जगत प्रकाश नड्डा एक भारतीय राजनीतिज्ञ तथा वर्तमान भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं भारत के वरिष्ठ सदन राज्यसभा के सांसद हैं।
जगत प्रकाश नड्डा | |
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जगत प्रकाश नड्डा | |
पदस्थ | |
कार्यालय ग्रहण २० जनवरी २०२० | |
पूर्वा धिकारी | अमित शाह |
पदस्थ | |
कार्यालय ग्रहण 2012 | |
चुनाव-क्षेत्र | हिमाचल प्रदेश |
पद बहाल १७ जून २०१९ – २० जनवरी २०२० | |
पूर्वा धिकारी | पद स्थापित |
पद बहाल 9 नवम्बर 2014 – 24 मई 2019 | |
प्रधानमंत्री | नरेन्द्र मोदी |
पूर्वा धिकारी | डॉ. हर्षवर्धन |
जन्म | 2 दिसम्बर १९६० पटना, बिहार |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
राजनीतिक दल | भारतीय जनता पार्टी |
जीवन संगी | डॉ. मल्लिका नड्डा |
बच्चे | 2 |
धर्म | हिन्दू |
पटना में 1960 में जन्में जगत प्रकाश नड्डा ने बीए और एलएलबी की परीक्षा पटना से पास की थी और शुरु से ही वे एबीवीपी से जुड़े हुये थे. अपने राजनीतिक करियर में नड्डा जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, केरल, राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के प्रभारी और चुनाव प्रभारी रहे |
1978 में एबीवीपी से जुड़कर छात्र राजनीति शुरू की. इसके बाद 1991 से 1994 के बीच भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे | उनकी पत्नी मल्लिका नड्डा भी 1988 से 1999 तक एबीवीपी की राष्ट्रीय महासचिव रहीं. 2014 में मोदी सरकार में मंत्री बनने से पहले वह नितिन गडकरी और राजनाथ सिंह के अध्यक्ष रहते पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रहे. 2012 और 2018 में बीजेपी ने उन्हें राज्यसभा भेजा |
वे पहली बार 1993 में हिमाचल प्रदेश से विधायक चुने गये और 1994 से लेकर 1998 तक राज्य विधानसभा में पार्टी के नेता रहे | इसके बाद वे दुबारा 1998 में फिर विधायक चुने गये. इस बार उन्हें स्वास्थ्य और संसदीय मामलों का मंत्री बनाया गया |
2007 में उन्हें फिर से चुनाव जीतने का अवसर मिला और प्रेम कुमार धूमल की सरकार में उन्हें वन-पर्यावरण, विज्ञान व टेक्नालॉजी विभाग का मंत्री बनाया गया | वर्ष 2010 के पहले तक जगत प्रसाद नड्डा यानी जेपी नड्डा हिमाचल प्रदेश की राजनीति तक सीमित थे. तब वह प्रेम कुमार धूमल सरकार में वन मंत्री थे | कुछ वजहों से मुख्यमंत्री धूमल के साथ मतभेद बढ़ने पर 2010 में उन्हें वन मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था |
2014 के लोकसभा चुनाव के वक्त जेपी नड्डा ने बीजेपी मुख्यालय से पूरे देश में पार्टी की चुनाव कैंपेनिंग की मॉनिटरिंग की थी | उस वक्त उनका काम कैंपेनिंग में जुटी विभिन्न समितियों से लेकर नेताओं की रैलियों आदि के समन्वय का था. सपा-बसपा गठबंधन के चलते यूपी का लोकसभा चुनाव बेहद अहम और कठिन हो चला था | पार्टी ने जनवरी, 2019 में उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाकर भेजा. शाह ने गठबंधन की काट के लिए 50 प्रतिशत वोट शेयर का टारगेट तय किया था | जेपी नड्डा ने अपनी रणनीतियों के दम पर 49 फीसद से अधिक वोट शेयर पार्टी के लिए जुटाने में सफल रहे. नतीजा रहा कि बीजेपी और सहयोगी अपना दल ने कुल मिलाकर 64 सीटें जीतीं |
20 जनवरी 2020 को उन्हें भारतीय जनता पार्टी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। सितम्बर 2022 में जगत प्रकाश नड्डा का कार्यकाल बढ़ाकर 2024 तक कर दिया गया हैं।
ईसा वर्षा 2023 में बागेश्वर नाम के पीठाधीश्वर श्री धीरेन्द्र शास्त्री ने भारत देश को हिन्दू राष्ट्र बनाने की मांग की। इस के समर्थन में देश में व्यापक स्तर पर ये मांग उठने लगी तो कई भाजपा नेताओं ने भी इस मांग का समर्थन कर दिया। तब भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने इसका विरोध किया और अपने संगठन के नेताओं को हिदायत दी की हिन्दू राष्ट्र का समर्थन न करें और ऐसे बयान न दें।
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