बिहार भारत का एक राज्य है। बिहार की राजधानी पटना शहर है। बिहार अपने ऐतिहासिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है। इसक पश्चिम में उत्तर प्रदेश, पूर्व में पश्चिम बंगाल, दक्षिण में झारखण्ड और उत्तर में नेपाल है। गंगा नदी इसके भूभाग को दो अलग अलग भागों में बांटती है। जिसका बहाव पश्चिम दिशा से होते हुए पूर्व दिशा की ओर होता है।

भारत के मानचित्र पर बिहार की अवस्थिति।
बोध गया में बुद्ध की प्रतिमा।
महाबोधि मंदिर

क्षेत्र सम्पादन

बिहार का नक्शा

सांस्कृतिक-ऐतिहासिक दृष्टि से बिहार को चार क्षेत्रों में बाँटा जा सकता है। इन चारों क्षेत्रों में क्रमशः अंगिका, भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाएँ बोली जाती हैं। इन भाषाओं के सामूहिक रूप से बिहारी भाषाओं के नाम से जाना जाता है। ये सभी मागधी प्राकृत से उपजी भाषाएँ हैं। मागधी प्राकृत ही संभवतः बुद्धकाल में इस इलाके की प्रचलित भाषा थी।


अंग
राज्य के पूर्वी भाग में
भोजपुर
राज्य का पश्चिमी भाग
मगध
दक्षिणी और द. पूर्वी भाग
मिथिला
उत्तर-पूर्वी भाग।

शहर सम्पादन

  • 1 पटना — राज्य की राजधानी। गंगा तट पर बसा एक ऐतिहासिक शहर।
  • 2 भागलपुर — अंग प्रदेश का सबसे बड़ा शहर। सिल्क उद्योग के लिए प्रसिद्ध।
  • 3 बिहार शरीफ़ — मध्यकालीन इस्लामी भवन-शैली के उदाहरण वाला के कस्बा।
  • 4 दरभंगा — मिथिला क्षेत्र का प्रमुख नगर। इसे बिहार कि सांस्कृतिक राजधानी भी कहा जाता है। अध्ययन का एक केंद्र।
  • 5 गया — हिंदू और बौद्ध धार्मिक तीर्थ। बौद्ध सर्किट का हिस्सा, यहाँ बोधगया में बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।
  • 6 मुंगेर — अंग प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी।
  • 7 मुजफ्फरपुर — बिहार के पुराने वाणिज्यिक और अध्ययन केन्द्रों में से एक।
  • 8 राजगीर — मगध की राजधानी। ऐतिहासिक महत्व का शहर।
  • 9 सासाराम — भोजपुरी क्षेत्र के दक्षिणी हिस्से में एक शहर।


अन्य जगह सम्पादन

  • 1 वाल्मीकि राष्ट्रीय पार्क — एक राष्ट्रीय टाइगर रिज़र्व

अन्य जानकारी सम्पादन

प्राचीन बिहार मगध और मौर्य साम्राज्यों का जन्मस्थल रहा है, जिन्होंने लगभग पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर अपना विस्तार किया था। वर्ष 185 में मौर्य साम्राज्य का पतन होना शुरू हो गया। संभवतः मौर्य साम्राज्य के बाद के उत्तराधिकारी इतने बड़े साम्राज्य को चलाने में पूरी तरह से कुशल नहीं थे। 1990 के दशक में यह गंभीर मंदी, गरीबी, भ्रष्टाचार और अपराध के लिए जाना जाता था। वर्ष 2005 के बाद से इस ओर कई सुधार हुए हैं।

बिहार में 85% युवा मुख्य रूप से ग्रामीण आबादी में आते हैं। यहाँ मुख्य रूप से कृषि ही रोजगार का सबसे प्रमुख माध्यम है। उत्तरी बिहार में बारहमासी बाढ़ का खतरा रहता है। पिछले कई वर्षों में यहाँ से लोगों का बहुत बड़े पैमाने पर पलायन भी देखने को मिला है। पहले के दशकों में यहाँ, मुख्य रूप से दक्षिण बिहार में, नक्सलियों का आतंक रहता था लेकिन धीरे-धीरे अब यह भी कम हो गया है।

