भारत का सबसे बड़ा राज्य

राजस्थान उत्तर-पश्चिमी भारत का एक राज्य है। यह मुख्य रूप से रेतीली जमीन के कारण जाना जाता है और इसकी पश्चिमी सीमा पाकिस्तान से जुड़ी हुई है। पर्यटकों के लिए यहाँ मूल आकर्षण यहाँ का विशाल थार मरुस्थल, प्राचीनतम पर्वत शृंखलाओं में से एक अरावली पर्वत शृंखला और राजपूत विरासत के रूप में किले, मंदिर तथा राजपूत राजाओं द्वारा स्थापित महल जैसे बप्पा रावल, राणा कुम्भा, राणा साँगा एवं राणा प्रताप हैं। राजस्थान जो अपने रेतीले धोरों के लिए काफी प्रसिद्ध है।

राजपुताना की मानचित्र में स्थिति

क्षेत्र सम्पादन

  • अजमेर संभाग — अजमेर संभाग राज्य के केन्द्रिय भाग में है। यह पुष्कर स्थित ब्रह्मा मंदिर का गृह क्षेत्र है।
  • भरतपुर संभाग — सूदूर पूर्वी क्षेत्र जो केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान का गृह क्षेत्र है।
  • बीकानेर संभाग — राज्य का उत्तरी भाग जो यहाँ की मिठाइयों के लिए प्रसिद्ध।
  • जयपुर संभाग — राज्य का पूर्वी क्षेत्र जिसमें राज्य की राजधानी जयपुर (गुलाबी नगरी) भी शामिल है।
  • जोधपुर संभाग — राज्य का पश्चिमी भाग जिसमें मरुस्थलीय भाग जैसलमेर (स्वर्ण नगरी) और जोधपुर (नीला नगर) शामिल हैं।
  • कोटा संभाग — राज्य के दक्षिण पूर्वी भाग में स्थित है जो अन्य संभागों की तुलना में कम शुष्कता रखता है।
  • उदयपुर संभाग — राज्य के दक्षिणी भाग में स्थित है जो उदयपुर और इसके सभी झीलों और महलों को समाहित करता है।

नगर सम्पादन

जोधपुर के जसवंत थड़ा के पास झील का एक दृश्य
  1. जयपुर — इसकी राजधानी है और गुलाबी नगर के नाम से भी जाना जाता है।
  2. अजमेर — यह पुष्कर झील के लिए काफी प्रसिद्ध है इसके अलावा सूफी संत ख़्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह और कई अन्य हिन्दू और मुस्लिमों के धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है।
  3. भरतपुर — पक्षियों के लिए जाना जाता है।
  4. बीकानेर — मिठाइयों के लिए प्रसिद्ध है।
  5. चित्तौड़गढ़ — यह चित्तौड़गढ़ दुर्ग के लिए विश्व प्रसिद्ध है साथ ही यह विभिन्न सम्राटों के लिए जाना जाता है यहाँ महाराणा प्रताप और अकबर ने काफी संघर्ष किया था।
  6. जैसलमेर — इसे स्वर्ण शहर भी कहा जाता है।
  7. जोधपुर — इसे नीला शहर भी कहा जाता है।
  8. कोटा — इसे राजस्थान का सबसे शिक्षित क्षेत्र माना जाता है।
  9. उदयपुर — इसे झीलों की नगरी भी कहा जाता है। यहाँ सबसे ज्यादा झीलें मौजूद है।
  10. डूंगरपुर — इसे पहाड़ों की नगरी भी कहते है।


