महाराणा संग्राम सिंहजी द्वितीय मेवाड़, के सिसोदिया राजवंश के शासक थे। इन्होंने उदयपुर में 'सहेलियों की बाड़ी' बनवाई तथा सीसारमा, उदयपुर में वैद्यनाथ जी के मंदिर का निर्माण कराया।
महाराणा श्री संग्राम सिंहजी द्वितीय | |
---|---|
जाति | राणावत सिसोदिया |
पूर्वाधिकारी | महाराणा अमर सिंहजी द्वितीय |
उत्तराधिकारी | महाराणा जगत सिंहजी द्वितीय |
धर्म | हिंदू |
जीवनसाथी | रानी परमारजी उमेद कँवरजी पुत्री राव मुकुंद सिंहजी बंबोरी-मेवाड़ रानी भटियानिजी बदन कँवरजी पुत्री महारावल जसवंत सिंहजी जैसलमेर रानी राठौड़जी किशन कँवरजी पुत्री राव सूरजमल सिंहजी भिनाय-अजमेर रानी खिंचनजी गुमान कँवरजी पुत्री राजा धीरज सिंहजी राघौगढ़ रानी झालीजी यश कँवरजी पुत्री ठाकोर राज करण सिहजी गोपाल सिहजी लाख्तर काठियावाड़-गुजरात |
बच्चे | पुत्र :- महाराणा जगत सिंहजी द्वितीय कुंवर नाथ सिंहजी (बाघोर) कुंवर बाघ सिंहजी (कर्जली) कुंवर अर्जुन सिंहजी (शिवराती) पुत्रियां :- बाईजी लाल ब्रज कँवरजी महाराव राजा दुर्जनसाल सिंहजी हाड़ा कोटा से विवाह बाईजी लाल सौभाग कँवरजी (विवाह ज्ञात नहीं) बाईजी लाल रूप कँवरजी (विवाह ज्ञात नहीं) |
माता-पिता | महाराणा अमर सिंहजी द्वितीय और रानी चौहानजी देव कँवरजी पुत्री राव सबल सिंहजी बेदला-मेवाड़ |
संबंधी | बाईजी लाल चँद्र कँवरजी (बहन) महाराजा सवाई जय सिंहजी द्वितीय जयपुर (बहनोई) महाराजा सवाई माधो सिंहजी द्वितीय जयपुर (भानेज) बाई जी लाल विचित्र कँवरजी जयपुर (भांजी) बाई जी लाल किशन कँवरजी जयपुर (भांजी) महाराव राजा दुर्जनसाल सिंहजी कोटा (जमाई) |
अहाड़ की छत्रियां उदयपुर |
महराणा अमरसिंहजी द्वितीय के बाद इनके पुत्र संग्राम सिंहजी द्वितीय को मेवाड़ का शासक बनाया गया। इनका राज्याभिषेक 26 अप्रैल ,1711 ई. को हुआ जिसमे जयपुर के शासक महाराजा सवाई जय सिंहजी द्वितीय भी आये थे। इनके द्वारा उदयपुर में सहेलियों की बाड़ी ,सीमारमा गाँव में वैधनाथ का विशाल मंदिर ,नाहर मगरी के महल ,उदयपुर के महलो में चीनी की चित्रशाला आदि बनावाये गये एवं वैद्यनाथ मंदिर की प्रशस्ति लिखवाई गई। महाराणा का 24 जनवरी, 1734 को देहान्त हो गया। इनके शासनकाल में मुग़ल बादशाह मुहम्मद फर्रुख शियर ने जजिया कर हटाने का फरमान जारी किया। परन्तु उसके कुछ समय बाद वापस जजिया कर लगा देने पर महाराणा ने कोई परवाह नहीं क। इसके बाद बादशाह बने रफीउद्दरजात ने जजिया कर समाप्त करने का हुक्म जारी किया।
महाराणा संग्रामसिंहजी द्वितीय के बारे में कर्नल जेम्स टॉड ने लिखा है की बप्पा रावल की गद्दी का गौरव बनाये रखने वाला यह अंतिम राजा हुआ।
इन्होंने उदयपुर में 'सहेलियों की बाड़ी' का निर्माण करवाया तथा मराठों के विरुद्ध भीलवाड़ा 'हुरडा सम्मेलन' की योजना बनाई। इन्होंने 18 बार युद्ध किए।
मेवाड़ के सिसोदिया राजवंश के शासक (1326–1948 ईस्वी) | ||
---|---|---|
राणा हम्मीर सिंह | (1326–1364) | |
राणा क्षेत्र सिंह | (1364–1382) | |
राणा लखा | (1382–1421) | |
राणा मोकल | (1421–1433) | |
राणा कुम्भ | (1433–1468) | |
उदयसिंह प्रथम | (1468–1473) | |
राणा रायमल | (1473–1508) | |
राणा सांगा | (1508–1527) | |
रतन सिंह द्वितीय | (1528–1531) | |
राणा विक्रमादित्य सिंह | (1531–1536) | |
बनवीर सिंह | (1536–1540) | |
उदयसिंह द्वितीय | (1540–1572) | |
महाराणा प्रताप | (1572–1597) | |
अमर सिंह प्रथम | (1597–1620) | |
करण सिंह द्वितीय | (1620–1628) | |
जगत सिंह प्रथम | (1628–1652) | |
राज सिंह प्रथम | (1652–1680) | |
जय सिंह | (1680–1698) | |
अमर सिंह द्वितीय | (1698–1710) | |
संग्राम सिंह द्वितीय | (1710–1734) | |
जगत सिंह द्वितीय | (1734–1751) | |
प्रताप सिंह द्वितीय | (1751–1754) | |
राज सिंह द्वितीय | (1754–1762) | |
अरी सिंह द्वितीय | (1762–1772) | |
हम्मीर सिंह द्वितीय | (1772–1778) | |
भीम सिंह | (1778–1828) | |
जवान सिंह | (1828–1838) | |
सरदार सिंह | (1838–1842) | |
स्वरूप सिंह | (1842–1861) | |
शम्भू सिंह | (1861–1874) | |
उदयपुर के सज्जन सिंह | (1874–1884) | |
फतेह सिंह | (1884–1930) | |
भूपाल सिंह | (1930–1948) | |
नाममात्र के शासक (महाराणा) | ||
भूपाल सिंह | (1948–1955) | |
भागवत सिंह | (1955–1984) | |
महेन्द्र सिंह | (1984–वर्तमान) | |
.
यह लेख एक आधार है। जानकारी जोड़कर इसे बढ़ाने में विकिपीडिया की मदद करें। |
This article uses material from the Wikipedia हिन्दी article संग्राम सिंह द्वितीय, which is released under the Creative Commons Attribution-ShareAlike 3.0 license ("CC BY-SA 3.0"); additional terms may apply (view authors). उपलब्ध सामग्री CC BY-SA 4.0 के अधीन है जब तक अलग से उल्लेख ना किया गया हो। Images, videos and audio are available under their respective licenses.
®Wikipedia is a registered trademark of the Wiki Foundation, Inc. Wiki हिन्दी (DUHOCTRUNGQUOC.VN) is an independent company and has no affiliation with Wiki Foundation.