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अगर आप हिन्दू पंचांग पर जानकारी ढूंढ रहें हैं, तो हिन्दू पंचांग का लेख देखिए पंचांग (यूनानी: ἐφημερίς) ऐसी तालिका को कहते हैं जो विभिन्न समयों या तिथियों... |
रूप प्राचीन काल से भारत में प्रयुक्त होते आ रहे हैं। पंचांग शब्द का अर्थ है , पाँच अंगो वाला। पंचांग में समय गणना के पाँच अंग हैं : वार , तिथि , नक्षत्र... |
भारतीय राष्ट्रीय पंचांग या 'भारत का राष्ट्रीय कैलेंडर' (संक्षिप्त नाम - भारांग) भारत में उपयोग में आने वाला सरकारी सिविल कैलेंडर है। यह शक संवत पर आधारित... |
जगत् के सब पंचांगों की उत्पत्ति प्राचीन काल में धार्मिक क्रियाओं के समय निश्चित करने के लिए हुई है। बाद में उनमें सामाजिक उत्सव और वर्तमान काल में राजकीय... |
म्यान्मार का पंचांग (बर्मी भाषा: မြန်မာသက္ကရာဇ် या ကောဇာသက္ကရာဇ်) एक चान्द्रसौर पंचांग है जिसके मास चान्द्र मास पर आधारित हैं जबकि वर्ष नाक्षत्र वर्ष... |
तिब्बती पंचांग (तिब्बती : ལོ་ཐོ, लो'थो) चन्द्रसौर पंचांग है। तिब्बती वर्ष १२ या १३ चन्द्र मास का होता है। प्रत्येक मास प्रथमा (new moon) से आरम्भ होता... |
नानकशाही जंतरी (नानकशाही पंचांग से अनुप्रेषित) नानकशाही जंतरी या नानकशाही पंचांग एक सौर पंचांग है जिसे शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने सिख धर्म से सम्बन्धित घटनाओं (तयौहारों) की तिथियाँ दर्शाने... |
कार्यों के लिए प्रयुक्त होने वाले कुछ पंचांगों से है। मलेशिया और सिंगापुर में बसे चीनी मूल के लोग भी इस पंचांग का उपयोग करते हैं। यद्यपि इन पञ्चाङ्गों... |
अधिक होता है। इसका उद्देश्य कलेण्डर या पंचांग के वर्ष को खगोलीय वर्ष के साथ बनाकर रखना है। कलेण्डर या पंचांग वर्ष में पूरे पूरे दिन ही हो सकते है लेकिन... |
दृग्गणित (दृक-पंचांग से अनुप्रेषित) दृग्गणित या दृक् गणित भारत में खगोलीय गणना की एक पद्धति है जिसका उपयोग अनेकों पारम्परिक खगोलशास्त्री, ज्योतिषी तथा पंचांग-निर्माता करते हैं।... |
फाल्गुन का महीना हिन्दू पंचांग का अंतिम महीना है। इस महीने की पूर्णिमा को फाल्गुनी नक्षत्र होने के कारण इस महीने का नाम फाल्गुन है। इस महीने को आनंद और... |
एक चंद्र कैलेंडर चंद्रमा के चरणों के मासिक चक्रों पर आधारित एक कैलेंडर है (सायनोडिक महीने, चंद्र), सौर कैलेंडर के विपरीत, जिनके वार्षिक चक्र केवल सीधे... |
० जनवरी (अनुभाग पंचांग में) है। ० जनवरी वार्षिक पंचांगों में १ जनवरी से पहले के दिन को संदर्भित करता है। यह इस छद्मतिथि को उस वर्ष में रखता है जिसमें पंचांग प्रकाशित किया गया था... |
श्रावण हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह से प्रारंभ होने वाले वर्ष का पाँचवा मास है। भारत में इस माह में वर्षा ऋतु होती है और प्रायः बहुत अधिक गर्मी होती... |
चान्द्र-सौर पञ्चाङ्ग (श्रेणी पंचांग) (lunisolar calendar) उन पंचांगों को कहते हैं जिसकी तिथियाँ चन्द्रमा की कला भी दर्शातीं हैं और सौर वर्ष का समय भी। चान्द्रसौर पंचांग का उपयोग कई संस्कृतियों... |
माघ हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष का ग्यारहवाँ महीना है।... |
दैनिक खगोलीय गणना और अनुष्ठानों के लिए शुभ मुहूर्त निश्चित करने के काम आती थी। आज भी पंचांग बनाने के लिए आर्यभट्ट की खगोलीय गणनाओं का उपयोग किया जाता है।... |
ग्रह एवं तारे, पंचांग, लम्बाई, धान्य (grain) के भार, मुद्रा (money) तथा दिशाएँ) प्रकरण ३ : त्रैराशिक नियम (rule of three) की परिभाषा, पंचांग एवं इसके अवयवों... |
साँचा:मार्च पंचांग २२ मार्च ग्रेगोरी पंचांग के अनुसार वर्ष का ८१वॉ (छलाँग वर्ष मे ८२ वॉ) दिन है। साल मे अभी और २८४ दिन बाकी है। २०१०- केरल सरकार द्वारा... |
हिंदू पंचांग की तेरहवीं तिथि को त्रयोदशी कहते हैं। यह तिथि मास में दो बार आती है। पूर्णिमा के बाद और अमावस्या के बाद। पूर्णिमा के बाद आने वाली त्रयोदशी... |