पेट आमाशय

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  • Thumbnail for आमाशय (पेट)
    (चबाया हुआ आहार) ग्रासनलीय अवरोधिनी के माध्यम से ग्रासनली से आमाशय में प्रवेश करता है। आमाशय प्रोटीज़ (पेप्सिन जैसे प्रोटीन-पाचक एन्ज़ाइम) और हाइड्रोक्लोरिक...
  • Thumbnail for पैप्टिक अल्सर
    के कारण आमाशय या आंत में होने वाले घाव के कारण होते हैं। अल्सर अधिकतर ड्यूडेनम (आंत का पहला भाग) में होता है। दूसरा सबसे आम भाग पेट है (आमाशय अल्सर)।...
  • Thumbnail for उदर
    शरीर के अन्दर उदर गुहा कहलाने वाली एक शारीरिक गुहा स्थित होती है, जिसमें आमाशय (पेट), यकृत, पित्ताशय, तिल्ली, अग्न्याशय, आन्त्र (क्षुद्रान्त्र और बृहदान्त्र...
  • Thumbnail for एसिडिटी (रोग)
    विज्ञान के अनुसार आमाशय में पाचन क्रिया के लिए हाइड्रोक्लोरिक अम्ल तथा पेप्सिन का स्रवण होता है। सामान्य तौर पर यह अम्ल तथा पेप्सिन आमाशय में ही रहता है...
  • महत्वपूर्ण है। नाभि के ठीक होने से गैस, पेट दर्द, कब्ज, अतिसार, दुर्बलता एवं आलस्य ये स्वतः ही दूर हो जाते हैं। आमाशय, अग्नाशय एवं आँतों के लिये हितकारी है।...
  • Thumbnail for उदर गुहा
    स्थित होती है। उदर गुहा में कई महत्वपूर्ण अंग स्थित होते हैं, जिनमें आमाशय (पेट), यकृत, पित्ताशय (गॉलब्लैडर), तिल्ली, अग्न्याशय (पैनक्रिया), आँते (क्षुद्रांत्र...
  • Thumbnail for तिल्ली
    बड़ी वाहिनीहीन ग्रंथि (ductless gland) है, जो उदर के ऊपरी भाग में बाईं ओर आमाशय के पीछे स्थित रहती है। इसकी आंतरिक रचना संयोजी ऊतक (connective tissue) तथा...
  • Thumbnail for मानव का पाचक तंत्र
    और ग्रास जठरद्वार द्वारा आमाशय में प्रवेश करता है। आमाशय में तीन प्रकार की प्रकिण्व पाई जाती है। पेप्सिन रेनिन लाइपेज आमाशय में पाचन की क्रिया जठररस Archived...
  • Thumbnail for कब्ज
    कब्ज (श्रेणी पेट के रोग)
    सामान्य और आवूति और आमाशय व्यक्ति विशेष पर निर्भर करती है. एक सप्ताह में 3 से 12 वार माल निष्कासन की प्र्किर्या को सामान्य माना जाता है। पेट में शुल्क मल का...
  • पित्ताशय का कर्कट रोग (श्रेणी पेट व आँत का कर्कट रोग)
    फ़ीसदी स्क्वैमस कोशिका के कर्कट होते हैं। यह कर्कट प्रायः यकृत, पित्त नली, आमाशय व लघ्वांत्राग्र में फैल जाता है। प्रारंभिक अवस्था में निदान आमतौर पर संभव...
  • जानवर निगले हुए भोजन (घास, भूसा आदि) को आमाशय से पुनः अपने मुंह में लाते हैं, उसे चबाते हैं और फिर उसे वापस पेट में भेज देते हैं। स्तनधारी प्राणियों की...
  • Thumbnail for बद्धान्त्र
    द्वारा पहुँचाना आवश्यक है। वमन तथा पेट फूलना रोकने के लिए रबर की लंबी नली, जैसे राइल्स ट्यूब, नाक या मुँह द्वारा आमाशय के भीतर पहुंचा दी जाती है तथा इसमें...
  • Thumbnail for आंत्रावरोध
    द्वारा पहुँचाना आवश्यक है। वमन तथा पेट फूलना रोकने के लिए रबर की लंबी नली, जैसे राइल्स ट्यूब, नाक या मुँह द्वारा आमाशय के भीतर पहुंचा दी जाती है तथा इसमें...
  • Thumbnail for जलोदर
    (Cancer) और सूत्रणरोग (Cirrhosis) जैसे यकृत के अन्दर कुछ विकारों में तथा आमाशय, ग्रहणी, अग्न्याशय इत्यादि एवं विदर (Fissure) में बढ़ी हुई लसीका ग्रंथियों...
  • देने की स्थिति में हो, उसके शरीर में अतिरिक्त विष हो और आमाशय नलिकाओं का अभाव हो, या रोगी आमाशय नलिकाओं का उपयोग कर सकने की स्थिति में न हो। निद्रालु या...
  • Thumbnail for रोमंथक
    जाता है। ऐबोमेसम (abomasum) - यह यथार्थ आमाशय भी कहलाता है। बहुत से जीववैज्ञानिक ऐबोमेसम को ही पशु का असली पेट समझते हैं क्योंकि यही एकमात्र कक्ष है जहाँ...
  • Thumbnail for सम-ऊँगली खुरदार
    परिवहन, मांस, चमड़ा और ऊन के काम आते हैं। इस कुछ के सदस्यों के आमाशय में तृतीय आमाशय या ओमेसम (omasum) कक्ष नहीं होता। संरचना की दृष्टि से ये सूअर और...
  • उदर महाधमनी (श्रेणी पेट की धमनियां)
    डायाफ्राम तकनीकी T12 के पीछे कशेरुका स्तर पर. यह कशेरुका स्तंभ के सामने पेट के पीछे की दीवार नीचे यात्रा. यह इस प्रकार काठ कशेरुकाओं की वक्रता के बाद...
  • Thumbnail for अग्न्याशय
    शाखाएँ; आमाशय को उठा दिया गया है व पेरिटोनियम को हटा दिया गया है। आमाशय आदि की लसीकाएँ। आमाशय को ऊपर की ओर घुमा दिया गया है। आमाशय आदि की लसीकाएँ। आमाशय को...
  • Thumbnail for अतिसार
    लगते हैं। जीर्ण अतिसार- जीर्ण (क्रॉनिक) अतिसार बहुत कारणों से हो सकता है। आमाशय अथवा अग्न्याशय ग्रंथि के विकास से पाचन विकृत होकर अतिसार उत्पन्न कर सकता...
  • होती है जब पेट के रस (आमाशय रस) के घेघा में दबानेवाला यंत्र के माध्यम से रिसना करने की अनुमति दी है. एक बार के भोजन के पेट में प्रवेश, आमाशय रस खाना टूट
  • पदार्थ छू जाता है वही उसका मुँह हो जाता है और उसीके द्वारा वह उसे अपने पेट या आमाशय में पहुँचा देता है। इस प्रकार आमिवा मुख-विवरहीन होनेपर भी भोजन करता है
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