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प्रत्ययों एवं रस आदि की पुनर्व्याख्या की। शुक्ल हिंदी साहित्य जगत को समझने की आधिकारिक चाबी है। आचार्य रामचन्द्र शुक्ल का जन्म 1884 ईस्वी में उत्तर प्रदेश बस्ती... |
धर्मेन्द्र उनके पुत्र हैं। रामचन्द्र वीर का जन्म भूरामल व विरधी देवी के घर पुरातन तीर्थ विराटनगर (राजस्थान) में आश्विन शुक्ल प्रतिपदा संवत १९६६ वि. (सन... |
आधुनिक काल में साधारणीकरण के संदर्भ में सर्वप्रथम चिंतन आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने किया। आधुनिक चिन्तकों में रामचन्द्र शुक्ल, श्यामसुन्दर दास, नगेन्द्र, नन्ददुलारे... |
पत्रिका बनारस से प्रकाशित होती थी। यह महिलाओं से संबंधित थी। इसके संदर्भ में रामचंद्र शुक्ल लिखते हैं कि- "संवत् १९३१ में भारतेंदु जी ने स्त्री शिक्षा के... |
पर उपन्यास के रूप में 'इरावती' की रचना का आरम्भ किया गया था। आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के शब्दों में "इसी पद्धति पर उपन्यास लिखने का अनुरोध हमने उनसे कई बार... |
हिंदी साहित्य का इतिहास (पुस्तक) (श्रेणी रामचंद्र शुक्ल) गया। आचार्य शुक्ल ने गहन शोध और चिन्तन के बाद हिन्दी साहित्य के पूरे इतिहास पर विहंगम दृष्टि डाली है। इतिहास-लेखन में आचार्य रामचन्द्र शुक्ल एक ऐसी क्रमिक... |
रसमीमांसा (श्रेणी रामचंद्र शुक्ल) रसमीमांसा आचार्य रामचंद्र शुक्ल की आलोचनात्मक कृति है। आचार्य रामचंद्र शुक्ल की रसमीमांसा नामक आलोचनात्मक कृति का प्रथम प्रकाशन सन् १९४९ में हुआ था। रसमीमांसा... |
'काव्य-सिद्धान्तनिरूपण' के लिए भी आलोचना शब्द का प्रयोग कर लिया जाता है किन्तु आचार्य रामचन्द्र शुक्ल का स्पष्ट मत है कि आधुनिक आलोचना, संस्कृत के काव्य-सिद्धान्तनिरूपण... |
उदयशंकर भट्ट, रामकुमार वर्मा आदि हैं। आचार्य द्विवेदी, माधव प्रसाद शुक्ल, रामचन्द्र शुक्ल, बाबू, पद्म सिंह, अध्यापक पूर्णसिंह आदि अशर्फी लाल मिश्र आधुनिक... |
1884 ग्रेगोरी कैलंडर का एक अधिवर्ष है। ४ अक्टूबर - आचार्य रामचंद्र शुक्ल, हिंदी साहित्य के आलोचक, निबंधकार एवं साहित्य इतिहासकार... |
काव्य में और प्रेमचन्द ने उपन्यासों के माध्यम से किया वही काम आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने आलोचना के माध्यम से किया। मुख्य लेख हिंदी आलोचनाओं की सूची अलंकार... |
द्विवेदी युग (अनुभाग संदर्भ) द्विवेदी के लेखन के प्रति रामचंद्र शुक्ल की ये टिप्पणी पढ़कर हिन्दी का कोई भी पाठक उससे विरक्त होगा या आसक्त। रामचन्द्र शुक्ल के इतिहास को हिन्दी के विद्यार्थी... |
नकछेदी तिवारी (अनुभाग सन्दर्भ ग्रन्थ) इसीलिए आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने लिखा था - "वे बड़ी सुन्दर कविता करते थे और उनका पढ़ने का ढँग बड़ा ही अनूठा था।" आचार्य रामचन्द्र शुक्ल: हिंदी साहित्य... |
गोविंदस्वामी (श्रेणी सभी लेख जिन्हें अतिरिक्त संदर्भ की आवश्यकता है) लगाया था जो अब तक ‘गोविन्दस्वामी की कदम्बखड़ी’ कहलाता है। हिन्दी साहित्य का इतिहास, आचार्य रामचन्द्र शुक्ल, सम्वत २०३८, पृष्ठ १२३ गोविन्दस्वामी (गणितज्ञ)... |
कविता क्या है (श्रेणी रामचंद्र शुक्ल) कविता क्या है आचार्य रामचंद्र शुक्ल का सैद्धांतिक निबंध है।... |
शोधार्थी थे। उन्होंने अनुसंधान और खोज परंपरा का प्रवर्तन किया तथा आचार्य रामचंद्र शुक्ल और बाबू श्यामसुंदर दास की परंपरा को आगे बढा़ते हुए हिन्दी आलोचना को... |
है। गुरुदत्त सिंह भूपति का रचनाकाल संवत् 1788 से 1799 तक है। आचार्य रामचंद्र शुक्ल : हिंदी साहित्य का इतिहास; खोज विवरण 1926-28, नागरीप्रचारिणी पत्रिका... |
सैंतालीस अहै- पद्मावत 24) "जायसी का जीवनवृत्त / मलिक मुहम्मद जायसी / रामचन्द्र शुक्ल". गद्यकोश.कॉम. मूल से 7 जुलाई 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २ अगस्त... |
लक्ष्मीसागर वार्ष्णेय (अनुभाग संदर्भ) एकेडमी. पृ॰ 5 (प्रकाशकीय) – वाया विकिस्रोत. [स्कैन ] अशोक, सिंह. आचार्य रामचंद्र शुक्ल का गद्य साहित्य. इलाहाबाद: लोकभारती प्रकाशन. पृ॰ 71. लक्ष्मीसागर, वार्ष्णेय... |
लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद से) हिन्दी आलोचना की परम्परा और आचार्य रामचन्द्र शुक्ल - 1986 आलोचना के प्रगतिशील आयाम - 1987 (संशोधित-परिवर्धित संस्करण-2012... |