यह पृष्ठ अन्य भाषाओं में उपलब्ध नहीं है।
इस विकि पर "प्रतिभा+राय+रचनाएँ" नाम का पृष्ठ बनाएँ! खोज परिणाम भी देखें।
प्रतिभा राय (जन्म 21 जनवरी 1943) ओड़िया भाषा की लेखिका हैं जिन्हें वर्ष 2011 के लिए 47वें ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। प्रतिभा राय के अब... |
जायसवाल से राय साहब की घनिष्ठता रही। इससे राय साहब की कलात्मक अभिरुचि और प्रतिभा में व्यापक संवर्धन हुआ। कला और साहित्य के क्षेत्र में राय साहब के अप्रतिम... |
बाबू गुलाबराय (गुलाब राय से अनुप्रेषित) गुलाब राय जी की बहुत-सी स्फुट रचनाएँ पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं। कृतियाँ एवं रचना-वर्ष आधुनिक युग के निबंध लेखकों और आलोचकों में बाबू गुलाब राय का... |
उनकी रचनाएँ बराबर रसिकवाटिका में निकलती रहीं। पूर्ण जी का देहावसान ४७ वर्ष की अवस्था में कानपुर में संवत् १९७२ में हुआ। 'पूर्ण' जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी... |
चन्द्रशेखर धर मिश्र (अनुभाग काव्य प्रतिभा) संपर्क में इनकी रचनात्मक प्रतिभा का विकास हुआ। उनको काव्य-प्रतिभा अपने पिता से विरासत के रूप में मिली थी। मिश्र जी की विलक्षण प्रतिभा को हिन्दी के पुराने विद्वानों... |
नाटककारों में प्रधान रामशंकर राय हैं। उन्होंने पौराणिक, ऐतिहासिक, सामाजिक, गीतिनाट्य, प्रहसन और यात्रा आदि भिन्न भिन्न विषयों पर रचनाएँ की हैं। "कांचिकावेरी"... |
राधानाथ राय (ओड़िया: ରାଧାନାଥ ରାୟ) (28 सितम्बर 1848 – 17 अप्रैल 1908) उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्ध काल के ओडिया कविता में प्रारंभिक आधुनिकता युग के एक... |
चंद्र बोस और प्रफुल्ल चंद्र राय जैसे वैज्ञानिकों की छाप रही। लेकिन, रवींद्रनाथ ठाकुर की प्रतिभा के सामने ये सभी प्रतिभाएँ फीकी पड़ गयीं। हिंदू मेले में... |
डेक्कन(दक्खन) क्षेत्र में स्थित था। यह 1336 में संगमा राजवंश के दो भाई हरिहर राय और बुक्का राय, द्वारा स्थापित किया गया था। जो यादव वंश के थे । विजयनगर साम्राज्य... |
बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय (अनुभाग रचनाएँ) साहित्य का उत्थान उन्नीसवीं सदी के मध्य से शुरु हुआ। इसमें राजा राममोहन राय, ईश्वर चन्द्र विद्यासागर, प्यारीचाँद मित्र, माइकल मधुसुदन दत्त, बंकिम चन्द्र... |
मानिक गांगुलि तथा घनराम चक्रवर्ती ने भी रचनाएँ प्रस्तुत कीं। एक और कथानक जिसके आधार पर 17वीं, 18वीं शती में रचनाएँ प्रस्तुत की गईं, राजा गोपीचंद का है। वे... |
रामवृक्ष बेनीपुरी (अनुभाग रचनाएँ) पत्रकार, स्वतंत्रता सेनानी, समाज-सेवी और हिंदी प्रेमी के रूप में अपनी प्रतिभा की अमिट छाप छोड़ी है। राष्ट्र-निर्माण, समाज-संगठन और मानवता के जयगान को... |
यथार्थता इतिहासकार की भाँति स्थापित करता है; दूसरी ओर वह साहित्यकार की प्रतिभा और रागात्मकता का तथ्यनिरूपण में उपयोग करता है। उसकी यह स्थिति संभवत: उसे... |
मानस पटल पर सदा से ही कला और साहित्य के लिए विशेष स्थान रहा है। यहाँ नयी प्रतिभा को सदा प्रोत्साहन देने की क्षमता ने इस शहर को अत्यधिक सृजनात्मक ऊर्जा का... |
होकर देश के लिए समर्पित हो गयीं। एक कुशल सेनापति की भाँति उन्होंने अपनी प्रतिभा का परिचय हर क्षेत्र (सत्याग्रह हो या संगठन की बात) में दिया। उन्होंने अनेक... |
के सर्वश्रेष्ठ विक्रेता बन गये। इस समूह में तिकड़ी के प्रत्येक सदस्य की प्रतिभा और अनुभव का संयोजन देखने को मिलता है, यह तिकड़ी कर्नाटकी और हिन्दुस्तानी... |
"गुलाब की बहुमुखी प्रतिभा का नव रूप, नव विकास. जन-रंजन भी और सज्जनप्रिय भी." -हरिवंश राय बच्चन "गुलाबजी छायावाद युग के कृति हैं अतः उनकी रचना में तथ्य भाव-समुद्र... |
वयलर रामवर्मा (अनुभाग वयलार रामवर्मा की रचनाएँ) अपना जो स्थान रचयिता के क्षेत्र में बनाया है, उसमें उनके परिश्रम, लगन और प्रतिभा का ही हाथ है। वे क्रांतिकारी कवि के नाम पर जाने जाते थे। लेकिन स्नेह पर... |
महावीर प्रसाद द्विवेदी (अनुभाग मौलिक पद्य रचनाएँ) संबंध केवल मन और मस्तिष्क से है। प्रतिभा भी एक प्रकार का मनोविकार ही है। इन विकारों की परस्पर इतनी संलग्नता है कि प्रतिभा को अप्समार और विक्षिप्तता से अलग... |
गोपाल राय, राजकमल प्रकाशन, नयी दिल्ली, संस्करण-2011, पृष्ठ-313 पर उद्धृत। भारतीय रंग कोश, संदर्भ हिन्दी, खण्ड-2 (रंग व्यक्तित्व), संपादक- प्रतिभा अग्रवाल... |