्तर्षि संवत् अस्तित्व... |
प्राचीन सप्तर्षि भारत का प्राचीन संवत है जो ६६७६ ई.पू (6676 ई.पू) से आरम्भ होता हैं। कलियुग संवत ३१०२ ई.पू सप्तर्षि संवत ३०७६ ई.पू विक्रमी संवत ५७ ई.पू... |
मंगलवार ग्रेगेरियन अंग्रेजी कैलेण्डर 9 अप्रैल 2024 पर! प्राचीन सप्तर्षि ६६७६ ईपू सप्तर्षि संवत ३०७६ ई.पू विक्रमी संवत ५७ ई.पू शालिवाहन शक या शक संवत ७८... |
से एक लाख योजन ऊपर शनि मण्डल है। सप्तर्षि मण्डल शनि मण्डल से एक लाख योजन ऊपर सप्तर्षि मण्डल है। ध्रुव मण्डल सप्तर्षि मण्डल से एक लाख योजन ऊपर ध्रुव मण्डल... |
बड़ी संख्या में भजन लिखने का श्रेय दिया जाता है। अत्रि सनातन परंम्परा में सप्तर्षि (सात महान वैदिक ऋषियों) में से एक है, और सबसे अधिक ऋग्वेद: में इनका उल्लेख... |
वशिष्ठ वैदिक काल के विख्यात ऋषि थे। वशिष्ठ एक सप्तर्षि हैं - यानि के उन सात ऋषियों में से एक जिन्हें ईश्वर द्वारा सत्य का ज्ञान एक साथ हुआ था और जिन्होंने... |
अनुसार, कृतक त्रैलोक्य -- भूः, भुवः और स्वः – ये तीनों लोक मिलकर कृतक त्रैलोक्य कहलाते हैं। ध्रुव मण्डल सप्तर्षि मण्डल से एक लाख योजन ऊपर ध्रुव मण्डल है।... |
मारीचि तारा (श्रेणी सप्तर्षि तारामंडल) जिसका बायर नामांकन "एटा अर्से मॅजोरिस" (η UMa या η Ursae Majoris) है, सप्तर्षि तारामंडल का दूसरा सबसे रोशन तारा और पृथ्वी से दिखने वाले सभी तारों में... |
पुलस्त्य तारा (श्रेणी सप्तर्षि तारामंडल) जिसका बायर नामांकन "गामा अर्से मॅजोरिस" (γ UMa या γ Ursae Majoris) है, सप्तर्षि तारामंडल का छठा सबसे रोशन तारा और पृथ्वी से दिखने वाले सभी तारों में से... |
पुलह तारा (श्रेणी सप्तर्षि तारामंडल) जिसका बायर नामांकन "बेटा अर्से मॅजोरिस" (β UMa या β Ursae Majoris) है, सप्तर्षि तारामंडल का पाँचवा सबसे रोशन तारा और पृथ्वी से दिखने वाले सभी तारों में... |
कश्यप (श्रेणी सप्तर्षि) एक वैदिक ऋषि थे। इनकी गणना सप्तर्षि गणों में की जाती थी। हिंदू मान्यता के अनुसार वह ऋग्वेद के सात प्राचीन ऋषियों, सप्तर्षियों में से एक हैं । बृहदारण्यक... |
अत्रि तारा (श्रेणी सप्तर्षि तारामंडल) जिसका बायर नामांकन "डॅल्टा अर्से मॅजोरिस" (δ UMa या δ Ursae Majoris) है, सप्तर्षि तारामंडल का सातवा सबसे रोशन तारा है। यह हमसे क़रीब ८१ प्रकाश-वर्ष की दूरी... |
यानि नव संवत्सर २०८१ प्रारंभ हो रहा है। प्राचीन सप्तर्षि संवत ६६७६ ई॰पू॰ कलियुग संवत् ३१०२ ई॰पू॰ सप्तर्षि संवत ३०७६ ई॰पू॰ वीर निर्वाण संवत ७ अक्टूबर ५२७... |
रेणुका हिन्दू धर्म में सप्तर्षि में से एक जमदग्नि ऋषि की पत्नी बतायी गयी हैं। वह एक चंद्रवंशी क्षत्रिय कन्या थी । परशुराम इनके पुत्र थे। रेणुका झील... |
अंगिरस तारा (श्रेणी सप्तर्षि तारामंडल) जिसका बायर नामांकन "ऍप्सिलन अर्से मॅजोरिस" (ε UMa या ε Ursae Majoris) है, सप्तर्षि तारामंडल का सबसे रोशन तारा और पृथ्वी से दिखने वाले सभी तारों में से ३३वाँ... |
क्रतु तारा (श्रेणी सप्तर्षि तारामंडल) जिसका बायर नामांकन "अल्फ़ा अर्से मॅजोरिस" (α UMa या α Ursae Majoris) है, सप्तर्षि तारामंडल का तीसरा सबसे रोशन तारा और पृथ्वी से दिखने वाले सभी तारों में... |
रखते हैं। भिन्न भिन्न मनवतरों में सप्तर्षि के अंतर्गत भिन्न भिन्न ऋषि माने गये हैं। जैसे, इस वैवस्वत मन्वंतर के सप्तर्षि ये हैं—कश्यप, अत्रि, वशिष्ठ, विश्वामित्र... |
उल्लू नीहारिका (श्रेणी सप्तर्षि तारामंडल) ऍन॰जी॰सी॰ ३५८७ भी कहा जाता है, एक ग्रहीय नीहारिका है जो दूरबीन से आकाश में सप्तर्षि तारामंडल के क्षेत्र में नज़र आती है। उल्लू नीहारिका के केंद्र में एक १६वें... |