साहित्य

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  • (शास्त्रसमूह) को साहित्य कह सकते हैं। दुनिया में सबसे पुराना वाचिक साहित्य हमें संस्कृत भाषा में मिलता है। इस दृष्टि से संस्कृत साहित्य सभी साहित्यों का मूल स्रोत...
  • Thumbnail for हिंदी साहित्य
    मागधी , अर्धमागधी तथा मारवाड़ी जैसी भाषाओं के साहित्य को हिन्दी का आरम्भिक साहित्य माना जाता हैं। हिन्दी साहित्य ने अपनी शुरुआत लोकभाषा कविता के माध्यम से...
  • भाषा) का साहित्य स्थूल रूप से तीन भागों में बाँटा जा सकता है - प्राचीन साहित्य (950-1,200 ई.), मध्यकालीन साहित्य (1,200-1,800 ई.), तथा आधुनिक साहित्य (1,800...
  • Thumbnail for कन्नड़ साहित्य
    कन्नड साहित्य का इतिहास लगभग डेढ़ हजार वर्ष पुराना है। कुछ साहित्यिक कृतियाँ जो ९वीं शताब्दी में रची गयीं थीं, अब भी सुरक्षित हैं। कन्नड साहित्य को मुख्यतः...
  • १५०० ईसवी तक उड़िया साहित्य में धर्म, देव-देवी के चित्रण ही मुख्य ध्येय हुआ करता था और साहित्य सम्पूर्ण रूप से काव्य पर ही आधारित था। उड़िया भाषा के प्रथम...
  • Thumbnail for भारतीय साहित्य
    भारतीय साहित्य से तात्पर्य सन् 1947 के पहले तक भारतीय उपमहाद्वीप एवं तत्पश्चात् भारत गणराज्य में निर्मित वाचिक और लिखित साहित्य से है। विश्व का सबसे पुराना...
  • Thumbnail for साहित्य अकादमी पुरस्कार हिन्दी
    राशि दी जाती है। नकद राशि इस समय एक लाख रुपये हैं। साहित्य अकादमी द्वारा अनुवाद पुरस्कार, बाल साहित्य पुरस्कार एवं युवा लेखन पुरस्कार भी प्रतिवर्ष विभिन्न...
  • गया साहित्य जैन साहित्य कहलाता है। यह साहित्य विभिन्न प्राचीन मंदिरों के ग्रन्थागारों में विपुल मात्रा में संग्रहित है। यह साहित्य धार्मिक साहित्य है जो...
  • वर्तमान साहित्‍य हिन्दी की एक पत्रिका है। यह 'साहित्य, कला और सोच की पत्रिका' (मासिक) के रूप में प्रकाशित होती रही है। कुछ समय के लिए यह पत्रिका त्रैमासिक...
  • अखिल भारतीय हिन्दी साहित्य सम्मेलन, हिन्दी भाषा एवं साहित्य तथा देवनागरी का प्रचार-प्रसार को समर्पित एक प्रमुख सार्वजनिक संस्था है। इसका मुख्यालय प्रयाग...
  • वैदिक साहित्य से तात्पर्य उस विपुल साहित्य से है जिसमें वेदसंहिता, ब्राह्मण-ग्रन्थ, आरण्यक एवं उपनिषद् शामिल हैं। वर्तमान समय में वैदिक साहित्य ही हिन्दू...
  • उड़िया भाषाओं से प्रभावित हुई है। छत्तीसगढ़ी साहित्य में भारतीय संस्कृति के तत्त्व वर्तमान हैं। इस साहित्य में अनेक लोककथाएँ हैं जिनके मूल भाव भारत की...
  • Thumbnail for बंगीय साहित्य परिषद
    बंगाब्द को बंगीय साहित्य परिषत् कर दिया गया। विभिन्न उपायों द्वारा बांग्ला भाषा व बांग्ला साहित्य का अनुशीलन एवं उन्नतिसाधन ही बंगीय साहित्य परिषत् का उदे्दश्य...
  • तमिल भाषा का साहित्य अत्यन्त पुराना है। भारत में संस्कृत के अलावा तमिल का साहित्य ही सबसे प्राचीन साहित्य है। अन्य भाषाओं की तरह इसे भी सामाजिक आवश्यकताओं...
  • समकालीन भारतीय साहित्‍य से इनसे तात्पर्य होता है: भारतीय साहित्य का समकालीन इतिहास समकालीन भारतीय साहित्य (पत्रिका)...
  • परंपरा के प्रवाह में जीवित रहता है।" (लोक साहित्य विज्ञान, डॉ॰ सत्येन्द्र, पृष्ठ-03) साधारण जनता से संबंधित साहित्य को लोकसाहित्य कहना चाहिए। साधारण जनजीवन...
  • यह लेख इंग्लैंड के साहित्य के बजाय अंग्रेजी भाषा के साहित्य पर केंद्रित है, इसीलिए इसमें स्कॉटलैंड, वेल्स, क्राउन निर्भर देश और पूरे आयरलैंड के लेखकों...
  • Thumbnail for संस्कृत साहित्य
    दार्शनिक, वैज्ञानिक औजूझ संस्कृत भाषा का साहित्य अनेक अमूल्य ग्रंथरत्नों का सागर है, इतना समृद्ध साहित्य किसी भी दूसरी प्राचीन भाषा का नहीं है और न...
  • Thumbnail for रूसी भाषा का साहित्य
    रूसी साहित्य से आशय रूस में रचित साहित्य के अलावा रूसी भाषा में रचित उन अनेकों देशों के साहित्य से है जो कभी रूसी साम्राज्य या सोवियत संघ के भाग थे। रूसी...
  • साहित्‍य अमृत हिन्दी की एक पत्रिका है। प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित यह साहित्यिक पत्रिका हिन्दी में छपती है और नई दिल्ली से निकलती है। इस समय इसके सम्पादक...
  • हिन्दी साहित्य का इतिहास  (1941)  द्वारा रामचंद्र शुक्ल 35828हिन्दी साहित्य का इतिहास1941रामचंद्र शुक्ल [ प्रकाशक ]⁠प्रकाशक नागरी प्रचारिणी सभा, ⁠काशी।
  • साहित्यिक आन्दोलनों की प्रवृतियाँ जनवादी साहित्य स्त्री लेखन का विकास और स्त्री साहित्य दलित लेखन का विकास और दलित साहित्य उत्तर-आधुनिक परिदृश्य और वर्तमान साहित्यिक
  • संसार का साहित्य); और देश काल, भआषा या विषय आदि के विचार से परिमित रुप में भी (जैसे, — हिंदी साहित्य, वैज्ञानिक साहित्य, बिहारी का साहित्य आदि) । ६.
  • गोस्वामी तुलसीदास साहित्य समाज का दर्पण होता है। सच्चे साहित्य का निर्माण एकान्त चिन्तन और एकान्त साधना में होता है। -- अनन्त गोपाल शेवड़े साहित्य का कर्तव्य
  • साहित्य के इतिहास का अध्ययन साहित्य के कालक्रमिक और संवेदनात्मक विकास को समझने के लिए आवश्यक है। आधुनिक काल के आगमन के पश्चात गद्य एवं नवीन साहित्यिक
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