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काकभुशुण्डि ( संस्कृत: काकभुशुण्डि ), जिसे भुशुंडी भी कहा जाता है, हिंदू साहित्य में चित्रित एक ऋषि हैं। वह रामचरितमानस के पात्रों में से एक हैं, संत तुलसीदास... |
उस कथा को एक कौवे ने भी सुन लिया। उसी कौवे का पुनर्जन्म काकभुशुण्डि के रूप में हुआ। काकभुशुण्डि को पूर्वजन्म में भगवान शंकर के मुख से सुनी वह राम कथा पूरी... |
भगवान शंकर ने भी गरुड़ को उनका सन्देह मिटाने के लिये काकभुशुण्डि जी के पास भेज दिया। अन्त में काकभुशुण्डि जी राम के चरित्र की पवित्र कथा सुना कर गरुड़ के सन्देह... |
शिव-पार्वती संवाद, गरुड़ मोह तथा गरुड़ जी का काकभुशुण्डि जी से रामकथा एवं राम-महिमा सुनना, काकभुशुण्डि जी के पूर्वजन्म की कथा, ज्ञान-भक्ति निरूपण, ज्ञानदीपक... |
लोकपाल और हेमकुंड को गया है| इस तरह जोशीमठ से हेमकुंड २४ किलोमीटर दूर है| काकभुशुण्डी तीर्थ और लोकपाल सरोवर भी यहाँ आसपास दर्शनीय हैं| हेमकुंड को 'स्न्रो लेक'... |
है। इसे प्रत्यक्ष परमेश्वर समझना चाहिए। भगवान श्रीराम ने कौशल्या और काकभुशुण्डि को एवं भगवान श्रीकृष्ण ने यशोदा तथा अर्जुन को विराट् रूप दिखाते हुए विश्व... |
सूरी - शांतनु और ज्ञानवंती के पुत्र; दशरथ द्वारा मारा गया राजा कापसे काकभुशुण्डि के रूप में - राम के भक्त, एक मनुष्य ऋषि लोमश के श्राप से कौवे में बदल... |
ब्रह्माण्ड में आनन्द निःसृत होता है। वह मयूर की केकी (केककेकाकः) एवं काक (काकभुशुण्डि) की काँव-काँव (काककाकाककः) में आनन्द और हर्ष की अनुभूति करते हैं। उनसे... |