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यह गुरु की दूसरी और भचक्र की अंतिम राशि है। इस राशि के जातकों में करुणा की भावना होती है, स्वयं बढ़कर भले ही सहायता न करे, लेकिन पुकारे जाने पर पूरी तरह... |
मिथुन राशि और मिथुन तारामंडल। यह बारह राशियां हैं - मेष राशि वृष राशि मिथुन राशि कर्क राशि सिंह राशि कन्या राशि तुला राशि वॄश्चिक राशि धनु राशि मकर राशि कुम्भ... |
का सफ़ेद बौना तारा है। कुम्भ तारामंडल में कुछ मॅसिये वस्तुएँ भी हैं, जिनमें से एक मॅसिये ७४ नाम की सर्पिल-आकार की एक आकाशगंगा भी है। तारामंडल मीन राशि... |
नक्षत्र पूर्वा भाद्रपद का अंतिम चरण मीन राशि में आता है। इसे ही नाम से पहचाना जाता है। गुरु का नक्षत्र व गुरु की राशि मीन में होने से ऐसा जातक आकर्षक व्यक्तित्व... |
26वाँ नक्षत्र है। यह मीन राशि के अंतर्गत आता है। इसे दू, थ, झ नाम से जाना जाता है। उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र का स्वामी शनि है। वहीं राशि स्वामी गुरु है। शनि... |
एक लग्न होता है। सभी लग्न एक राशि है जिनका अपना एक स्वामी होता है। ज्योतिषशास्त्र का मानना है कि व्यक्ति अगर अपनी राशि के अनुरूप उपयुक्त रत्न धारण करता... |
राशि चक्र की यह ग्यारहवीं राशि है। यह वायु तत्व की तीसरी और स्थिर राशि है। इसका विस्तार चक्र 300 से 330 अंश के अन्दर पाया जाता है। इसका चिन्ह कु्म्भ है।... |
चारों चरण धनु राशि में आते हैं। यह ये यो भा भी के नाम से जाना जाता है। नक्षत्र का स्वामी केतु है। वहीं राशि स्वामी गुरु है। केतु गुरु धनु राशि में उच्च का... |
उत्तराभाद्रपद • रेवती |group2=राशि |list2= मेष • वृषभ • मिथुन • कर्क • सिंह • कन्या • तुला • वृश्चिक • धनु • मकर • कुम्भ • मीन |group3=ग्रह |list3=... |
मिथुन राशि ज्योतिष के राशिचक्र में तृतीय राशि है। इसका उद्भव मिथुन तारामंडल से माना जाता है। राशि चक्र की तीसरी राशि है राशि का प्रतीक युवा दंपति है यह... |
(Leo) राशि चक्र की पाचवीं राशि है। और पूर्व दिशा की द्योतक है। इसका चिह्न शेर है। इसका विस्तार राशि चक्र के 120 अंश से 150 अंश तक है।सिंह राशि का स्वामी... |
विषुव के समय सूरज, पृथ्वी के सापेक्ष, मीन राशि में रहेगा। उसके बाद वसंत विषुव के समय सूरज, पृथ्वी के सापेक्ष, कुम्भ राशि में चला जायगा। ज्योतिष, अंक विद्या... |
मेल से बनने वाले विशेष योग को पञ्चक कहा जाता है। जब चन्द्रमा, कुंभ और मीन राशि पर रहता है, तब उस समय को पंचक कहते हैं। ज्योतिष में पंचक को शुभ नक्षत्र... |
ज्योतिषीय संकेत है, जो नक्षत्र धनु से जुड़ा है और राशि चक्र के 240-270 डिग्री तक फैला हुआ है। उष्णकटिबंधीय राशि चक्र के तहत, सूर्य लगभग 22 नवंबर और 21 दिसंबर... |
राशि चक्र की यह दूसरी राशि है, इस राशि का चिन्ह ’बैल’ है, बैल स्वभाव से ही अधिक पारिश्रमी और बहुत अधिक वीर्यवान होता है, साधारणत: वह शांत रहता है, किन्तु... |
मकर राशि बारह राशियों के समूह में १०वीं है। इसका स्वामी शनि है। मकर राशि के जातक दुबले-पतले शरीर के होते हैं और इनकी लंबाई औसत होती है। मकर राशि के जातकों... |
चंद्र। सिंह - सूर्य। धनु और मीन - गुरु। मकर और कुम्भ - शनि। धनु और मीन गुरु की राशि है। गुरु की राशि अर्थात् धनु और मीन में जब सूर्य रहते हैं तो वह मास... |
यात्रा तथा शव दाह से कार्य नहीं किए जाते। इस नक्षत्र के देवता पूषा हैं। यह मीन राशि का अंतिम नक्षत्र है। इसके स्वामी ग्रहों में बुध हैं। इस नक्षत्र पर गुरू... |
कन्या तुला वृश्चिक धनु मकर कुम्भ मीन कुल 12 राशियां है| इन राशियों में से जो भी राशि [[लग्न भाव[[में आती है| उस राशि के कारकतत्व व्यक्ति के स्वभाव में... |
तुला (♎) राशि चक्र में सातवीं राशि है। {{तुला राशि सन्दूक}के जातकों की मनोदशा का केवल यही वर्णन नहीं है। भारतीय जनतंत्र में आज जिस व्यक्ति की छाप सबसे... |