इतिहास सम्पादन

विदेह कुण्डपुर, वैशाली, बिहार से प्राप्त मुहर, जिसमें ब्राह्मी लिपि में जानकारी अंकित है।

बिहार का इतिहास अति गौरवमयी रहा है। इसे पहले मगध के नाम से जाना जाता था। शिक्षा और संस्कृति से युक्त यह जगह उस समय पूरे भारतीय उपमहाद्वीप के शक्ति का केन्द्र था। पाटलिपुत्र (वर्तमान में पटना) मगध की राजधानी था।

बाद में इस स्थान पर कई बाहरी लोगों द्वारा हमले हुए। इसके प्राचीन संस्कृति और ज्ञान को 12वीं सदी के अंत तक लगभग समाप्त ही कर दिया गया था। बिहार शब्द वास्तविक में एक शहर का नाम था। इसे मुख्यालय के रूप में उपयोग किया जाता था। बाद में इसे बिहार से पटना में स्थानांतरित कर दिया गया। इसके बाद मगध को बिहार के नाम से बोला जाने लगा। बिहार नामक शहर अभी भी उपस्थित है, जिसे अब बिहार-शरीफ के नाम से जाना जाता है।

मौसम सम्पादन

बिहार के पहाड़

बिहार की जलवायु नम ऊष्णकटिबंधीय है। यहाँ गर्मियाँ काफी गर्म और जाड़े के दिन काफी ठंडे होते हैं। वर्षा पर्याप्त मात्रा में होती है और पूरब से पश्चिम की ओर घटती जाती है। उत्तरी बिहार में दक्षिणी हिस्से की अपेक्षा अधिक वर्षा होती है। नेपाल से सटा तराई (नमभूमि) वाला प्रदेश बिहार में भी विस्तृत है। इसमें गंगा और उसकी सहायक नदियाँ सहायता करती हैं। बिहार में बहुत बड़ा हिस्सा उपजाऊ है। इन नदियों की शुरुआत हिमालय से होती है। यह नेपाल के अंदरूनी हिस्सों से और उत्तर बिहार से होते हुए बिहार के पहाड़ों से इसके भूभाग, जलवायु और संस्कृति को प्रभावित करती है। बिहार का कुल क्षेत्र 94,163 वर्ग किलोमीटर (36,357 वर्ग मीटर) है। यह 24°-20'-10" उत्तर ~ 27°-31'-15" उत्तर अक्षांश और 83°-19'-50" पूर्व ~ 88°-17'-40" पूर्व देशांतर के मध्य स्थित है। समुद्र के सतह से इसकी औसत ऊँचाई 173 फीट (53 मीटर) है।

भाषाएँ सम्पादन

हिंदी एवं उर्दू को आधिकारिक भाषा का दर्जा प्राप्त है। संपर्क भाषा के रूप में हिंदी और हिन्दुस्तानी भाषा का व्यवहार होता है और क्षेत्र अनुसार अंगिका, बज्जिका, भोजपुरी, मैथिली और मगही लोगों की अलग-अलग मातृभाषायें हैं। साहित्य की भाषा मुख्य रूप से हिंदी है जबकि कई उर्दू के अखबार भी प्रचलित हैं।

पहुँचें सम्पादन

हवाईजहाज से सम्पादन

  • मुख्य रूप से बौद्ध पर्यटन की सुविधा के लिए बोधगया हवाईअड्डे पर बैंकाक (थाइलैंड) और पारो (भूटान) जैसे देशों से हवाई सेवाएँ पहुँचती हैं। इसके अलावा पटना हवाईअड्डा देश के विभिन्न बड़े शहरों से वायु सेवायों द्वारा जुड़ा हुआ है।

रेल द्वारा सम्पादन

बिहार मैदानी इलाका होने के कारण देश के बिभिन्न शहरों से रेल मार्गों द्वारा अच्छे से जुड़ा हुआ है। बिहार की राजधानी पटना पहुँचने के लिए कुछ अच्छी रेल सेवाएँ निम्नलिखित हैं:

  • दिल्ली से- पटना राजधानी एक्सप्रेस (2309/2310), संपूर्ण क्रांति ऍक्स. (रातभर की यात्रा)
  • कोलकाता - जन शताब्दी एक्सप्रेस ( 8-9 घं.)
  • मुंबई - राजेंद्रनगर लोकमान्य तिलक टर्मिनस (कुर्ला) एक्सप्रेस
  • वाराणसी - विभूति ऍक्स. (6 घं.).

