ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन या एआईएमआईएम (हिंदी अनुवादः अखिल भारतीय मुस्लिम एकता संघ) भारत के तेलंगाना राज्य में स्थित एक मान्यताप्राप्त राजनीतिक दल है,जिसका हैदराबाद के पुराने शहर में प्रधान कार्यालय है, जिसकी जड़ें मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन से हैं जो 1927 में ब्रिटिश भारत के हैदराबाद स्टेट में स्थापित हुई थी।। यह भारतीय राज्यों तेलंगाना, महाराष्ट्र और बिहार में भी एक महत्वपूर्ण राजनीतिक दल है। एआईएमआईएम ने 1984 से हैदराबाद निर्वाचन क्षेत्र लोकसभा सीट जीती है। 2014 के तेलंगाना विधानसभा चुनावों में, एआईएमआईएम ने सात सीटों पर जीत हासिल की और भारत के चुनाव आयोग द्वारा 'राज्य पार्टी' के रूप में मान्यता प्राप्त की। इस पार्टी के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी हैं।

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन
संक्षेपाक्षर एआईएमआईएम (AIMIM)
नेता लोकसभा असदुद्दीन ओवैसी
गठन 12 नवम्बर 1927 (96 वर्ष पूर्व) (1927-11-12)
मुख्यालय दारुस्सलाम बोर्ड, हैदराबाद, तेलंगाना, भारत - 500001
गठबंधन

संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (2008-2012)
AIMIM+वंचित बहुजन आघाड़ी ((2019) (महाराष्ट्र)
अम्मा मक्कल मुन्नेत्र कज़गम+ (2021) (तमिलनाडु)
भारतीय ट्राइबल पार्टी+ (2021-2022) (गुजरात)
ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेक्युलर फ्रंट (2020) (बिहार)
भागीदारी परिवर्तन मोर्चा (2022)

(उत्तर प्रदेश)
लोकसभा मे सीटों की संख्या
2 / 543
राज्यसभा मे सीटों की संख्या
0 / 245
राज्य विधानसभा में सीटों की संख्या
7 / 119
तेलंगाना विधानसभा
2 / 288
महाराष्ट्र विधानसभा
1 / 243
बिहार विधानसभा
विचारधारा

समग्र राष्ट्रवाद
दलित अधिकार]

अल्पसंख्यक अधिकार
रंग      हरा
जालस्थल aimim.org
Election symbol
भारत की राजनीति
राजनैतिक दल
चुनाव

इतिहास

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन 
Qaaid-e-Millat Nawab बहादुर यार जंग led MIM from 1938 to 1944

मजलिस के इतिहास को दो हिस्सों में बांटा जा सकता है। 1928 में नवाब महमूद नवाज़ खान के हाथों स्थापना से लेकर 1948 तक जबकि यह संगठन हैदराबाद को एक अलग मुस्लिम राज्य बनाए रखने की वकालत करता था। 1938 में, बहादुर यार जंग एमआईएम के अध्यक्ष चुने गए, जिसका सांस्कृतिक और धार्मिक घोषणापत्र था। इसने जल्द ही राजनीतिक रंग ले लिया और 1944 में बहादुर यार जंग की मृत्यु के बाद कासिम रिजवी को नेता के रूप में चुना गया। इस संगठन के संस्थापक सदस्यों में हैदराबाद के राजनेता सैयद कासिम रिजवी भी शामिल थे जो रजाकार नाम के हथियारबंद हिंसक संगठन के सरगना भी थे। एमआईएम को खड़ा करने में इन रजाकारों की अहम भूमिका थी।।

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन 
कासिम रिजवी led MIM (Ittehad) from 1944 to 1948

उस पर 1948 में हैदराबाद स्टेट के भारत में विलय के बाद भारत सरकार ने प्रतिबन्ध लगा दिया था।

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन 
अब्दुल वाहेद ओवैसी – Revived AIMIM in 1958

और दूसरा भाग जो 1957 में इस पार्टी की बहाली के बाद शुरू हुआ जब उस ने अपने नाम में "ऑल इंडिया" जोड़ा और साथ ही अपने संविधान को बदला। कासिम राजवी ने, जो हैदराबाद राज्य के विरुद्ध भारत सरकार की कारवाई के समय मजलिस के अध्यक्ष थे और गिरफ्तार कर लिए गए थे, पाकिस्तान चले जाने से पहले इस पार्टी की बागडोर उस समय के एक मशहूर वकील अब्दुल वहाद ओवैसी के हवाले कर गए थे।

उसके बाद से यह पार्टी इसी परिवार के हाथ में रही है। अब्दुल वाहेद के बाद सलाहुद्दीन ओवैसी उसके अध्यक्ष बने और अब उनके पुत्र असदुद्दीन ओवैसी उस के अध्यक्ष और सांसद हैं जब उनके छोटे भाई अकबरुद्दीन ओवैसी विधान सभा में पार्टी के नेता हैं।

इस परिवार और मजलिस के नेताओं पर यह आरोप लगते रहे हैं की वो अपने भड़काओ भाषणों से हैदराबाद में साम्प्रदायिक तनाव को बढ़ावा देते रहे हैं। लेकिन दूसरी और मजलिस के समर्थक उसे भारतीय जनता पार्टी और दूसरे हिन्दू संगठनों का जवाब देने वाली शक्ति के रूप में देखते हैं।

राजनैतिक शक्ति के साथ साथ ओवैसी परिवार का एक मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज, कई दूसरे कालेज और दो अस्पताल भी शामिल हैं।

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन 
पार्टी के वर्तमान अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी.

