जर्मनी का संविधान ग्रुण्डगज़ेट्ज़ ( Grundgesetz / मूलभूत कानून) कहा जाता है। पश्चिमी जर्मनी का संविधान बॉन में ८ मई १९४९ को स्वीकृत हुआ तथा २३ मई से प्रभावी हुआ था। १९९० में जब जर्मनी का एकीकरण तो भी यह नाम बदला नहीं गया। मानव मर्यादा अलंघनीय है, उसका आदर व उसकी रक्षा सभी राजकीय अंगों का कर्तव्य है - यह जर्मन संविधान या ग्रुंडगेज़ेत्ज़ का पहला अनुच्छेद है।
ग्रुण्डगज़ेट्ज़ में जर्मनी के संघीय गणतंत्र के सबसे महत्वपूर्ण कानूनी और राजनीतिक नियम शामिल हैं। उदाहरण के लिए, ग्रुण्डगज़ेट्ज़ बताता है कि जर्मनी एक लोकतांत्रिक राज्य है। अर्थात, कोई भी राजनीतिक जीवन (संघों, पहलकदमियों, ट्रेड यूनियनों या दलों में) में भाग ले सकता है। जर्मनी की मुख्य पार्टियों के नाम हैं: क्रिश्चियन डेमोक्रैटिक पार्टी (CDU), सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (SPD), AfD, फ्री डेमोक्रेटिक पार्टी (FDP), ग्रीन पार्टी (Bündnis 90/Die Grünen) और डी लिंके (Die Linke)। कई अन्य छोटी पार्टियाँ भी हैं।
"बेसिक लॉ" से पहले जर्मनी में वाइमार संविधान हुआ करता था। अपने समय के हिसाब से वह बेहद प्रगतिशील भी था। उसमें भी लोगों के मौलिक अधिकारों का वर्णन था। यहां तक कि उसने जर्मनी में महिलाओं को मताधिकार तक दिलाया। लेकिन वह तानाशाही को नहीं रोक पाया।
जर्मनी के संविधान में निरंकुशता की रुझानों को दो स्तरों पर रोकने की कोशिश की गई। पहली बात कि विधायिका, कार्यपालिका व न्यायपालिका के अधिकार क्षेत्रों को स्पष्ट रूप से निरुपित और परिभाषित किया गया व न्यायपालिका को संविधान की व्याख्या के लिए सर्वोच्च अंग का दर्जा दिया गया। देश की सर्वोच्च अदालत को संवैधानिक अदालत का नाम दिया गया। इसके अलावा प्रदेशों का अधिकार बढ़ाते हुए एक प्रभावशाली संघात्मक संरचना तैयार की गई, जहां प्रदेशों को निरुपित अधिकार क्षेत्रों में स्वायत्तता प्रदान करने के साथ-साथ उनके सम्मिलित अंग को देश की संसद के दूसरे सदन बुंडेसराट का रूप दिया गया। कानून के निर्माण में निचले सदन बुंडेसटाग के साथ साथ बुंडेसराट को भी लगभग समान अधिकार प्राप्त हैं।
संसद के निचले सदन बुंडेसटाग में प्रतिनिधित्व के लिए न्यूनतम पांच प्रतिशत मतों के प्रावधान के साथ छोटे दलों के संसद में प्रवेश पर वस्तुतः रोक लगा दी गई, और स्थाई बहुमत का रास्ता खुला। इसी प्रकार संविधान में विभिन्न संशोधनों के ज़रिये जर्मनी को पश्चिमी सहबंध का एकात्म हिस्सा बनाया गया, जिससे कुल मिलाकर पश्चिमी देशों की लोकतांत्रिक व्यवस्था भी मजबूत हुई।
ग्रुण्डगज़ेट्ज़ में जर्मनी के लोगों के अधिकार और कर्तव्य भी शामिल हैं।
महत्वपूर्ण कर्तव्य हैं -
निम्नलिखित सबसे महत्वपूर्ण अधिकार हैं:
जर्मनी के लोगों को वोट देने की आजादी है। और वे भी चुने जा सकते हैं। चुनाव को गुप्त, सामान्य, दबाव मुक्त और निष्पक्ष होना चाहिए। इनमें यूरोपीय चुनाव, संसदीय चुनाव, राज्य चुनाव और नगरपालिका चुनाव शामिल हैं। यूरोपीय चुनाव और नगरपालिका चुनाव में, जर्मनी में रहने वाले यूरोपीय संघ के सभी नागरिक वोट कर सकते हैं। आमतौर पर इसकी अनुमति 18 साल की उम्र से दी जाती है। कुछ संघीय राज्यों में 16 साल की उम्र से भी नगरपालिका चुनाव में वोट कर सकते हैं। राज्य चुनाव और संसदीय चुनाव में केवल वे जर्मन नागरिक, जो कम से कम 18 वर्ष के हों, वोट कर सकते हैं। कई स्थानों पर एकीकरण परिषद या एकीकरण सलाहकार परिषद हैं। उनके चुनाव आमतौर पर प्रवासियों द्वारा होते हैं। एकीकरण सलाहकार परिषद प्रवासियों के राजनीतिक हितों के लिए काम करती हैं। वे सवालों और समस्याओं को हल करने में भी सहायता करती हैं। इस काम के माध्यम से वे प्रवासियों और जर्मनों के सह-अस्तित्व में सुधार लाना चाहती हैं।
प्रत्येक व्यक्ति को अपने धर्म का चयन और पालन करने की आजादी है। जर्मनी में लगभग एक तिहाई लोगों का, आधिकारिक तौर पर कोई धर्म नहीं है। ज्यादातर जर्मन ईसाई धर्म का पालन करते हैं, इसलिए वे रोमन कैथोलिक या प्रोटेस्टेंट हैं। क्रिसमस या ईस्टर जैसी कई ईसाई छुट्टियाँ सार्वजनिक छुट्टियाँ हैं। इसका मतलब है कि ज्यादातर लोगों को इन दिनों पर काम नहीं करना पड़ता है। लेकिन जर्मनी में कई मुस्लिम और अन्य धर्मों के सदस्य भी रहते हैं। स्कूलों में प्रोटेस्टेंट और कैथोलिक धर्म-निर्देश पाठ होते हैं। कुछ स्कूलों में रूढ़िवादी-ईसाई, यहूदी और इस्लामी धार्मिक शिक्षा भी होती है। माता-पिता यह तय कर सकते हैं कि उनके बच्चे को धार्मिक शिक्षा में जाना चाहिए या नहीं। वे यह भी तय करते हैं कि उनके बच्चे को किस धार्मिक शिक्षा के लिए जाना चाहिए।
जर्मनी में सेक्स संबधित जीवन बहुत खुली हुई है I इसका तात्पर्य यह है कि समलैंगिक प्यार, उभयलिंगी, विपरीतलिंगी और इंटरसेक्सुअलिटी रोज़मर्रा की जिंदगी के उतने ही अभिन्न अंग है जितने की विषमलिंगी I जर्मनी में भी एलजीबीटीक्यू आन्दोलन काफी महत्वपूर्ण रोल अदा करता है I यह समलैंगिक कामुक स्त्रियों,उभयलिंगियों, विपरीत लिंग प्रदर्शक और समलैंगिकों का समुदाय है I इन्हें जर्मनी में सुरक्षा प्राप्त है I इन्द्रधनुषी झंडा एलजीबीटी आन्दोलन का प्रतीक है I 1 अक्टूबर 2017 से जर्मनी में समलैंगिक युगल भी यदि विवाह करते हैं तो उन्हें भी सभी अधिकार और दायित्व निर्वाह का हक़ है I उदाहरण के लिए, इसका तात्पर्य यह भी है कि यदि वह कुछ अर्हताएं पूरी करते हैं तो वे भी विषमलिंगी युगल की तरह बच्चे गोद ले सकते हैं I
यदि अधिकारों का पालन नहीं होता है तो कुछ परिस्थितियों में इसे भेद-भाव का विषय माना जायेग
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