बुलन्द दरवाजा

बुलन्द दरवाजा (अङ्ग्रेजी: Buland Darwazacode: en is deprecated , उर्दू: بُلند دروازه‎‎‎,), मुगल सम्राट अकबरद्वारा गुजरात उपर विजय प्राप्त केलाक बाद सन् १६०१ मे निर्माण कएल गेल छल । बुलन्द दरवाजा भारतक आगरा शहरसँ ४३ किमी दूर फतेहपुर सिकरीमे अवस्थित महलक मुख्य प्रवेशद्वार छी ।याह प्रकारक स्मृति द्वार राजस्थान राज्यक अजमेरमे रहल दरगाह शरिफमे आ हैदराबादक गोलकोन्दा किलामे अवस्थित अछि ।

बुलन्द दरवाजा
Buland Darwaza
बुलन्द दरवाजा
बुलन्द दरवाजा
स्थानफतेहपुर सिकरी, भारत
निर्देशाङ्क२७°०३′१४″N ७७°२३′४१″E / २७.०५४०°N ७७.३९४६°E / 27.0540; 77.3946
निर्माणसन् १६०१
वास्तु शैलीमुगल वास्तुशैली
समर्पितअकबरद्वारा गुजरातपर विजय
बुलन्द दरवाजा उत्तर प्रदेशपर अवस्थित
बुलन्द दरवाजा
उत्तर प्रदेश, भारतमे स्थान

बुलन्द दरवाजा विश्वक सभसँ उंच प्रवेशद्वार छी आ मुगल वास्तुकलाक एक उत्कृष्ट उदाहरण छी । ई अकबर साम्रज्यक दर्शावैत अछि ।हिन्दू आ फारसी स्थापत्य कलाक अद्भुत उदाहरण होमएक कारण एकरा भव्यता कऽ द्वार नामसँ सेहो जानल जाइत अछि ।

वास्तुकला

गुजरात पर विजय प्राप्त करवाक स्मृतिमे बनाएल गेल ई प्रवेशद्वारक पूर्वी तोरण पर फारसीमे शिलालेख अङ्कित अछि जे सन् १६०१मे डेक्कन पर अकबरक विजय अभिलेख अछि । ४२ सीढ़िसभक ऊपर स्थित बुलन्द दरवाजा ५३.६३ मीटर उंच आ ३५ मीटर चौडा़ अछि । ई लाल बलुआ पत्थरसँ बनल अछि जे उज्जर सङ्गमरमरसँ सजायल गेल अछि । दरवाजाक अगाडी आ स्‍तम्भसभ पर कुरानक आयतसभ खुदल अछि । एकर खुदाई ख्वाजा हुसैन चिस्ती केनए छल । ई दरवाजा एक पैग अङ्गना आ जामा मस्जिदक दिस खुजैत अछि । समअष्टकोणीय आकार भेल ई दरवाजा गुम्बदसभ आ मीनारसभसँ सजल अछि । ई प्रवेशद्वारक कूल उचाई १७६ फिट अछि । मुख्य द्वार पूर्ण रूपसँ सादा अछि । सन् १६०१ मे सम्राट अकबरद्वारा गुजरात उपर विजय प्राप्त केलाक बाद उत्तर प्रदेशमे एकर निर्माण आरम्भ कएल गेल आ एकर निर्माण समाप्तिमे १२ वर्षक समय लागल ।

दरवाजाक तोरण पर जिसस क्राइस्टसँ सम्बन्धित किछ पङ्क्तिसभ लिखल अछि जे निम्न अछि: मरियमक पुत्र यीशु कहलक: ई संसार एक बाँधक समान अछि, ई भऽ चली अवश्य, मुदा याह पर अपन घर नै बनाए ली । जे एक दिनक आशा रखैत अछि ओ चिरकालधरि आश राखि सकैत अछि, जबकि ई संसार घण्टा भरिक लेल मात्र टिकैत अछि, याह लेल अपन समय प्रार्थनामे बिताबी कियाकी ओकर छोड़ि सब किछ अदृश्य अछि । बुलन्द दरवाजा पर बाइबलक ई पङ्क्तिसभक उपस्थितिक कारण अकबरकें धार्मिक सहिष्णुताक प्रतीक मानल जाइत अछि ।

चित्र दीर्घा

सन्दर्भ सामग्रीसभ

बाह्य जडीसभ

एहो सभ देखी

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