ऐतरेयब्राह्मणम् व्याख्याः

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  • स्थाने ‘ल’ इत्यस्य बहुलप्रयोगोऽस्मिन् ब्राह्मणे कृतः। अस्योपरि तिस्रः व्याख्याः प्राप्यन्ते। ( १ ) सायणकृतभाष्यम् ( स० आनन्दाश्रमः सं० सीरिज पूनातः प्रकाशिता...

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