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होता है, उसे सर्वनाम कहते हैं। सर्वनाम शब्द का अर्थ है- सब का नाम। संज्ञा जहाँ केवल उसी नाम का बोध कराती है, जिसका वह नाम है, वहाँ सर्वनाम से केवल एक के... |
हिन्दी व्याकरण (अनुभाग सर्वनाम) है। सर्वनाम के भेद सर्वनाम के छह प्रकार के भेद हैं- पुरुषवाचक (व्यक्तिवाचक) सर्वनाम। निश्चयवाचक सर्वनाम। अनिश्चयवाचक सर्वनाम। संबन्धवाचक सर्वनाम। प्रश्नवाचक... |
l । जिस विशेषण से किसी संज्ञा अथवा सर्वनाम का गुण प्रकट हो, उसे गुणवाचक विशेषण कहते हैं। जैसे :- गुण : अच्छा,चालाक,बुद्धिमान आदि आठवण: बुरा,गंदा,दुष्ट... |
जहां उपमेय (संज्ञा) का निषेध करके उपमान (सर्वनाम) की स्थापना की जाए, वहां अपह्नुति अलंकार होता है। यथा- मैं जो कहा रघुवीर कृपाला। बंधु न होइ मोर यह काला।।... |
की क्रिया या भाव' या 'विभाग' या 'बाँट'। हिंदी व्याकरण में शब्द (संज्ञा, सर्वनाम तथा विशेषण) के आगे लगा हुआ वह प्रत्यय या चिह्न विभक्ति कहलाता है जिससे... |
फ़ारसी जैसे भाषाओं में लिंग होता नहीं, और भी अंग्रेज़ी में लिंग सिर्फ़ सर्वनाम में होता है। उदाहरण:- मोहन पढ़ता है। ('पढ़ता' का रूप पुल्लिंग है, इसका... |
में संज्ञा या सर्वनाम शब्द की वह अवस्था जिसके द्वारा वाक्य में उसका क्रिया के साथ संबंध प्रकट होता है उसे कारक कहते हैं। संज्ञा या सर्वनाम का क्रिया से... |
'विधेय' (प्रेडिकेट) कहलाता है। उदाहरण के लिये, काला कुत्ता बकरी को दौड़ाने लगा, इस वाक्य में 'काला कुत्ता' कर्ता है। कर्म क्रिया संज्ञा सर्वनाम विशेषण... |
विभाजित किया है। वह – नाम, क्रिया और अव्यय है। इसमें से नाम और क्रिया सर्वनाम, विशेषण और क्रियाविशेषण में भी विभाजित हो सकते है यह उपयोग कर्ता के उपर... |
भाषाविज्ञान में वचन (नम्बर) एक संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया आदि की व्याकरण सम्बन्धी श्रेणी है जो इनकी संख्या की सूचना देती है (एक, दो, आदि) किन्तु... |
लिए समर्पित थी। इस पुस्तक ने भाषण के दस भागों को स्थापित किया: संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया, कृदंत, पूर्वसर्ग, क्रियाविशेषण, विस्मयादिबोधक, संयोजन, क्रियावाचक... |
प्रत्यय लगाकर बनती है। जैसे: लिखना, लिखवाना, लिखाया नाम धातु: संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण शब्दों में प्रत्यय लगाकर बनती है। मिश्र धातु: संज्ञा, विशेषण... |
जाता है: रे मन ! अर्थात 'हे मन' ! ('रे' सम्बन्ध में निकटता, जिसके प्रति 'तू' सर्वनाम का प्रयोग कर सकते हैं, व्यक्त करने के साथ-साथ आज्ञा सूचक भी है।)... |
सारी भाषाओं की माता है। अध्याय दो में संज्ञा एवं विशेषण, अध्याय तीन में सर्वनाम, अध्याय चार में क्रिया, अध्याय पांच में अव्यय (परसर्ग, क्रिया विशेषण, समुच्चय... |
दिए गए हैं। फीनिश भाषा में, क्रिया पद में सर्वनामों का अपना ही अलग समापन होता है। इन क्रिया पदों को सर्वनाम के बगैर (he/she=han को छोड़कर) भी इस्तेमाल... |
है-1.विकारी शब्द 2.अविकारी शब्द 1-विकारी शब्द के चार भेद होते है संज्ञा सर्वनाम विशेषण क्रिया अविकारी शब्द के चार भेद होते है क्रिया विशेषण संबंधबोधक समुच्चयबोधक... |
स्वरूप, स्थान तथा वैलक्षण्य का वर्णन है। भूमिका के अन्त में निपात, अव्यय, सर्वनाम, संज्ञा, समास आदि व्याकरण के विषयों की चर्चा है। यास्क के व्याकरण दृष्टि... |
हैं डॉ. सिन्हा के अनुसार, मैथिली, उड़िया, बंगाली और असमिया वालों के समान सर्वनाम और व्याख्यात्मक और संयुग्मक अंत के समान या निकटता से संबंधित हैं। उड़िया... |
शब्दों के क्रम के नियम कड़े करना आवश्यक हो गया। स्वराघातहीन व्यक्तिवाचक सर्वनाम के प्रयोग के क्रम के विषय में जटिल नियम है और ब्राजील की पुर्तगाली में... |
या नाममात्र (वाक्यांश), एक ऐसा वाक्यांश है जिसका मुखिया एक संज्ञा या सर्वनाम होता है या जो संज्ञा के समान व्याकरणिक कार्य करता है।संज्ञा वाक्यांश क्रॉस-भाषाई... |