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राजदूत के रूप में सेवाएँ दी। ग्रीक और लैटिन लेखों में, चन्द्रगुप्त को क्रमशः सैण्ड्रोकोट्स और एण्डोकॉटस के नाम से जाना जाता है। चन्द्रगुप्त मौर्य प्राचीन भारत... |
मेगस्थनीज के अनुसार चन्द्रगुप्त मौर्य की सेना छः लाख पैदल, पचास हजार अश्वारोही, नौ हजार हाथी तथा आठ सौ रथों से सुसज्जित अजेय सैनिक थे। मौर्य प्रान्तीय प्रशासन... |
बिहार का प्राचीन इतिहास (अनुभाग मौर्य राजवंश) विवाह चन्द्रगुप्त से कर दिया। उसने मेगस्थनीज को राजदूत के रूप में चन्द्रगुप्त मौर्य के दरबार में नियुक्त किया। चन्द्रगुप्त मौर्य ने पश्चिम भारत में सौराष्ट्र... |
मुद्राराक्षस (श्रेणी संस्कृत नाटक) नन्दवंश के नाश, चन्द्रगुप्त के राज्यारोहण, राक्षस के सक्रिय विरोध, चाणक्य की राजनीति विषयक सजगता और अन्ततः राक्षस द्वारा चन्द्रगुप्त मौर्य के प्रभुत्व की... |
बिन्दुसार (सम्राट बिन्दुसार मौर्य से अनुप्रेषित) बिन्दुसार (राज. 297–273 ई.पू) मौर्य राजवंश के राजा थे, जो चन्द्रगुप्त मौर्य के पुत्र थे। बिन्दुसार को अमित्रघात, सिंहसेन्, मद्रसार तथा अजातशत्रु वरिसार... |
एशिया का इतिहास (श्रेणी साँचे में अमान्य तिथि प्राचल वाले लेख) चंद्रगुप्त मौर्य गंगा नदी का नियंत्रण लेने के लिए शुरू किया और जल्द ही स्थापित मौर्य साम्राज्य बनाया। मौर्य साम्राज्य (संस्कृत: मौर्य राजवंश, मौर्य राजवन्श)... |
सत्ता का केन्द्र बन गया। चन्द्रगुप्त मौर्य का साम्राज्य बंगाल की खाड़ी से अफ़गानिस्तान तक फैल गया था। मौर्य काल के आरंभ में पाटलिपुत्र के अधिकांश राजमहल... |
इतिहास में चंद्रगुप्त मौर्य की शाही भव्यता को दर्शाया गया है, जिसने पहले के कई राज्यों पर विजय प्राप्त की जो अब गुजरात है। पुष्यगुप्त, एक वैश्य, को मौर्य शासन... |
बिहार (श्रेणी टेम्पलेट कॉल में डुप्लिकेट तर्क का उपयोग करते हुए पन्ने) मे श्रीलंका तक पूरा भारतवर्ष मे फैला था। इस साम्राज्य के पहले राजा चन्द्रगुप्त मौर्य ने कै ग्रीक् सतराप् को हराकर अफ़ग़ानिस्तां के हिस्से को जीता। इनकी... |
कुरुक्षेत्र युद्ध (श्रेणी टेम्पलेट कॉल में डुप्लिकेट तर्क का उपयोग करते हुए पन्ने) राजदूत मेगस्थनीज ने अपनी पुस्तक "इंडिका" में जिस चन्द्रगुप्त का उल्लेख किया है वो गुप्त वंश का राजा चन्द्रगुप्त भी हो सकता है। अधिकतर पश्चिमी यूरोपीय विद्वानों... |
गोरखपुर (श्रेणी ज्ञानसन्दूक अवस्थापन में अज्ञात प्राचल का उपयोग करते हुए पृष्ठ) में विजय प्राप्त की उसके बाद गोरखपुर मौर्य, शुंग, कुषाण, गुप्त और हर्ष साम्राज्यों का हिस्सा बन गया। भारत का महान सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य जो मौर्य वंश... |
है। ५. मौर्य संवत् - चन्द्रगुप्त मौर्य ने चाणक्य की सहायता से ई.॰ईपू॰ ३२१ में मौर्य साम्राज्य की स्थापना की थी। हाथीगुंफा, कटक (उड़ीसा) में मौर्य संवत्... |
महाभारत (श्रेणी टेम्पलेट कॉल में डुप्लिकेट तर्क का उपयोग करते हुए पन्ने) राजदूत मेगस्थनीज ने अपनी पुस्तक "इंडिका" में जिस चन्द्रगुप्त का उल्लेख किया था वो गुप्त वंश का राजा चन्द्रगुप्त भी हो सकता है। अधिकतर पश्चिमी विद्वान जैसे... |
राजनय (अनुभाग प्राचीन भारत में राजनय) ख्यात) को जाता है, जो कि चन्द्रगुप्त मौर्य, मौर्य राजवंश के संस्थापक का प्रधान सलाहकार था, (चंद्रगुप्त ने 4थी शताब्दी ई.पू. में शासन किया)। अर्थशास्त्र... |
पंचतंत्र (श्रेणी संस्कृत साहित्य) विष्णुशर्मा चाणक्य का ही दूसरा नाम था। अतः पंचतन्त्र की रचना चन्द्रगुप्त मौर्य के समय में ही हुई है और इसका रचना काल 300 ई.पू. माना जा सकता है। पर पाश्चात्य... |
कलिंग युद्ध (श्रेणी भारत में द्वन्द्व) तुषास्प ने सुदर्शन झील से नहरें निकलवायीं। सुदर्शन झील का निर्माण चन्द्रगुप्त मौर्य के समय सौराष्ट्र प्रान्त के गवर्नर पुष्यगुप्त ने करवाया था। राज्यतरंगिणी... |
सत्ता का केन्द्र बन गया। चन्द्रगुप्त मौर्य का साम्राज्य बंगाल की खाड़ी से अफ़गानिस्तान तक फैल गया था। मौर्य काल के आरंभ में पाटलिपुत्र के अधिकांश राजमहल... |
५०० ईसवी पूर्व के बाद, कई स्वतंत्र राज्य बन गए। उत्तर में मौर्य वंश, जिसमें चन्द्रगुप्त मौर्य और अशोक सम्मिलित थे, ने भारत के सांस्कृतिक पटल पर उल्लेखनीय... |
(324-300 ईसा पूर्व) के तहत मौर्य द्वारा नंदों को एक विशाल साम्राज्य पर शासन किया गया था और जिला मल्लास के अधीन भाग के अलावा मौर्य साम्राज्य का हिस्सा बन गया... |
आन्ध्र प्रदेश (श्रेणी साँचे में अमान्य तिथि प्राचल वाले लेख) जाति का उल्लेख किया गया है।भट्टीप्रोलु में पाए गए शिलालेखों में तेलुगू भाषा की जड़ें खोजी गई हैं। चंद्रगुप्त मौर्य (ई.पू. 322-297) के न्यायालय का दौरा करने... |