आदिकाल इन्हें भी देखें

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  • Thumbnail for आदिकाल
    साहित्य के इतिहास लेखन में आदिकाल सदा से विद्वानों के बीच विवाद का विषय रहा है। चाहे इसके नामकरण की बात हो या काल-विभाजन की, आदिकाल को लेकर इतिहासकारों व विद्वानों...
  • प्रारम्भ तथा आदिकाल नाम रखे । आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने इस काल का नाम वीरगाथा काल रखा है। इस नामकरण का आधार स्पष्ट करते हुए वे लिखते हैं- ...आदिकाल की इस दीर्घ...
  • Thumbnail for हिंदी साहित्य
    का बहुत बड़ा संरक्षक था। आदिकाल को वीरगाथा काल भी कहते हैं। आदिकाल को 1050 - 1375 तक के काल में विभाजित किया गया है। आदिकाल में वीररसात्मक ग्रंथो की प्रधानता...
  • गुजरात, दमन एंड दिव, राजस्थान, उत्तरप्रदेश में पायी जाती है। कतिया जाति आदिकाल से काठियावाड़ क्षत्रिय जाति से है जिसे काठियावाडी काठी, काठिया कहा जाता...
  • रासो काव्य (अनुभाग इन्हें भी देखें)
    रासो काव्य हिन्दी के आदिकाल में रचित ग्रन्थ हैं। ये अधिकतर वीर-गाथाओं से सबंधित होती हैं। पृथ्वीराजरासो प्रसिद्ध हिन्दी रासो काव्य है। रास साहित्य चारण...
  • भिन्न अर्थों में हुआ है। हजारीप्रसाद द्विवेदी ने अपने "हिंदी साहित्य का आदिकाल" शीर्षक ग्रंथ में लिखा है, संवत् 1715 की लिखी हुई एक प्रति से संगृहीत और...
  • पहुंचने की प्रवृति आदिकाल के इस साहित्य मे प्रस्फुटित हुई है। इसके प्रमुख कवि अमीर खुसरो और विद्यापति है हिंदी साहित्य के आदिकाल में लौकिक साहित्य विपुल...
  • Thumbnail for उपग्रही छल्ला
    शनि के छल्लो के नज़दीकी अध्ययन से पता लगा है के उसके छल्ले सौर मंडल के आदिकाल से बरक़रार हैं, यानि की अरबों वर्ष से स्थाई हैं। गैस दानव शनि सौर मण्डल...
  • साहित्य का आलोचनात्मक विवरण भी दे दिया गया था। अब यह साहित्येतिहास की पुस्तक एक मुकम्मल पुस्तक का रूप ले चुकी थी। इस ग्रन्थ में आदिकाल यानी वीरगाथा काल का अपभ्रंश...
  • चंदबरदाई (श्रेणी आदिकाल के कवि)
    काव्य माना जाता है। पृथ्वीराज रासो पृथ्वीराज चौहान मोहम्मद ग़ोरी हिन्दी कवि आदिकाल चन्द बरदाई ‘हिन्दी साहित्यकार चित्रावली’, प्रकाशक एवं मुद्रक : हिन्दी बुक...
  • Thumbnail for धनुष
    धनुष (अनुभाग इन्हें भी देखें)
    जिसका चलन आज भी है। आहार और आत्मरक्षा के लिए संसार के सभी भागों में अन्य हथियारों की अपेक्षा धनुष-बाण का प्रयोग सर्वाधिक और व्यापक हुआ है। आदिकाल से लेकर 16वीं...
  • Thumbnail for प्रौद्योगिकी
    लोग प्रौद्योगिकी को व्यवसाय रूप में अपनाते है उन्हे अभियन्ता कहा जाता है। आदिकाल से मानव तकनीक का प्रयोग करता आ रहा है। आधुनिक सभ्यता के विकास में तकनीकी...
  • लाल दोहा चालीसा विप्र सुदामा (खण्ड काव्य ) लाल नीति संग्रह भाग -1 लाल नीति संग्रह भाग -2 जाल-पत्रिका आदिकाल भक्ति काल रीति काल आधुनिक काल हिंदी साहित्य...
  • Thumbnail for मलिक मोहम्मद जायसी
    नागमती के वियोग का अनूठा वर्णन है। इसकी भाषा अवधी है और इसकी रचना-शैली पर आदिकाल के जैन कवियों की दोहा चौपाई पद्धति का प्रभाव पड़ा है। आचार्य रामचंद्र शुक्ल...
  • Thumbnail for मेघनाद
    महायज्ञ भी करना बहुत कठिन है। यह भी कहा जाता है कि मेघनाद का नाम उन योद्धाओं में लिया जाता है जोकि आदिकाल से इन महायज्ञ को करने में सफल हो पाए हैं। ऐसा भी कहा...
  • Thumbnail for बारामूला ज़िला
    सूअर होता है और "मूल" का अर्थ उसका पैना दांत है। मान्यता है कि कश्मीर घाटी आदिकाल में एक सतिसर (या सतिसरस) नामक झील के नीचे डूबी हुई थी, जिसमें जलोद्भव नामक...
  • Thumbnail for रामगढ़ क्रेटर
    बाराँ ज़िले के मांगरोल बस्ती के पास स्थित एक क्रेटर है। माना जाता है कि यह आदिकाल में अंतरिक्ष से किसी उल्का गिरने के प्रहार से बना था। इस क्रेटर का व्यास...
  • नेपाल तथा तिब्बत के बीच में रहने वाले जनजाति समुदाय का नाम है। यह समुदाय आदिकाल से भारत, नेपाल की मुख्यधारा और तिब्बत के सुदूर पश्चिमी क्षेत्र को जोडने...
  • Thumbnail for निदान
    लक्षणों का आधारभूत कारण और उसके द्वारा उत्पन्न विकृति का सही रूप समझा जाए। आदिकाल से मनुष्य शारीरिक और मानसिक व्याधियों से ग्रस्त होता रहा है। कष्ट से छुटकारा...
  • स्मार्त सम्प्रदाय (अनुभाग इन्हें भी देखें)
    ऋषियों ने जिन वेदमन्त्रों का साक्षात्कार सृष्टि के आदिकाल में किया था, उन्हीं ने उनके अर्थों को भी सही रूप में समझा था , अतः वेदों के अर्थ को विस्तार...
  • आदिकाल विविध और परस्परविरोधी प्रवृत्तियों का काल है| हर्षवर्धन के बाद किसी ने केंद्रीय सत्ता स्थापित नहीं की| युद्ध या बाहरी हमलों का कोई प्रभाव जनता पर
  • दृष्टि से 'आदिकाल' का लक्षण-निरूपण और नामकरण हो सकता है। इनमे से अंतिम दो तथा बीसलदेव रासो को छोड़कर शेष सब ग्रंथ वीरगाथात्मक ही हैं। अतः आदिकाल का नाम 'वीरगाथा-काल'
  • असुरानभ्यवर्तयन् । गवामश्वानां वयसश्च विष्ठा भगं वर्चः पृथिवी नो दधातु ॥४॥ इस पर आदिकाल से हमारे पूर्वज विचरण करते रहे, इस पर देवों (सात्विक शक्तियों) ने असुरों(तामसिक
  • का वर्णन हो । उ॰—अब भी 'लिखित मुनि' का चरित वह लिखित है इतिहास में ।— भारत॰, पृ॰ १० । १. किसी विषय में संबंधित तथ्यों का आदिकाल से वर्तमान समय तक का
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