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यह राशि चक्र की छठी राशि है।दक्षिण दिशा की द्योतक है। इस राशि का चिह्न हाथ में फ़ूल की डाली लिये कन्या है। इसका विस्तार राशि चक्र के १५० अंशों से १८०... |
मिथुन राशि और मिथुन तारामंडल। यह बारह राशियां हैं - मेष राशि वृष राशि मिथुन राशि कर्क राशि सिंह राशि कन्या राशि तुला राशि वॄश्चिक राशि धनु राशि मकर राशि कुम्भ... |
(Moonstone) धारण करने से कर्क राशि के लोगों को लाभ मिलता है। भचक्र की पांचवीं राशि है सिह। यह सूर्य की क्रांतिपथ में कर्क और कन्या राशि के बीच होता है। इसका आभासीय... |
हैं। अगर किसी व्यक्ति की धनु राशि या धनु लग्न की कन्या से विवाह हो तो उसे भाग्यशाली समझना चाहिए। क्योंकि ऐसी कन्या अपने पति को समझने वाली और सही... |
राशि चक्र की यह दूसरी राशि है, इस राशि का चिन्ह ’बैल’ है, बैल स्वभाव से ही अधिक पारिश्रमी और बहुत अधिक वीर्यवान होता है, साधारणत: वह शांत रहता है, किन्तु... |
कन्या या वर्गो (अंग्रेज़ी: Virgo) तारामंडल राशिचक्र का एक तारामंडल है। पुरानी खगोलशास्त्रिय पुस्तकों में इसे अक्सर एक कन्या के रूप में दर्शाया जाता था।... |
राशि चक्र की यह पहली राशि है, इस राशि का चिन्ह ”मेढा’ या भेडा है, इस राशि का विस्तार चक्र राशि चक्र के प्रथम 30 अंश तक (कुल 30 अंश) है। राशि चक्र का यह... |
पूर्वाभाद्रपद • उत्तराभाद्रपद • रेवती |group2=राशि |list2= मेष • वृषभ • मिथुन • कर्क • सिंह • कन्या • तुला • वृश्चिक • धनु • मकर • कुम्भ • मीन... |
मिथुन राशि ज्योतिष के राशिचक्र में तृतीय राशि है। इसका उद्भव मिथुन तारामंडल से माना जाता है। राशि चक्र की तीसरी राशि है राशि का प्रतीक युवा दंपति है यह... |
वहीं राशि स्वामी बुध भी उत्तम स्थिति में हो तो ऐसा जातक उत्तम सफलता पाते हैं। स्वामी चंद्र हो तो एक ही राशि यानी कन्या राशि में ही होगा, लेकिन राशि स्वामी... |
(Leo) राशि चक्र की पाचवीं राशि है। और पूर्व दिशा की द्योतक है। इसका चिह्न शेर है। इसका विस्तार राशि चक्र के 120 अंश से 150 अंश तक है।सिंह राशि का स्वामी... |
मकर राशि बारह राशियों के समूह में १०वीं है। इसका स्वामी शनि है। मकर राशि के जातक दुबले-पतले शरीर के होते हैं और इनकी लंबाई औसत होती है। मकर राशि के जातकों... |
हैं। इस नक्षत्र के प्रथम दो चरण कन्या राशि में आते हैं। पे पो नाम से इस नक्षत्र की पहचान होती है। नक्षत्र स्वामी मंगल राशि स्वामी बुध इन दो ग्रहों का जातक... |
राशि चक्र की यह ग्यारहवीं राशि है। यह वायु तत्व की तीसरी और स्थिर राशि है। इसका विस्तार चक्र 300 से 330 अंश के अन्दर पाया जाता है। इसका चिन्ह कु्म्भ है।... |
तुला (♎) राशि चक्र में सातवीं राशि है। {{तुला राशि सन्दूक}के जातकों की मनोदशा का केवल यही वर्णन नहीं है। भारतीय जनतंत्र में आज जिस व्यक्ति की छाप सबसे... |
जिस राशि का उदय बालक के जन्म के समय पूर्वी क्षितिज में हो रहा होता, वही राशि लग्न - राशि होती है| ज्योतिष शास्त्र में मेष वृषभ मिथुन कर्क सिंह कन्या तुला... |
राशि चक्र की यह चौथी राशि है, यह उत्तर दिशा की द्योतक है, तथा जल त्रिकोण की पहली राशि है, इसका चिन्ह केकड़ा है, यह चर राशि है, इसका विस्तार चक्र 90 से... |
कन्या भ्रूण हत्या जन्म से पहले लड़कियों को मार डालने की क्रिया है। भारत सरकार प्रसव पूर्व लिंग परीक्षण एवं कन्या भ्रूण हत्या पर रोक लगा चुकी है। 1000 /... |
५९ कन्या या ५९ वर्जिनिस (59 Virginis), जिसे ई वर्जिनिस (e Virginis), ग्लीज़ ५०४ (Gliese 504) और जी॰जे॰ ५०४ (GJ 504) भी कहते हैं, एक G-श्रेणी का मुख्य... |
हानिकर भी हो सकता है। बुध मिथुन एवं कन्या राशियों का स्वामी है तथा कन्या राशि में उच्च भाव में स्थित रहता है तथा मीन राशि में नीच भाव में रहता है। यह सूर्य... |