सड़क मार्ग से सम्पादन

बिहार सड़क मार्ग द्वारा भी देश के विभिन्न बड़े शहरों से जुड़ा है और कुछ प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग जो इसे अन्य जगहों से जोड़ते हैं उनमें शामिल हैं एनएच 2, 19, 28, 30, और 31.

पटना के लिए डीलक्स बस सेवाएँ राँची, जमशेदपुर, कोलकाता, सिलीगुड़ी और नेपाल सीमा तक के लिए मिलती हैं।

खाना सम्पादन

चीवड़ा और मटर

आम उत्तर भारतीय खाना सबसे प्रचलित भोजन है जिसमें चावल, दाल और सब्जियाँ प्रमुख होती हैं। चावल प्रधान क्षेत्र होने के कारण यहाँ रोटी का प्रचलन चावल की तुलना में कम अवश्य है परन्तु यह सभी जगह उपलब्ध होती है। लगभग हर शहर-कसबे में आपको "थाली" के रूप में एक पूरा भोजन उपलब्ध होता है। एक थाली में दाल, दो तरह कि सब्जियाँ, दो से लेकर पाँच तक रोटियाँ, एक छोटी कटोरी भर चावल और कुछ अचार, चटनी पापड़ में से, इतनी चीजें उपलब्ध होती हैं। सब्जी में आमतौर पर एक सब्जी सूखी होती है और एक करी होती है, यानि रसदार। दाल में आपके पास विकल्प हो सकता है कि आप सादी दाल लें अथवा फ्राई (तड़के वाली)। रोटियाँ भी तंदूरी और तवे वाली होती हैं, कई बार आप चुन सकते हैं कि आपको किस तरह की रोटी चाहिए।

थाली के अलावा, पनीर के विविध व्यंजन उपलब्ध होते हैं। आप अपनी पसंद कि पनीर की सब्जी, रोटी नान इत्यादि चुनकर अपना कोम्बो बना सकते हैं।

नम क्षेत्र और नदियों की भूमि होने के कारण मछली यहाँ का प्रिय भोजन है। मछलियाँ नदियों और तालाबों से पकड़ी जाने वाली, अर्थात मीठे पानी की मछलियाँ अधिक पसंद की जाती हैं। रोहू मीठे पानी की प्रमुख मछली है जिसे यहाँ के लोग पसंद करते हैं। देश के अन्य हिस्सों से भी मछलियों का आयात किया जाता है।

अन्य प्रमुख खाने निम्नलिखित हैं:

  • लिट्टी-चोखा - अब बिहार की पहचान के रूप में स्थापित हो चला है हालाँकि यह भोजपुरी क्षेत्र के उस हिस्से में भी व्यापक रूप से प्रचलित है जो उत्तर प्रदेश में पड़ता है। आटे की गोल लोइयों में भुने चने का पिसा हुआ सत्तू मसालों के साथ मिला कर भरा जाता है और इसे उपले की आग पर सेंका जाता है, इसे लिट्टी, भउरी अथवा छोटे आकर की होने पर फुटेहरी कहते हैं। आलू और बैंगन को भूनकर मसालों के साथ उसका चोखा बनाया जाता है। यह यहाँ का आम प्रचलित खाना है और लगभग सभी शहरों में सड़कों के किनारे ठेले पर मिल सकता है।
  • सत्तू - मुख्यतः जौ और चने को भूनकर पीसा हुआ आटा होता है। इसे सीधे पानी में सान कर भी खाया जाता है या घोल कर पेय के रूप में भी पीते हैं।
  • चिउड़ा-दही (या दही-चूड़ा) - धान के चिवड़े (पोहे) को ताजी दही के साथ खाया जाता है। मिथिला और भोजपुरी क्षेत्र में काफी प्रचलित है।
  • पूरी-सब्जी - सुबह के नाश्ते में काफी लोकप्रिय है।