अन्य स्थल सम्पादन

  1. अलवर — ब्रिटिश भारत के समय उलवार राजकीय राज्य की राजधानी।
  2. बमनेरा — यह एक छोटा सा गाँव है जो राजस्थान के पाली ज़िले में स्थित है यहाँ कई हिन्दू मन्दिर है।
  3. दराह राष्ट्रीय उद्यान — यह उद्यान राज्य के कोटा ज़िले में स्थित है जिसमें तीन अभ्यारण्य स्थित है।
  4. थार राष्ट्रीय उद्यान — यह राज्य के जैसलमेर ज़िले में स्थित है जहाँ काफी दर्शनीय रेतीले धोरे (dunes) है जहाँ विदेशी पर्यटकों की भीड़ हमेशा बनी रहती है। यहाँ कई छोटी प्रजाति के जीव जिसमें स्तनधारी जीव भी नए - नए खोजने को मिलते है।
  5. जयसमन्द झील — इसे (देहबर झील) भी कहते है जो राज्य के अलवर ज़िले में स्थित है। यह एशिया की दूसरी सबसे बड़ी झील है जिसका लोगों द्वारा किया गया हो।
  6. केवलादेव पक्षी अभ्यारण्य — इसे (केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान) भी कहते है जो राज्य के भरतपुर ज़िले में स्थित है यहाँ विभिन्न प्रकार की पक्षियां देखने को मिलती है। इसे केवलादेव घाना राष्ट्रीय उद्यान भी कहते है।
  7. माउंट आबू (माउंट आबू वन्य जीव अभ्यारण्य) — राज्य के माउंट आबू में स्थित एक वन्य जीव अभ्यारण्य है।
  8. रणथम्भोर राष्ट्रीय उद्यानभारत के सबसे अच्छे उद्यानों में से एक है।
  9. सरिस्का रिजर्व और राष्ट्रीय उद्यान — एक भारत का प्रसिद्ध उद्यान है जो मुख्य रूप बाघों के लिए जाना जाता है।
  10. सीता माता वन्य जीव अभ्यारण्य — यह अभ्यारण्य राज्य के प्रतापगढ़ ज़िले में स्थित है।
  11. थार रेगिस्तान — यह बहुत बड़ा थार रेगिस्तान है जो भारत का सबसे बड़ा रेगिस्तान है जो जैसलमेर ज़िले में स्थित है।

अन्य जानकारी सम्पादन

मौसम सम्पादन

राजस्थान गर्मी की ऋतू के लिए काफी जाना जाता है ,यहाँ अप्रैल - मई माह में धूल भरी आंधी शुरू हो जाती है और जून - जुलाई तक ऐसे ही चलती रहती है साथ ही लू भी चलती रहती है। इसके बाद यहाँ जुलाई - अगस्त माह में बरसात शुरू हो जाती है और सितम्बर माह तक ही बरसात का मौसम बना रहता है इनके अलावा राजस्थान में सबसे कम वर्षा जैसलमेर जिले में होती है। गर्मी सबसे ज्यादा राज्य के चुरू ज़िले में पड़ती है, जबकि सबसे शुष्क प्रदेश जोधपुर ज़िले की फलोदी तहसील है।

भाषा सम्पादन

यहाँ लोग मुख्य रूप से राजस्थानी भाषा और हिन्दी भाषा बोलते हैं। कई बार लोग हिन्दी में बोली के शब्द भी जोड़ देते हैं, जिसके कारण समझने में परेशानी हो जाती है। यहाँ के लोग मारवाड़ी, मेवाड़ी ,मेवाती, हाड़ोती, शेखावाटी, ढूंढाड़ी आदि बोली बोलते हैं परंतु लोग ज्यादातर शेखावटी तथा मारवाड़ी बोली बोलते है। जबकि शहरों विशेष में अंग्रेजी भाषा भी बोली जाती है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादातर शेखावटी और मारवाड़ी बोली बोलते है।

खाना सम्पादन

राजस्थान खाने के मामले में काफी प्रसिद्ध है जिसमें दाल - बाटी ,चूरमा ,दाल - कड़ी या (कढ्ढी) और बाटी ,बाजरे की रोटी (सोगरा) ,गेहूँ की रोटी तथा बेसन के गट्टों की सब्जी काफी प्रसिद्ध है। यहाँ पर सूखी सब्जियां भी काफी होती है जिसमें - सांगरी ,कुमटिया ,कैर इत्यादि सूखी सब्जियां है।

सांगरी गर्मियों के दिनों में खेजड़ी नामक पेड़ पर लगती है ,खेजड़ी जो कि राजस्थान के मरुस्थल में सबसे अधिक लगने वाला पेड़ है।

पूरे राजस्थान में जोधपुर का मिर्ची बड़ा और बीकानेर का भुजिया तथा लूणी का रसगुल्ला भी अपनी पहचान रखता है।

यात्रा सम्पादन

विमान द्वारा सम्पादन

राजस्थान भारत के सबसे बड़े राज्यों में से एक है, जिसके कारण दूरी बहुत अधिक होती है। इसलिए विमान द्वारा यात्रा करना काफी अच्छा विकल्प है। यहाँ जयपुर , जोधपुर और उदयपुर सभी जगह हवाई हड्डे मौजूद हैं, जो सारे मुख्य शहरों को एक दूसरे से जोड़ते हैं। यहाँ से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से आना जाना आसानी से किया जा सकता है।

