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करेगा? बल्कि बात यह है कि वे अपने रब की याददिहानी से कतरा रहे हैं 21|43|(क्या वे हमें नहीं जानते) या हमसे हटकर उनके और भी इष्ट-पूज्य है, जो उन्हें बचा ले... |
अल-अनकबूत (श्रेणी लेख जो जून 2015 से स्रोतहीन हैं) खेल है। निस्संदेह पश्चात्वर्ती घर (का जीवन) ही वास्तविक जीवन है। क्या ही अच्छा होता कि वे जानते! 29|65|जब वे नौका में सवार होते हैं तो वे अल्लाह को उसके... |
अल-मोमिनून (श्रेणी लेख जो जून 2015 से स्रोतहीन हैं) ही, क्या अच्छा होता तुम जानते होते! 23|115|तो क्या तुमने यह समझा था कि हमने तुम्हें व्यर्थ पैदा किया है और यह कि तुम्हें हमारी और लौटना नहीं है?" 23|116|तो... |
अल-फ़ातिर (श्रेणी लेख जो जून 2015 से स्रोतहीन हैं) बड़ा प्रतिदान है 35|8|फिर क्या वह व्यक्ति जिसके लिए उसका बुरा कर्म सुहाना बना दिया गया हो और वह उसे अच्छा दिख रहा हो (तो क्या वह बुराई को छोड़ेगा)? निश्चय... |
अन-नम्ल (श्रेणी लेख जो जून 2015 से स्रोतहीन हैं) "क्या तुम आँखों देखते हुए अश्लील कर्म करते हो? 27|55|क्या तुम स्त्रियों को छोड़कर अपनी काम-तृप्ति के लिए पुरुषों के पास जाते हो? बल्कि बात यह है कि... |
अल-अलक़ (श्रेणी लेख जो जून 2015 से स्रोतहीन हैं) अच्छे) सपनों के रूप में हुआ। आप जो स्वप्न भी देखते, वह ऐसा होता कि जैसे आप दिन के प्रकाश में देख रहे हैं। फिर आप एकान्त प्रिय हो गए और कई-कई रात 'हिरा ' की... |
सबा (सूरा) (श्रेणी लेख जो जून 2015 से स्रोतहीन हैं) किया 34|21|यद्यपि उसको उनपर कोई ज़ोर और अधिकार प्राप्त न था, किन्तु यह इसलिए कि हम उन लोगों को जो आख़िरत पर ईमान रखते है उन लोगों से अलग जान ले जो उसकी... |
अन-नह्ल (श्रेणी लेख जो जून 2015 से स्रोतहीन हैं) बहुत बड़ा है। क्या ही अच्छा होता कि वे जानते 16|42|ये वे लोग हैं जो जमे रहे और वे अपने रब पर भरोसा रखते हैं 16|43|हमने तुमसे पहले भी पुरुषों ही को रसूल बनाकर... |
अल-क़सस (श्रेणी लेख जो जून 2015 से स्रोतहीन हैं) किया था उनका परिणाम क्या हुआ? अन्ततः अल्लाह ने उन्हें तबाह करके छोड़ा। अब क्या तुम भी हठधर्मी के साथ चमत्कार माँगकर अपने दुर्भाग्य को बुलाना चाहते हो? ये... |
अस-साफ़्फ़ात (श्रेणी लेख जो जून 2015 से स्रोतहीन हैं) वे उसे छोड़कर चले गए पीठ फेरकर 37|91|फिर वह आँख बचाकर उनके देवताओं की ओर गया और कहा, "क्या तुम खाते नहीं? 37|92|तुम्हें क्या हुआ है कि तुम बोलते नहीं... |
अध्याय है। इसमें 34 आयतें हैं। सूरा लुक़मानया लुक़्माननाम की आयत 12 से 19 तक में वे उपदेश उद्धृत किए गए हैं, जो हक़ीम लुकमान ने अपने बेटे को किए थे।... |
अर-रूम (श्रेणी लेख जो जून 2015 से स्रोतहीन हैं) ओर से वे बिलकुल असावधान है 30|8|क्या उन्होंने अपने आप में सोच-विचार नहीं किया? अल्लाह ने आकाशों और धरती को और जो कुछ उनके बीच है सत्य के साथ और एक नियत... |
अल-कहफ़ (श्रेणी लेख जो जून 2015 से स्रोतहीन हैं) चलाना है। और वे यह भी कहेंगे, "वे सात थे और उनमें आठवाँ उनका कुत्ता था।" कह दो, "मेरा रब उनकी संख्या को भली-भाँति जानता है।" उनको तो थोड़े ही जानते हैं।... |
अन-नज्म (श्रेणी लेख जो जून 2015 से स्रोतहीन हैं) में गिर गए, तो बाद में उन्हें बड़ी परेशानी हुई कि यह हमसे क्या कमज़ोरी ज़ाहिर हुई। और लोगों ने भी इसके कारण उनपर चोट करना शुरू कर दी कि दूसरों को तो इस... |
अश-शुअरा (श्रेणी लेख जो जून 2015 से स्रोतहीन हैं) पिछले लोगों की किताबों में भी मौजूद है 26|197|क्या यह उनके लिए कोई निशानी नहीं है कि इसे बनी इसराईल के विद्वान जानते हैं? 26|198|यदि हम इसे ग़ैर अरबी भाषी... |
यूसुफ़ (सूरा) (श्रेणी लेख जो जून 2015 से स्रोतहीन हैं) अब्बा जान आखि़र उसकी क्या वजह है कि आप यूसुफ के बारे में हमारा ऐतबार नहीं करते (11) हालांकि हम लोग तो उसके ख़ैर ख़्वाह (भला चाहने वाले) हैं आप उसको कुल... |
आल इमरान (श्रेणी लेख जो जून 2015 से स्रोतहीन हैं) और वह (क्या) बुरा ठिकाना है (12) बेशक तुम्हारे (समझाने के) वास्ते उन दो (मुख़ालिफ़ गिरोहों में जो (बद्र की लड़ाई में) एक दूसरे के साथ गुथ गए (रसूल की... |
अल-अनआम (श्रेणी लेख जो जून 2015 से स्रोतहीन हैं) बेहतर है तो क्या तुम (इतना भी) नहीं समझते (33) हम खूब जानते हैं कि उन लोगों की बकबक तुम को सदमा पहुँचाती है तो (तुम को समझना चाहिए कि) ये लोग तुम को नहीं... |
अल-फ़ुरक़ान (श्रेणी लेख जो जून 2015 से स्रोतहीन हैं) मज़बूती से जम न गए होते।" 25|43|क्या तुमने उसको भी देखा, जिसने अपना प्रभु अपनी (तुच्छ) इच्छा को बना रखा है? तो क्या तुम उसका ज़िम्मा ले सकते हो 25|44|या... |
अत-तौबा (श्रेणी लेख जो जून 2015 से स्रोतहीन हैं) से भी (बाज़ मुनाफिक़ हैं) जो निफ़ाक पर अड़ गए हैं (ऐ रसूल) तुम उन को नहीं जानते (मगर) हम उनको (ख़ूब) जानते हैं अनक़रीब हम (दुनिया में) उनकी दोहरी सज़ा... |