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इनका जन्म एक ग्वाल/अहीर कुल में बाबा मच्छेंद्र नाथ जी के आशीर्वाद से हु़वा था। त्रेता युग में भी गुरु गोरखनाथ ने अवतार लिया था. ऐसा माना जाता है की जब श्री... |
त्रेता युग में विष्णु के सातवें अवतार राम की कथा है। महाभारत पाण्डवों तथा विष्णु के आठवें अवतार कृष्ण से सम्बन्धित द्वापर युग में रची रचना है। कुल 4 युग माने... |
अवतार (भगवान के अवतारों की कथा से अनुप्रेषित) भिक्षुवीर्य अश्वत्थामा अन्य अवतार गोरखनाथ , नटराज , खंडोबा , बालकनाथ आदि भी भगवान शिव के अवतार हैं। शिवमहापुरण में भगवान शिव के भी दस अवतारों का उल्लेख... |
अघोर पंथ (श्रेणी भारत के धर्म) किनाराम के गुरु थे। कुछ लोग इस पंथ को गुरु गोरखनाथ के भी पहले से प्रचलित बतलाते हैं और इसका संबंध शैव मत के पाशुपत अथवा कालामुख संप्रदाय के साथ जोड़ते... |
आदिकाल (अनुभाग आदिकाल के नामकरण की समस्या) में प्रचार-प्रसार के कारण नाथ पंथियों की भाषा ब्रज, पंजाबी, राजस्थानी एवं हरियाणवी से प्रभावित है। नाथ साहित्य के आरंभकर्ता गोरखनाथ माने जाते हैं। वे... |
वाराणसी (श्रेणी साँचे में अमान्य तिथि प्राचल वाले लेख) अपने गोरखनाथ के गुरु गंभीरानंद के गुरुत्व में भगवान शिव की तपस्या की थी। अन्य आंबेर के मान सिंह ने मानसरोवर घाट का निर्माण करवाया था। दरभंगा के महाराजा... |
कामाख्या मन्दिर (श्रेणी टेम्पलेट कॉल में डुप्लिकेट तर्क का उपयोग करते हुए पन्ने) देशों के तंत्र साधक यहां आकर अपनी साधना के सर्वोच्च शिखर को प्राप्त करते हैं। वाममार्ग साधना का तो यह सर्वोच्च पीठ स्थल है। मछन्दरनाथ, गोरखनाथ, लोनाचमारी... |
महापुरुष बन सके। शंकराचार्य, समर्थ गुरु रामदास, नरसिंह मेहता, दादूदयाल, सन्त ज्ञानेश्वर, स्वामी रामानन्द, गोरखनाथ, मच्छीन्द्रनाथ, हरिदास, तुलसीदास, रामानुजाचार्य... |