रेल द्वारा सम्पादन

आप रात के रेल से दिल्ली और मुंबई से राजस्थान के मुख्य शहरों में जा सकते हो। यहाँ शताब्दी और राजधानी एक्सप्रेस बहुत अच्छे रेल है और अच्छी सेवा भी देते हैं।

कार द्वारा सम्पादन

राष्ट्रीय राजमार्ग 8 से राजस्थान जाना बहुत अच्छा रहता है, जो दिल्ली और मुंबई से जुड़ा हुआ है। मुंबई से यहाँ आना बहुत लंबा हो सकता है। वहीं दिल्ली से जयपुर आना सबसे प्रसिद्ध मार्ग माना जाता है। यहाँ सड़क काफी अच्छी हालत में है और आप यहाँ से यात्रा मात्र 4 घंटों में पूरी कर सकते हो।

दिल्ली में कई सारे यात्रा सेवा देने वाले यहाँ से आपको राजस्थान ले जा सकते हैं, लेकिन इसमें काफी अधिक पैसे खर्च हो जाते हैं। उदाहरण के लिए यदि आप कोई कार से दिल्ली के मुख्य हवाई अड्डे से नीमराना गाँव में जाते हैं तो आपको पाँच लोगों के लिए ₹4,000 रुपये का खर्च लगेगा। यदि आप अकेले सैर नहीं करना चाहते तो आप ड्राईवर को गाड़ी चलाने हेतु पैसे दे सकते हैं।

बस द्वारा सम्पादन

राजस्थान पर्यटन और राजस्थान यातायात कई सर्वसुविधायुक्त बसों को दिल्ली और जयपुर के मध्य चलाती है। बस 5:25 से चलना शुरू होती है और अंत में 1 बजे चलती है। यह हर दिन लगभग हर आधे घंटे में चलती है। इसमें निजी टीवी, वाईफाई भी होता है। यह बसें बहुत सुविधायुक्त होते हैं और दिल्ली और जयपुर के मध्य आना जाना करने के लिए सबसे प्रिय विकल्प है। इसके लिए कोई भी ऑनलाइन भी पंजीकृत कर सकता है। आप राजस्थान यातायात कार्यालय में फोन कर के भी सारी जानकारी एकत्रित कर सकते हैं।

🔥 Popular: विकियात्रा:चौपालमुखपृष्ठइस्लामनैनीतालसंयुक्त राज्य अमेरिकाकोलकाताचित्र:Map of India hi.svgचित्र:Odisha-map.jpgअहमदाबादओडिशागुजरातसदस्य वार्ता:J ansariबिहारगोवाऑस्ट्रेलियाश्रीलंकाचित्र:Japan regions map (hi).pngदिल्लीइराकहिन्द महासागरइजराइलमालदीवजापानपुणेसदस्य वार्ता:RolandUngerपश्चिम बंगालतेलंगानासारनाथथाईलैंडसदस्य वार्ता:Innocentbunnyसूडानयमनबाल्टिक देशभारतएशियासदस्य:1997kBमोरक्कोकुशीनगरछत्तीसगढ़विकियात्रा:सहायतानेपालबेनेलक्सविकियात्रा:साधारण अस्वीकरणचित्र:Indian Rupee symbol.svgसदस्य:2601:1C0:5600:9480:2808:9F22:EEDB:D8EDसदस्य वार्ता:SM7विशेष:RecentChangesमध्य पूर्वसदस्य:178.71.222.225विशेष:खोजसदस्य वार्ता:हिंदुस्थान वासीकानपुरविष्णुपुरजयपुरसदस्य:95.168.120.49सदस्य:Zabeआगराउत्तर प्रदेशवाराणसीसदस्य:Mbch331चित्र:Dubai Creek from Bur Dubai (5374118618).jpgलखनऊसदस्य:Geonuchसदस्य:Vituzzuपंजाबसदस्य:AbhiSuryawanshiयूरोपझाँसीसदस्य:Titoduttaइटलीजैसलमेरइंडोनेशियाविकियात्रा:शुरू करेंपश्चिमी सहाराराजस्थानचित्र:The Mehrangarh fort.jpgविशेष:मेरे योगदानविकियात्रा:समुदाय प्रवेशद्वारसदस्य:WikiJunkie