श्री पीताम्बरा पीठ मध्य प्रदेश राज्यक दतिया शहरमे स्थित एक हिन्दू मन्दिर परिसर (एक आश्रम सहित) छी। ई बहुत रास पौराणिक कथासभक संग-संग वास्तविक जीवनमे लोकक 'तपस्थली' (ध्यानक स्थान) छी। एतय स्थित श्री वनखंडेश्वर शिव के शिवलिंगके महाभारतके समकालीनके रूपमे अनुमोदित कएल जाइत अछि। ई मुख्य रूप सँ शक्ति (देवी माता कें समर्पित) क पूजा स्थल छी।
पीताम्बरा पीठ | |
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अवस्थिति | |
स्थान: | दतिया, मध्य प्रदेश, भारत |
निर्देशाङ्क: | २५°२९′५०.१″उ॰ ७८°२७′४३.२″पू॰ / २५.४९७२५०°N ७८.४६२०००°E |
वेबसाइट: | www.shripitambarapeeth.in |
पीताम्बरा पीठक स्थापना एक सिद्ध संत, जिनका लोक 'स्वामीजी महाराज' कहैत छल, १९३५ मे दतियाक राजा शत्रुजीत सिंह बुन्देलाक सहयोगसँ केने छल। कहियो एहि स्थान पर श्मशान होइत छल। श्री स्वामी महाराज बचपने सँ संन्यास लेलनि। केओ नहि जनैत छल जे ओ कतऽ सँ आयल छल, आ ने केओ जनैत छल जे ओकर नाम की छलैक, आ ने ओ ई बात ककरो बतौलनि। मुदा ओ अपन प्रजाक आचार्य दण्डी स्वामी छलाह, आ एक स्वतन्त्र ब्रह्मचारी संतक रूपमे दतियामे अधिक समय धरि रहलाह। ओ अनेको लोकनिक लेल एक आध्यात्मिक प्रतीक छल आ एखनहुँ प्रत्यक्ष वा अप्रत्यक्ष रूप सँ हुनका सँ जुड़ल अछि। ओ मानवता आ देशक संरक्षण आ कल्याणक लेल अनेक अनुष्ठान आ साधनाक नेतृत्व केलक। गढ़ी मालेहड़ा कें पं. श्री गया प्रसाद नायकजी (बाबूजी) स्वामीजीक ज्ञानक लेल प्रसिद्ध छथि। पूज्य स्वामीजी महाराज आ बाबूजीक गुरुजी गुरुभाई छलाह। स्वामीजी प्रकाण्ड विद्वान आ प्रसिद्ध लेखक छलाह। ओ संस्कृत आ हिन्दीमे सेहो बहुत रास पोथी लिखने छलाह।
श्री पीताम्बरा पीठ, बगलामुखीक सबसँ प्रसिद्ध मन्दिरसभमे सँ एक अछि, जेकर स्थापना श्रीस्वामीजी द्वारा १९२० क दशकमे कएल गेल छल। ओ आश्रममे धूमावती देवीक मन्दिरक स्थापना सेहो केने छल, जे देशभरिमे एक मात्र अछि। धूमावती आ बगलामुखी दस महाविद्या मे सँ दू अछि। एकर अतिरिक्त, आश्रमक विशाल क्षेत्रमे परशुराम, हनुमान, कालभैरव आ अन्य देवी-देवतासभक मन्दिर फैलल अछि।
वर्तमानमे एक ट्रस्ट द्वारा पीठक रखरखाव कएल जाइत अछि। एकटा संस्कृत पुस्तकालय अछि जे श्रीस्वामीजी द्वारा स्थापित कएल गेल छल, आ आश्रम द्वारा रखरखाव कएल जाइत अछि। आश्रमक इतिहास आ विभिन्न प्रकारक साधना आ तंत्रक गुप्त मंत्रक व्याख्या करैत किताब प्राप्त कए सकैत अछि। आश्रमक एकटा अनूठा विशेषता अछि जे ई संस्कृत भाषाक प्रकाश छोट बच्चासभ तक पहुँचएबाक प्रयास करैत अछि, जे निःशुल्क अछि। आश्रममे वर्षो सँ संस्कृत वाद-विवाद कराओल जाइत रहल अछि।
माँ पीताम्बरा, बगलामुखीक स्वभाव रक्षात्मक अछि। पीताम्बरा पीठ मंदिरक संग एकटा ऐतिहासिक सत्य सेहो जुड़ल अछि। सन् १९६२ मे चिन भारत पर आक्रमण केलक। ओहि समय देशक प्रधानमंत्री नेहरू छलाह। भारतक मित्र देश रूस आ मिस्र सेहो सहयोग देबाक लेल मना कऽ देने छल। तखने एकटा योगी नेहरू सँ कहलनि जे स्वामी महाराज सँ भेटू। ओहि समय नेहरू दतिया आयल आ स्वामीजी सँ भेटल। स्वामी महाराज राष्ट्रहितमे एक ५१ कुण्डीय महाबलि करबाक बात कहलनि। यज्ञमे सिद्ध पंडितसभ, तान्त्रिकसभ आ प्रधानमन्त्री नेहरूके यज्ञक मेजबान बनाके यज्ञ प्रारम्भ कएल गेल छल। यज्ञक नवम दिन जखन यज्ञ समाप्त होमय जा रहल छल तखने 'संयुक्त राष्ट्र संघ' सँ नेहरूजी केँ संदेश भेटलनि जे चिन आक्रमण रोकि देने अछि, आ ११म दिन अंतिम बलिदानक संग चिन अपन सेना वापस बजौने छल। मन्दिर प्रांगणमे ओ यज्ञशाला आइयो बनल अछि। एही प्रकार सन् १९६५ आ १९७१ क भारत - पाकिस्तान युद्ध मे सेहो एहिठाम गुप्त रूप सँ पुनः साधना आ यज्ञ कराओल गेल छल।
पीठ, मध्य प्रदेशक दतिया शहरमे स्थित अछि, निकटतम हवाई अड्डा ग्वालियर लगभग ७५ किमी आ झाँसी २९ किमी दूर स्थित अछि। एकर अलावा ई रेल मार्ग सँ सेहो नीक सँ जुड़ल अछि आ आश्रम दतिया रेलवे स्टेशन सँ लगभग ३ किमी दूर अछि।
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