एइएमइएम ने अपनी पहली चुनावी जीत 1960 में दर्ज की जब की सलाहुद्दीन ओवैसी हैदराबाद नगर पालिका के लिए चुने गए और फिर दो वर्ष बाद वो विधान सभा के सदस्य बने तब से मजलिस की शक्ति लगातार बढती गई

सन 2018 में, एआईएमआईएम ने महाराष्ट्र में प्रकाश आम्बेडकर की नयी पार्टी वंचित बहुजन आघाड़ी के साथ गठबंधन किया हैं। यह राजनीतिक दल महाराष्ट्र लोकसभा चुनाव 2019 में राज्य के कुल 48 सीटों में से 47 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है, और औरंगाबाद की 1 सिट पर एआईएमआईएम जीत दर्ज़ की है।

नेतृत्व

पद पदाधिकारी संवैधानिक पद
राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी हैदराबाद के सांसद
राष्ट्रीय महासचिव सैयद अहमद पाशा कादरी विधायक, याकूतपुरा, तेलंगाना
राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान पूर्व विधायक, महाराष्ट्र
राष्ट्रीय प्रवक्ता आसिम वकार
तेलंगाना विधान सभा में दल के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी विधायक, चन्द्रायनगुट्टा, तेलंगाना
कर्नाटक प्रदेश अध्यक्ष उस्मान गनी हमनाबादी
तमिलनाडु प्रदेश अध्यक्ष अब्दुल रहींम खान
गुजरात प्रदेश अध्यक्ष सबीरभाई काबिलवाला पूर्व विधायक, गुजरात
महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष इम्तियाज़ जलील औरंगाबाद के सांसद
झारखंड प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद शाकिर अंसारी
बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान विधायक, अमौर, बिहार
दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष कलीमउल हाफ़िज़
उत्तर प्रदेश प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली
उत्तराखण्ड प्रदेश अध्यक्ष नय्यर कजमी
बिहार सुपौल जिल अध्यक्ष मो० औसीम

चुनावी भागीदारी

आंध्र प्रदेश/तेलंगाना

महाराष्ट्र

बिहार

चुनावी प्रदर्शन

लोकसभा चुनाव

लोकसभा चुनाव वर्ष सीटें प्राप्त मत राज्य (सीटें) संदर्भ
लड़ीं जीतीं # %
सत्रहवीं लोकसभा 2019 3 2 12,01,542 0.2 तेलंगाना (१)
महाराष्ट्र (१)

लोकसभा सांसद

लोकसभा चुनाव वर्ष राज्य लोस नि क्षेत्र सांसद
नवीं लोकसभा १९८९ आंध्र प्रदेश हैदराबाद सुल्तान सलाहुद्दीन ओवैसी
दसवीं लोकसभा १९९१
ग्यारहवीं लोकसभा १९९६
बारहवीं लोकसभा १९९८
तेरहवीं लोकसभा १९९९
चौदहवीं लोकसभा २००४ आंध्र प्रदेश हैदराबाद असदुद्दीन ओवैसी
पंद्रहवीं लोकसभा २००९
सोलहवीं लोकसभा २०१४ तेलंगाना हैदराबाद
सत्रहवीं लोकसभा २०१९ महाराष्ट्र औरंगाबाद सैयद इम्तियाज़ जलील
तेलंगाना हैदराबाद असदुद्दीन ओवैसी

तेलंगाना विधानसभा

विधानसभा चुनाव वर्ष सीटें प्राप्त मत संदर्भ
लड़ीं जीतीं # %
प्रथम विधानसभा 2014 35 7 7,37,134 1.52
द्वितीय विधानसभा 2018 8 7 5,61,091 2.71
तृतीय विधानसभा 2023 9 7 5,19,379 2.22

