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परशुराम त्रेता युग (रामायण काल) में एक ब्राह्मण ऋषि के यहाँ जन्मे थे। जो विष्णु के छठा अवतार हैं। पौरोणिक वृत्तान्तों के अनुसार उनका जन्म महर्षि भृगु... |
हिन्दू पौराणिक कथाएँ हिन्दू धर्म से सम्बन्धित पारम्परिक विवरणों का एक विशाल संग्रह है। यह संस्कृत-महाभारत, रामायण, पुराण आदि, तमिल-संगम साहित्य एवं पेरिय... |
अक्षय तृतीया (अनुभाग प्रचलित कथाएँ) क्षय नहीं होता। मदनरत्न के अनुसार: अक्षय तृतीया की अनेक व्रत कथाएँ प्रचलित हैं। ऐसी ही एक कथा के अनुसार प्राचीन काल में एक धर्मदास नामक वैश्य था। उसकी सदाचार... |
नरसिंह प्रादुर्भाव नरसिंह प्रादुर्भाव नरसिंह प्रादुर्भाव वामन प्रादुर्भाव परशुराम प्रादुर्भाव राम प्रादुर्भाव राम प्रादुर्भाव राम प्रादुर्भाव राम प्रादुर्भाव... |
शार्ङ्ग धनुष (अनुभाग कथा) के साथ, शारंग, भगवान विष्णु के अवतार और ऋषि ऋचिक के पौत्र परशुराम को प्राप्त हुआ। परशुराम ने अपने जीवन के उद्देश्य को पूरा करने के पश्चात, विष्णु के... |
अवतार हैं : 1) मत्स्य 2) कूर्म 3) मोहिनी 4) वराह 5) नरसिंह 6) वामन 7) परशुराम 8) राम 9) कृष्ण 10) कल्कि पहले तीन अवतार, अर्थात् मत्स्य, कूर्म और वराह... |
श्रीराम के दो अवतारों परशुराम और राम की कथाएँ वर्णित हैं, जो रामायण और अन्य हिंदू ग्रंथों में उपलब्ध हैं। भार्गव शब्द परशुराम को संदर्भित करता है, क्योंकि... |
लोहित जिला (अनुभाग परशुराम कुण्ड) उत्तर-पूर्वी दिशा में 24 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस कुण्ड से भगवान परशुराम की कथा जुड़ी हुई है। एक बार ऋषि जमादग्नि की पत्नी रेणुका ऋषिराज के नहाने के... |
समस्त ज्योतिष पुरान पराशर ऋषि की ही देन हैं। पाराशर ऋषि अपने पूर्वज भगवान परशुराम की ही तरह असंख्य ज्ञान, वीरता के साथ ही साथ क्रोध के कारण भी जाने जाते... |
शिवधनुष (पिनाक) (अनुभाग अन्य कथाएँ) बारे में एक और कथा भगवान विष्णु और भगवान शिव के मध्य युद्ध पर आधारित है, जो रामायण के बालकांड के पचत्तरवें सर्ग में वर्णित है। परशुराम ने शारंग को प्रत्यंचित... |
अवतार (भगवान के अवतारों की कथा से अनुप्रेषित) उल्लिखित हैं। भगवान विष्णु के दस अवतार हैं : मत्स्य कूर्म वराह नरसिंह वामन परशुराम राम कृष्ण वेंकटेश्वर कल्कि पहले तीन अवतार, अर्थात् मत्स्य, कूर्म और वराह... |
भीष्म (अनुभाग परशुराम के साथ युद्ध) संभवत: भगवान शिव और नारायण ही हरा सकते थे लेकिन परशुराम और भीष्म दोनों के बीच हुई युद्ध में परशुराम जी की हार हुई और दो अति शक्तिशाली योद्धाओं के लड़ने... |
महाभारत भाग १३ (श्रेणी महाभारत कथा) जमदग्निकुमार परशुराम का है। इस पर बाण चढ़ाकर तुम अपने शौर्य का परिचय दो। तुम्हारे बल और शौर्य को देखकर मैं तुमसे द्वन्द्व युद्ध करूँगा। परशुराम की बात सुनकर... |
समीप है ! गाँव में अत्यधिक प्राचीन भगवान परशुराम मन्दिर एवं तीर्थ हैं ! स्थानीय लोगों के अनुसार भगवान परशुराम की माता रेणुका जामुनी गाँव (महर्षि जमदग्नि)... |
कर्ण (अनुभाग कर्ण और अर्जुन के पिछले जन्म की कथा) धनुर्धारियों में से एक थे। कर्ण छ: पांडवों में सबसे बड़े भाई थे । भगवान परशुराम ने स्वयं कर्ण की श्रेष्ठता को स्वीकार किया था । कर्ण की वास्तविक माँ कुन्ती... |
शिक्षा प्राप्त कर रहे थे तथा दोनों में प्रगाढ़ मैत्री हो गई। उन्हीं दिनों परशुराम अपनी समस्त सम्पत्ति को ब्राह्मणों में दान कर के महेन्द्राचल पर्वत पर तप... |
है। मुख्यतः चेर शासनकाल से ही उनका इतिहास आरंभ होता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार परशुराम ने अपना परशु पानी में फेंका जिसकी वजह से उस आकार की भूमि समुद्र... |
वेंकटेश्वर तिरुपति बालाजी विट्ठल (पांडुरंग) राम कृष्णा परशुराम मत्स्य कूर्म वाराह नृसिंह वामन परशुराम राम कृष्ण बुद्ध कल्कि, जो कलि युग के अंत में अवतार लेंगे... |
है। केरल की उत्पत्ति के संबन्ध में परशुराम की कथा प्रसिद्ध है। किंवदन्ती है कि महाविष्णु के दशावतारों में से एक परशुराम ने अपना फरसा समुद्र में फेंक दिया... |
नाकर (अनुभाग नाकर की रामायण कथा) ऋषिश्रंग की कथा, दशरथ का यज्ञ, राम जन्म, विश्वामित्र का आगमन, वेदवती की कथा, सीता जन्म, धनुभंग, सीताविवाह की कथा हैं। कडवुं २८ में परशुराम का आगमन तथा... |