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26|203|तब वे कहेंगे, "क्या हमें कुछ मुहलत मिल सकती है?" 26|204|तो क्या वे लोग हमारी यातना के लिए जल्दी मचा रहे हैं? 26|205|क्या तुमने कुछ विचार किया?... |
अल-अनकबूत (श्रेणी लेख जो जून 2015 से स्रोतहीन हैं) खेल है। निस्संदेह पश्चात्वर्ती घर (का जीवन) ही वास्तविक जीवन है। क्या ही अच्छा होता कि वे जानते! 29|65|जब वे नौका में सवार होते हैं तो वे अल्लाह को उसके... |
अन-नम्ल (श्रेणी लेख जो जून 2015 से स्रोतहीन हैं) "क्या तुम आँखों देखते हुए अश्लील कर्म करते हो? 27|55|क्या तुम स्त्रियों को छोड़कर अपनी काम-तृप्ति के लिए पुरुषों के पास जाते हो? बल्कि बात यह है कि... |
अल-फ़ातिर (श्रेणी लेख जो जून 2015 से स्रोतहीन हैं) समझाया गया है कि जो लोग मानना नहीं चाहते तो उनकी नीति पर न आप शोकाकुल हों और न आप उन्हें सन्मार्ग पर लाने की चिन्ता में अपनी जान घुलाएँ। इसके स्थान पर आप अपना... |
अस-सजदा (श्रेणी लेख जो जून 2015 से स्रोतहीन हैं) स्पष्ट है। फिर उनसे कहा गया है कि यह कुरआन जिन तथ्यों को तुम्हारे सामने प्रस्तुत करता है, बुद्धि से काम लेकर स्वयं सोचो कि इनमें क्या चीज़ अचम्भे की है। आकाश... |
अन-नह्ल (श्रेणी लेख जो जून 2015 से स्रोतहीन हैं) ढाया गया था अल्लाह के लिए घर-बार छोड़ा उन्हें हम दुनिया में भी अच्छा ठिकाना देंगे और आख़िरत का प्रतिदान तो बहुत बड़ा है। क्या ही अच्छा होता कि वे जानते 16|42|ये... |
अल-क़सस (श्रेणी लेख जो जून 2015 से स्रोतहीन हैं) हो और ताकि वह जान ले कि अल्लाह का वादा सच्चा है, किन्तु उनमें से अधिकतर लोग जानते नहीं 28|14|और जब वह अपनी जवानी को पहुँचा और भरपूर हो गया, तो हमने उसे... |
अल-मोमिनून (श्रेणी लेख जो जून 2015 से स्रोतहीन हैं) ही, क्या अच्छा होता तुम जानते होते! 23|115|तो क्या तुमने यह समझा था कि हमने तुम्हें व्यर्थ पैदा किया है और यह कि तुम्हें हमारी और लौटना नहीं है?" 23|116|तो... |
"आकाशों और धरती को किसने पैदा किया?" तो वे अवश्य कहेंगे कि "अल्लाह ने।" कहो, "प्रशंसा भी अल्लाह के लिए है।" वरन उनमें से अधिकांश जानते नहीं 31|26|आकाशों और... |
अल-अंबिया (श्रेणी लेख जो जून 2015 से स्रोतहीन हैं) करेगा? बल्कि बात यह है कि वे अपने रब की याददिहानी से कतरा रहे हैं 21|43|(क्या वे हमें नहीं जानते) या हमसे हटकर उनके और भी इष्ट-पूज्य है, जो उन्हें बचा ले... |
अल-अलक़ (श्रेणी लेख जो जून 2015 से स्रोतहीन हैं) अतएव आपको ओढ़ा दिया गया। जब आपपर से भय की हालत दूर हो गई तो आपने कहा, “मुझे अपने प्राण का भय है।" उन्होंने कहा , "कदापि नहीं, आप प्रसन्न हो जाइए, आपको... |
सबा (सूरा) (श्रेणी लेख जो जून 2015 से स्रोतहीन हैं) वे यातना और परले दरजे की गुमराही में हैं 34|9|क्या उन्होंने आकाश और धरती को नहीं देखा, जो उनके आगे भी है और उनके पीछे भी? यदि हम चाहें तो उन्हें धरती में... |
अल-कहफ़ (श्रेणी लेख जो जून 2015 से स्रोतहीन हैं) अधिक 18|26|कह दो, "अल्लाह भली-भाँति जानता है जितना वे ठहरे।" आकाशों और धरती की छिपी बात का सम्बन्ध उसी से है। वह क्या ही देखनेवाला और सुननेवाला है! उससे... |
सरबजीत सिंह (श्रेणी सभी लेख जिन्हें अतिरिक्त संदर्भ की आवश्यकता है) अभिगमन तिथि 24 जून 2016. आजतक (2016). "क्या है सरबजीत और किरपाल का कनेक्शन? - AajTak". मूल से 22 अप्रैल 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 जून 2016. "सरबजीत... |
अस-साफ़्फ़ात (श्रेणी लेख जो जून 2015 से स्रोतहीन हैं) ठहराओ, उनसे पूछना है, 37|25|"तुम्हें क्या हो गया, जो तुम एक-दूसरे की सहायता नहीं कर रहे हो?" 37|26|बल्कि वे तो आज बड़े आज्ञाकारी हो गए है 37|27|वे एक-दूसरे... |
अर-रूम (श्रेणी लेख जो जून 2015 से स्रोतहीन हैं) ओर से वे बिलकुल असावधान है 30|8|क्या उन्होंने अपने आप में सोच-विचार नहीं किया? अल्लाह ने आकाशों और धरती को और जो कुछ उनके बीच है सत्य के साथ और एक नियत... |
अल-फ़ुरक़ान (श्रेणी लेख जो जून 2015 से स्रोतहीन हैं) "सूरा अल्-फ़ुर्क़ान". https://quranenc.com. मूल से 23 जून 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 जून 2020. |website= में बाहरी कड़ी (मदद) Al-Furqan सूरा का... |
अल-आदियात (श्रेणी लेख जो जून 2015 से स्रोतहीन हैं) स्वयं इसपर गवाह है! (100:7) और निश्चय ही वह धन के मोह में बड़ा दृढ़ है(100:8) तो क्या वह जानता नहीं जब उगवला लिया जाएगा तो क़ब्रों में है (100:9) और स्पष्ट... |
विकिपीडिया (श्रेणी लेख जिनमें जून 2008 से स्रोतहीन कथन हैं) वेल्स को बुलाया और उससे पूछा, ".... क्या आप.............जानते हैं कि यह किसने लिखा है?""नहीं, हम नहीं जानते", जिमी ने कहा. कुछ आलोचकों का दावा है कि विकिपीडिया... |
अल-अनआम (श्रेणी लेख जो जून 2015 से स्रोतहीन हैं) बेहतर है तो क्या तुम (इतना भी) नहीं समझते (33) हम खूब जानते हैं कि उन लोगों की बकबक तुम को सदमा पहुँचाती है तो (तुम को समझना चाहिए कि) ये लोग तुम को नहीं... |