विधानसभा-वार विधायकों की सूची

विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विधायकों की सूची
जिला क्र. क्षेत्र नाम प्रथम विधानसभा द्वितीय विधानसभा तृतीय विधानसभा
हैदराबाद 58 मालकपेट अहमद बिन अब्दुल्ला बलाला अहमद बिन अब्दुल्ला बलाला अहमद बिन अब्दुल्ला बलाला
63 नामपल्ली जफ्फार हुसैन जफ्फार हुसैन मोहम्मद माजिद हुसैन
64 कारवां कौसर मुहिउद्दीन कौसर मुहिउद्दीन कौसर मुहिउद्दीन
66 चारमीनार सैयद अहमद पाशा क़ादरी मुमताज़ अहमद ख़ान मीर ज़ुलफ़िक़ार अली
67 चन्द्रायनगुट्टा अकबरुद्दीन ओवैसी अकबरुद्दीन ओवैसी अकबरुद्दीन ओवैसी
68 याकूतपुरा मुमताज़ अहमद ख़ान सैयद अहमद पाशा क़ादरी जफ्फार हुसैन
69 बहादुरपुरा मो. मोआज़म ख़ान मो. मोआज़म ख़ान मोहम्मद मुबीन

बिहार विधानसभा

विधानसभा चुनाव वर्ष सीटें प्राप्त मत संदर्भ
लड़ीं जीतीं # %
सत्रहवीं विधानसभा 2020 20 5 5,23,279 1.24
चुनाव विस नि क्षेत्र विजेता टीप संदर्भ
२०१९
(उपचुनाव)
किशनगंज कमरुल हुदा
२०२० अमौर अख्तरुल ईमान
जोकीहाट शाहनवाज आलम 29 जून 2022 को राजद में शामिल
बहादुरगंज मो.अंज़र नईमी
बायसी सैयद रुकनुद्दीन अहमद
कोचाधामन मो. इज़हार अस्फी

महाराष्ट्र विधानसभा

विधानसभा चुनाव वर्ष सीटें प्राप्त मत लड़ी सीटों पर मत% संदर्भ
लड़ीं जीतीं # %
तेरहवीं विधानसभा 2014 24 2 4,89,614 0.93 13.16
चौदहवीं विधानसभा 2019 44 2 7,37,888 1.34 9.24
चुनाव वर्ष विस नि क्षेत्र विजेता
2014 औरंगाबाद मध्य इम्तियाज जलील
भायखला (मुंबई) वारिस पठान
2019 धुले नगर शाह फ़ारूक़ अनवर
मालेगांव मध्य मुहम्मद इस्माइल क़ासमी

सांप्रदायिकता का आरोप

बढ़ती हुई लोकप्रियता के साथ साथ सलाहुद्दीन ओवैसी "सलार-ए-मिल्लत" (मुसलमानों के नेता) के नाम से मशहूर हुए. वर्ष 1984 में वो पहली बार हैदराबाद से लोक सभा के लिए चुने गए साथ ही विधान सभा में भी उस के सदस्यों की संख्या बढती गई हालाँकि कई बार इस पार्टी पर एक सांप्रदायिक दल होने के आरोप लगे लेकिन आंध्र प्रदेश की बड़ी राजनैतिक पार्टिया कांग्रेस और तेलुगुदेसम दोनों ने अलग अलग समय पर उससे गठबंधन बनाए रखा.

दिलचस्प बात यह है की हैदराबाद नगरपालिका में यह गठबंधन अभी भी जारी है और कांग्रेस के समर्थन से ही मजलिस को मेयर का पद मिला है।

2009 के चुनाव में एइएमइएम ने विधान सभा की सात सीटें जीतीं जो की उसे अपने इतिहास में मिलने वाली सब से ज्यादा सीटें थीं. कांग्रेस के साथ उस की लगभग 12 वर्ष से चली आ रही दोस्ती में दो महीने पहले उस समय अचानक दरार पड़ गई जब चारमीनार के निकट एक मंदिर के निर्माण के विषय ने एक विस्फोटक मोड़ ले लिया.

मजलिस ने कांग्रेस सरकार पर मुस्लिम-विरोधी नीतियां अपनाने का आरोप लगाया और उस से अपना समर्थन वापस ले लिया. अकबरुद्दीन ओवैसी के तथाकथित भाषण को लेकर जो हंगामा खड़ा हुआ है और जिस तरह उन्हें गिरफ्तार करके जेल भेज गया है उसे कांग्रेस और मजलिस के टकराव के परिप्रेक्ष्य में देखा जा रहा है।

अधिकतर हैदराबाद तक सीमित मजलिस अब अपना प्रभाव आंध्र प्रदेश के दूसरे जिलों और पडोसी राज्यों महाराष्ट्र और कर्नाटक तक फैलाने की कोशिश कर रही है।

हाल ही में उस ने महाराष्ट्र के नांदेड़ नगर पालिका में 11 सीटें जीत कर हलचल मचा दी है। आंध्र प्रदेश में कांग्रेस इस संभावना से परेशान है कि 2014 के चुनाव में एइएमइएम जगनमोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस के साथ हाथ मिला सकती है। अकबरुद्दीन ओवैसी की गिरफ्तारी के बाद तो मजलिस और कांग्रेस के बीच किसी समझौते की सम्भावना नहीं रह गई.

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ

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