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शृंगार होता है उसे ही अलंकार कहते हैं। कहा गया है - 'अलंकरोति इति अलंकारः' (जो अलंकृत करता है, वही अलंकार है।) भारतीय साहित्य में अनुप्रास, उपमा, रूपक... |
समुच्चय अलंकार, एक प्रकार का अलंकार है। जहाँ काम का बनाने वाला एक हेतु मौजूद हो, तो भी, उसी काम के साधक अन्य हेतु भी यदि इकट्ठे हो जायँ, तो समुच्चय अलंकार कहलाता... |
कि इस लेख या भाग का अलंकार (साहित्य) के साथ विलय कर दिया जाए। (वार्ता) परिभाषा - काव्य का सौंदर्य व शोभा बढ़ाने वाले तत्त्व अलंकार कहलाते हैं। आभूषण जो... |
अभेदप्रधान, आरोपमूलक अलंकार माना गया है। इससे भी आगे बढ़कर यह अलंकार मात्र नहीं अपितु काव्य-चेतना का नितांत आवश्यक उपादान लगता है। बिना अलंकार के भी श्रेष्ठ... |
भाविक अलंकार अलंकार चन्द्रोदय के अनुसार काव्य में प्रयुक्त एक अलंकार है। साहित्य दर्पण के अनुसार बीत चुके अथवा भविष्य में होने वाले अदभुत पदार्थ का प्रत्यक्ष... |
ही किया जाता है पर उसके एक से अधिक अर्थ निकलते हैं तब श्लेष अलंकार होता है। श्लेष अलंकार के दो भेद होते हैं: सभंग श्लेष अभंग श्लेष उदाहरण १ यहाँ सुबरन... |
अलंकार चन्द्रोदय के अनुसार हिन्दी कविता में प्रयुक्त एक अलंकार. जहाँ पर किसी बात के समर्थन में कोई न कोई युक्ति या कारण दिया जाता है वहाँ काव्यलिंग अलंकार... |
अलंकार चन्द्रोदय के अनुसार हिन्दी कविता में प्रयुक्त एक अलंकार... |
अलंकार चन्द्रोदय के अनुसार हिन्दी कविता में प्रयुक्त एक अलंकार... |
अलंकार चन्द्रोदय के अनुसार हिन्दी कविता में प्रयुक्त एक अलंकार... |
अलंकार चन्द्रोदय के अनुसार हिन्दी कविता में प्रयुक्त एक अलंकार... |
अलंकार चन्द्रोदय के अनुसार हिन्दी कविता में प्रयुक्त एक अलंकार... |
अलंकार चन्द्रोदय के अनुसार हिन्दी कविता में प्रयुक्त एक अलंकार... |
अलंकार चन्द्रोदय के अनुसार हिन्दी कविता में प्रयुक्त एक अलंकार... |
अत्युक्ति अलंकार एक अलंकार है। काव्य में जहाँ किसी की झूठी वीरता, वियोग, उदारता, प्रेम, सुन्दरता, यश आदि का बहुत बढ़ा-चढ़ाकर वर्णन किया जाता है कि देखने... |
उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। पहचान - जनु, मनु, इव, मानो, मनो, मनहुँ, आदि। शब्द अगर किसी अलंकार में आते है तो वह उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। अलंकार चन्द्रोदय... |
अलंकार चन्द्रोदय के अनुसार हिन्दी कविता में प्रयुक्त एक अलंकार है इसका उदाहरण है: आगे नदिया पडी अपार, घोड़ा कैसे उतरे पार । राणा ने सोचा इस पार, तब तक... |
अलंकार चन्द्रोदय के अनुसार हिन्दी कविता में प्रयुक्त एक अलंकार भिन्न धर्म वाले अनेक निर्दिष्ट अर्थों का अनुनिर्देश यथासंख्यक अलंकार कहलाता है। यथासंख्यक... |
अलंकार चन्द्रोदय के अनुसार विरोधाभास अलंकार, हिन्दी कविता में प्रयुक्त एक अलंकार का भेद है। विरोधाभास अलंकार के अंतर्गत एक ही वाक्य में आपस में कटाक्ष... |
अलंकार चन्द्रोदय के अनुसार हिन्दी कविता में प्रयुक्त एक अलंकार समासोक्ति अलंकार मे प्रस्तुत वृत्तान्त के वर्णन किये जाने पर विशेषण के साम्य से अप्रस्तुत... |