गोपाल कृष्ण गोखले (९ मई १८६६ - फरवरी १९, १९१६) भारत एक स्वतन्त्रता सेनानी, समाजसेवी, विचारक एवम सुधारक छल। महादेव गोविन्द रानाडेक शिष्य गोपाल कृष्ण गोखलेक वित्तीय मामलाक अद्वितीय समझ आ ओही पर अधिकारपूर्वक बहस करैके क्षमतासँ उनका भारतक 'ग्लेडस्टोन' कहल जाइत अछि। ओ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसमे सबसँ प्रसिद्ध नरमपन्थी छल। चरित्र निर्माणक आवश्यकतासँ पूर्णत: सहमत भ ओ १९०५ मे सर्वेन्ट्स अफ इण्डिया सोसायटीक स्थापना केलक ताकि नौजवानक सार्वजनिक जीवन के लेल प्रशिक्षित कएल जा सकी। उनकर माननाइ छल कि वैज्ञानिक आ तकनीकी शिक्षा भारतक महत्वपूर्ण आवश्यकता छी। स्व-सरकार व्यक्तिक औसत चारित्रिक दृढता आ व्यक्तिक क्षमता पर निर्भर करैत अछि। महात्मा गान्धी उनका अपन राजनीतिक गुरु मानैत छल।
गोपालकृष्ण गोखलेक जन्म रत्नागिरी कोटलुक ग्राममे एक सामान्य परिवारमे कृष्णराव के घर ९ मई १८६६ मे भेल। पिताक असामयिक निधन गोपालकृष्णक बचपन सँ ही सहिष्णु आ कर्मठ बना देने छल। देशक पराधीनता गोपालकृष्णक कचोटती रहैत छल। राष्ट्रभक्तिक अजस्त्र धाराक प्रवाह उनकर अन्तर्मनमे सदैव बहैत रहैत छल। एही कारण ओ सच्चा लगन, निष्ठा आ कर्तव्यपरायणताक त्रिधारा के वशीभूत भ कार्य करैत आ देशक पराधीनतासँ मुक्ति के प्रयत्नमे लगल रहैत छल। न्यू इङ्गलिश स्कूल पुणेमे अध्यापन करैत गोखलेजी बालगंगाधर तिलकक सम्पर्क मे आएल छल।
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