पीना सम्पादन

  • आम झोरा - हरे रंग के आम अर्थात कच्चे आम के रस से इसे बनाया जाता है और इसे पानी, नमक, मिर्ची आदि के साथ मिलाया जाता है। इसे मुख्य रूप से ग्रीष्म ऋतु के दौरान दिया जाता है, क्योंकि इस दौरान यह गर्म हवाओं जैसे लू आदि से बचाता भी है।
  • लस्सी - एक प्रकार का मीठा शर्बत होता है, जिसे शक्कर, सूखे फलों आदि से मिला कर बनाया जाता है। इसे भी मुख्य रूप से ग्रीष्म ऋतु में दिया जाता है।

घूमें और देखें सम्पादन

बोधगया सम्पादन

कथाओं के मुताबिक़ यहाँ बौद्ध धर्म के प्रवर्तक महात्मा बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था। दक्षिणी बिहार में स्थित यह जगह एक प्रमुख बौद्ध तीर्थ है और पूर्वी एशिया तथा दक्षिण पूर्व एशिया के देशों से यहाँ काफी पर्यटक आते हैं।

महाबोधि मंदिर यहाँ का मुख्य आकर्षण है। इसके अलावा शांति स्तूप, और अन्य देशों के द्वारा बनवाये गए मंदिर भी दर्शनीय हैं। चूँकि यह एक तीर्थ स्थल है, यहाँ घूमते वक्त शांति का ध्यान रखें और मंदिरों और धार्मिक प्रतीकों का सम्मान करें।

वैशाली सम्पादन

बिहार की राजधानी पटना के उत्तर में स्थित एक पुरातात्विक स्थल है। यह प्राचीन काल में वज्जि महाजनपद की राजधानी था। यहाँ मौजूद अशोक का सिंह स्तंभ सबसे प्रमुख आकर्षण है। यह स्तंभ अशोक के स्तंभों में सबसे बेहतर ढंग से संरक्षित है।

राजगीर सम्पादन

राजगीर का पुराना नाम राजगृह था और यह मगध साम्राज्य की राजधानी था। बाद में यहाँ से राजधानी पाटलिपुत्र (पटना) स्थानांतरित हुई। इतिहास में रूचि रखने वालों के लिए घूमने लायक जगह है। वेणु वन, प्राचीन नगर परिखा (दीवाल) और हाल में बना जापानी मंदिर जिसमें विशाल बुद्ध प्रतिमा है, यहाँ प्रमुख देखने लायक चीजें हैं। पास में एक कुण्ड है जिसे स्थानीय लोग औषधीय गुणों युक्त पानी वाला मानते हैं।

केसरिया सम्पादन

यह एक छोटा किन्तु प्राचीन और महत्वपूर्ण स्थल है। यहाँ एक विशालकाय स्तूप मौजूद है जिसे केसरिया स्तूप के नाम से जाना जाता है। कुछ दावों के मुताबिक़ यह सबसे ऊँचा स्तूप है। पटना से आप आसानी से यहाँ पहुँच सकते हैं।

नालंदा सम्पादन

नालंदा के भग्नावशेष

प्राचीन बौद्ध केंद्र और भारत में तत्कालीन गिने चुने शिक्षा के केन्द्रों में से एक। मध्यकाल में इसे ध्वंस कर दिया गया था परन्तु अब भी इतिहास और प्राचीन भारतीय संस्कृति में रूचि रखने वालों के लिए अवश्य दर्शनीय स्थल।

वाल्मीकि राष्ट्रीय पार्क सम्पादन

बिहार के सुदूर उत्तर पश्चिमी कोने में नेपाल से सटे जंगली इलाके में यह राष्ट्रीय पार्क स्थित है। यहाँ शेर, गौर और अन्य पशु पक्षी देखे जा सकते हैं। यह गंडक नदी के किनारे का इलाका है और पटना से तकरीबन 300 किलोमीटर की दूरी पर है। बेतिया सबसे नजदीकी शहर है जहाँ से यह नेशनल पार्क 80 किलोमीटर की दूरी पर है। दैनिक बस सेवाएँ बेतिया से उपलब्ध हैं।

