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भारत का विभाजन माउण्टबेटन योजना के आधार पर निर्मित भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 के आधार पर किया गया। इस अधिनियम में कहा गया कि 15 अगस्त 1947 को भारत... |
मेघनाद साहा (श्रेणी लेख जिनमें जून 2020 से मृत कड़ियाँ हैं) ने वर्ष १९०५ में बंगाल के आंदोलन को तोड़ने के लिए जब इस राज्य का विभाजन कर दिया तो समूचे मेघनाद भी इससे अछूते नहीं रहे। उस समय पूर्वी बंगाल के गर्वनर... |
१९ जुलाई (अनुभाग बहारी कडियाँ) के अनुसार वर्ष का २००वॉ (लीप वर्ष में २०१वॉ) दिन है। साल में अभी और १६५ दिन बाकी है। 1905 आज के दिन ब्रिटिश भारत सरकार ने बंगाल के विभाजन को लागू करने के... |
भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन (भारत का स्वाधीनता संग्राम से अनुप्रेषित) 1905 में लॉर्ड कर्जन द्वारा बंगाल के विभाजन की घोषणा के बाद बंगाल के लोगों ने भारी विरोध किया। प्रारंभ में प्रेस अभियान के माध्यम से विभाजन योजना का विरोध... |
ब्रिटिश भारत के प्रेसिडेंसी और प्रांत (श्रेणी वेबआर्काइव टेम्पलेट वेबैक कड़ियाँ) साम्राज्य। बंगाल के विभाजन (1905-1912) के दौरान 1907 में भारतीय साम्राज्य। बंगाल के विभाजन (1905-1912) के दौरान 1907 में भारतीय साम्राज्य। बंगाल के एकीकरण... |
पूर्वी पाकिस्तान (श्रेणी बांग्लादेश का इतिहास) शामिल कर दिया गया। साथ ही इसी विभाजन के तहत, ब्रिटिश-भारत के पंजाब एवं बंगाल प्रांतों को भी विभाजित कर दिया गया और पूर्वी बंगाल और पश्चिमी पंजाब को पाकिस्तान... |
महासभा की स्थापना से इसे बल मिला और 1905 में लार्ड कर्जन द्वारा किए गए बंगाल के विभाजन ने इसमें आग फूँक दी। स्वदेशी का जोर बढ़ा और भाषा तथा साहित्य पर भी... |
प्रफुल्ल चाकी (श्रेणी लेख जिनमें जून 2020 से मृत कड़ियाँ हैं) अध्ययन किया इससे उनके अन्दर देश को स्वतंत्र कराने की भावना बलवती हो गई। बंगाल विभाजन के समय अनेक लोग इसके विरोध में उठ खड़े हुए। अनेक विद्यार्थियों ने भी... |
भारत सरकार अधिनियम, १९१२ (श्रेणी भारत का इतिहास) का समाधान किया। 1905 में, बंगाल प्रेसीडेंसी को दो भागों में विभाजित किया गया था, और पूर्वी हिस्से को असम प्रांत के साथ जोड़कर पूर्वी बंगाल और असम का नया... |
ब्रिटिश राज (श्रेणी आईएसबीएन के जादुई कड़ियों का उपयोग करने वाले पृष्ठ) 1907): बंगाल विभाजन (1905-1911) के दौरान, नए राज्य असम और पूर्वी बंगाल का जन्म हुआ, जो उपराज्यपाल द्वारा शाषित थे। 1911 में पूर्वी बंगाल और बंगाल के एक... |
वन्दे मातरम् का संक्षिप्त इतिहास इस प्रकार है- ७ नवम्वर १८७६ बंगाल के कांतल पाडा गांव में बंकिम चन्द्र चटर्जी ने ‘वंदे मातरम’ की रचना की। १८८२ वंदे मातरम... |
बारीन्द्र कुमार घोष (श्रेणी भारतीय स्वतंत्रता का क्रांतिकारी आंदोलन) के बदले खून"। 1905 के बंगाल विभाजन ने युवाओं को आन्दोलित कर दिया था, जो कि अनुशीलन समिति की स्थापना के पीछे एक प्रमुख कारण था। इस समिति का जन्म 1903 में... |
वस्तुओं का बहिष्कार करके स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग को प्रोत्साहित किया जा रहा था। इसी बीच भारत के वाइसराय लॉर्ड कर्जन ने बंगाल प्रांत के विभाजन की घोषणा... |
रॉबर्ट क्लाइव (श्रेणी लेख जिनमें सितंबर 2021 से मृत कड़ियाँ हैं) प्रमुख थे। एक तो दक्षिण का सूबेदार जो हैदराबाद में शासन करता था; दूसरा बंगाल का सूबेदार जिसकी राजधानी मुर्शिदाबाद थी और तीसरा थी अवध का नवाब बजीर। बाजी डूप्ले... |
समाचारपत्र (अनुभाग समाचार पत्रों का इतिहास) मुखर हो रहे थे। यही वजह थी कि बंगाल विभाजन के उपरांत हिन्दी पत्रों की आवाज और बुलंद हो गई। लोकमान्य तिलक ने 'केसरी' का संपादन किया और लाला लाजपत राय ने... |
मंगल पांडे (श्रेणी लेख जिनमें जून 2020 से मृत कड़ियाँ हैं) कंपनी की सेना मे बंगाल नेटिव इन्फेंट्री की ३४वी बटालियन मे भर्ती किये गए, जिसमें ज्यादा संख्या मे ब्राह्मणो को भर्ती की जाती थी। विद्रोह का प्रारम्भ एक बंदूक... |
रासबिहारी बोस (श्रेणी वेबआर्काइव टेम्पलेट वेबैक कड़ियाँ) सन के सम्मान से अलंकृत भी किया था। २५ मई, १८८६ -- बंगाल के बर्धमान जिले के सुबलदह गाँव में जन्म १९०५ -- बंग भंग के समय वे क्रान्तिकारी गतिविधियों में सम्मिलित... |
बंगभवन (अनुभाग बाहरी कड़ियाँ) के राजप्रतिनिधि वाइसरॉय एवं बंगाल के ब्रिटिशकालीन राज्यपाल उपयोगित किया करते थे। भारत विभाजन पश्चात् यह पूर्वी पाकिस्तान का राज्यपाल भवन बन गया। राष्ट्रपति... |
राष्ट्रीय शिक्षा आन्दोलन (अनुभाग बाहरी कड़ियाँ) भी न्यूनाधिक चलता रहा। 1905 ई० के बंगाल-विभाजन ने राष्ट्रीय आन्दोलन एवं ‘राष्ट्रीय शिक्षा' की माँग को गति प्रदान की। बंगाल-विभाजन की घोषणा के फलस्वरूप समस्त... |
संधि में अंग्रेजों को बंगाल में कर मुक्त व्यापार का अधिकार मिल गया। सन 1764 में बक्सर का युद्ध जीतने के बाद अंग्रेजों का बंगाल पर पूरी तरह से अधिकार हो... |