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यक्ष्मा, तपेदिक, क्षयरोग, एमटीबी या टीबी (tubercle bacillus का लघु रूप) एक आम और कई मामलों में घातक संक्रामक बीमारी है जो माइक्रोबैक्टीरिया, आमतौर पर... |
ग्रंथियों, विशेषत: ग्रीवा की लसीका ग्रंथियों में दोष उत्पन्न हो जाता है। यक्ष्मा प्रकृति के बच्चों में यह रोग प्राय: अधिक होता है। इस रोग में लसीका ग्रंथियाँ... |
फुफ्फुस-विद्रधि, यक्ष्मा, फुफ्फुसों के फंगस रोग। (ख) यान्त्रिक कारण 1. धूम्रपान करने के कारण, धुंआ, धूल या क्षोभकारी गैसों के सूंघने के कारण हुए क्षोभ एवं... |
ग्रसनी शोथ (अनुभाग कारण) अवस्था उत्पन्न हो जाती है। छोटी चेचक (Chicken pox), मसूरिका (Measles), यक्ष्मा, उपदंश (Syphilis) आदि रोगों में भी ग्रसनीशोथ के लक्षण पाए जाते हैं। अत्यधिक... |
प्रयुक्त करने का सुझाव इन्हीं का है। उसी प्रकार रोलियर (Rollier) ने यक्ष्मा रोग (फुफ्फुस यक्ष्मा दोड़कर) की चिकित्सा में सूर्यकिरण-चिकित्सा (Heliotherapy या फोटोथिरैपी... |
कारण यह है कि कोई व्यक्ति ऐसी हवा में सांस लेता है जो साफ नहीं है, जैसे धूल या धुएं वाली हवा। फेफड़े कैंसर इन्फ्लुएंजा सारकॉइडोसिस न्यूमोनिया यक्ष्मा... |
(पेनिसीलीन, टेरामाइसीन, स्ट्रेप्टोमाइसीन) से पराजित कर लिया गया है; बालकों में यक्ष्मा (tuberculosis) भी होता है। यह बी.सी.जी. के टीके एवं अच्छे पोषण तथा शुद्ध... |
प्रतिस्थापक एवं विकलांगों के पुनर्वासक और विभिन्न प्रकार की आंत्र यक्ष्मा तथा फुफ्फुस यक्ष्मा की चिकित्सा तथा अन्य नैदानिक कार्यों में उपयोगी, (7) सुजनन, सुपोषण... |
समय इस रोग के फैलने से काम ठप्प हो जाते हैं। ब्रुसेलोसिस (brucellosis) यक्ष्मा या क्षय रोग, जींस डिज़ीज, स्तनकोप या थनेजा (mastitis), नाभी रोग (navel... |
ट्युबरक्युलिन (श्रेणी यक्ष्मा) (Tuberculin) एक प्रकार का अनुर्वर द्रव है, जिसका टीका लगाया जाता है। यह यक्ष्मा रोगाणु माइक्रोबैक्टिरियम ट्यूबरकुलोसिस के कृत्रिम संवर्धन से बनाया जाता... |
समशीतोष्ण किंतु अधिक उन्नत देशों में आभ्यंतरिक (दबी हुई) रहती हैं; परंतु यक्ष्मा (तपेदिक), उपदंश आदि व्याधियों पर, जो विश्व में समान रूप से फैली हुई हैं... |
है। ये कुछ विशिष्ट रोगों के सूक्ष्म जीवों के संक्रमण के कारण उत्पन्न होते हैं। ये रोग है : यक्ष्मा, सिफलिस आदि। इन व्रणों की चिकित्सा करते समय स्थानिक चिकित्सा... |
है तो इसे श्वसनीशोथ होना कहते हैं। जब फुप्फुसों से क्षय होता है तब उसे यक्ष्मा या क्षय रोग, तपेदिक, टी.बी. होना कहते हैं। फेफडों के नीचे एक बड़ी झिल्ली... |
डुक्रे के जीवाणुओं द्वारा भग में मृदुव्रण उत्पन्न होता है। इसी प्रकार के यक्ष्मा एवं फिरंगज व्रण भी भग पर पाए जाते हैं। (2) द्वैतीयिक भगशोथ - मधुमेह, पूयमेह... |
माधवराव के ग्यारह वर्षीय शासन में दो वर्ष गृहयुद्ध में बीते, तथा अंतिम वर्ष यक्ष्मा के घातक रोग में व्यतीत हुआ। स्वतंत्र रूप से सक्रिय होने के केवल आठ वर्ष... |
बढाता है, जिससे प्रमस्तिष्क शोथ की अवस्था उत्पन्न हो सकती है। मदिरासेवन से यक्ष्मा और न्यूमोनिया सदृश रोगों से और शल्य क्रियाओं के परिणाम से बचने की क्षमता... |
करनेवाले शिशु को कोई नुकसान नहीं पहुंचता। यहां तक कि टायफायड, मलेरिया, यक्ष्मा, पीलिया और कुष्ठ रोग में भी स्तनपान पर रोक लगाने की सलाह नहीं दी जाती है।... |
कल्कि क्रिष्णमूर्ति का मृत्यु ५ दिसंबर १९५४ (५५ उम्र) को चेन्नै में यक्ष्मा के कारण हुई थी। कल्कि जी अपनी लेखनी के माध्यम से सदा अमर रहेंगे। कळ्वऩिऩ् कातलि... |
संघटन और क्रियाकलापों ही जानकारी प्राप्त करना था। इसी यात्रा में उन्हे यक्ष्मा (टीबी) से पीड़ित अपने बड़े भाई की मृत्यु देखने को मिली। घोरतम यातनाओं के... |
विसूचिका, कुष्ठ, मलेरिया तथा ऐं्थ्राोपॉएडों के अन्य रोग, ट्यूकर्क्युलोसिस (यक्ष्मा), रतिज रोग, बुद्धिमाप की विधियाँ, पोषणसर्वेक्षण, भारतीय जनता की शारीरिक... |