सुरक्षित रहें सम्पादन

बिहार में पुराने समय में अपराध की मात्रा बहुत अधिक रही है। डकैती और अपहरण कि तमाम घटनाएँ दर्ज की जाती रही हैं। हालाँकि, अब पहले जैसी स्थिति नहीं रही और काफी सुधार हुआ है पर फिर भी यहाँ घूमते समय आपको सतर्क और सुरक्षित रहने की सलाह दी जाती है।

बिहार में पब्लिक परिवहन जैसे कि रेलों और बसों में काफी भीड़ रहती है। सड़कें बहुत अच्छी नहीं हैं अतः स्वयं गाड़ी न चलायें अगर आपको भारत में गाड़ी चलाने का पर्याप्त अनुभव नहीं है।

यहाँ से जाएँ सम्पादन

  • उत्तर प्रदेश - बिहार घूमने के पश्चात् आप यहाँ से उत्तर प्रदेश की यात्रा कर सकते हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुशीनगर, वाराणसी, सारनाथ और इलाहाबाद जैसे पर्यटन केंद्र आसानी से बिहार से पहुँचे जा सकते हैं। बौद्ध पर्यटन में रूचि रखने वाले बिहार के स्थलों को घूमने के बाद सारनाथ और कुशीनगर की यात्रा करते हैं।
  • नेपाल - प्राकृतिक रूप से मनोरम देश है जो बिहार की उत्तरी सीमा से लगा हुआ है। काठमांडो राजधानी नगर है जहाँ बिहार से आसानी से पहुँचा जा सकता है। पर्वतीय मनोरम दृश्यों, हिंदू मंदिरों और वन्य जीव अभयारण्यों में रूचि हो तो बिहार के बाद सर्वोत्तम विकल्प है।
  • झारखंड - बिहार के दक्षिण में स्थित पठारी प्रदेश है। कई प्राकृतिक झरने और वन्य जीव संरक्षण स्थल दर्शनीय हैं। राँची इस राज्य की राजधानी है और नेतरहट यहाँ का प्रसिद्ध हिल स्टेशन है।
  • कोलकाता -
  • दार्जिलिंग -

🔥 Popular: इस्लाममुखपृष्ठनैनीतालचित्र:Odisha-map.jpgसंयुक्त राज्य अमेरिकाकोलकाताचित्र:Map of India hi.svgबिहारहिन्द महासागरमालदीवऑस्ट्रेलियागुजरातअहमदाबादगोवाटिंबक्टूपुणेविशेष:खोजजापानओडिशाइजराइलपश्चिम बंगालतेलंगानाश्रीलंकाएशियादिल्लीकुशीनगरयूरोपमध्य पूर्वइराकथाईलैंडसारनाथपंजाबसदस्य वार्ता:Innocentbunnyचित्र:Japan regions map (hi).pngबाल्कनवाराणसीसूडानचित्र:Indian Rupee symbol.svgआगराबाल्टिक देशसदस्य वार्ता:J ansariचित्र:Gujarat in India (disputed hatched).svgइटलीकानपुरजैसलमेरयमनझाँसीचित्र:Sarnath banner.jpgविकियात्रा:चौपालचित्र:Dubai Creek from Bur Dubai (5374118618).jpgचित्र:Map of Asia.pngविकियात्रा:आगे बढ़ेंदक्षिण एशियासदस्य वार्ता:RolandUngerछत्तीसगढ़मोरक्कोसदस्य वार्ता:Dcljrसदस्य वार्ता:आर्यावर्तसदस्य वार्ता:Shypoetessविकियात्रा:समुदाय प्रवेशद्वारसदस्य वार्ता:सयुद्ध क्षेत्र सुरक्षामहाराष्ट्रसदस्य वार्ता:SM7सदस्य वार्ता:हिंदुस्थान वासीउज्जैनशिरडीइंडोनेशियाचित्र:Panorama of Jungle-Dedakadi Area-Sasan Gir-Gujarat-India.jpgविष्णुपुरबेनेलक्सचित्र:Pune banner.jpgचित्र:Mecca banner Kaaba 3.jpgमस्जिदजोधपुरकाशीपुरभारतसाँचा:Warningboxचित्र:Temple at Khajuraho, Madhya Pradesh, India.jpg