कोशी प्रदेश नेपाल के सात प्रदेशों में से एक है। २० सितम्बर २०१५ को लागू हुए संविधान में नए सात प्रदेशों का प्रावधान है।
कोशी प्रदेश कोशी प्रदेश | |
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प्रदेश | |
ऊपर से बाएं होते हुए दाहिने माउंट एवरेस्ट, कंचनजंगा, गोक्यो झील, नामचे बाजार, बरूण घाटी, ईलाम, हलेसी महादेव मंदिर और तांगबोचे मठ | |
कोशी प्रदेश | |
निर्देशांक: 26°27′15″N 87°16′47″E / 26.45417°N 87.27972°E 87°16′47″E / 26.45417°N 87.27972°E | |
राष्ट्र | Nepal |
स्थापना | 20 सितंबर 2015 |
राजधानी | बिराटनगर |
बड़ा नगर | बिराटनगर |
जिलें | : 14 |
शासन | |
• प्रणाली | स्वायत्त प्रदेश |
• सभा | कोशी प्रदेश की सरकार |
• गवर्नर | परशुराम खापुङ |
• मुख्यमंत्री | केदार कार्की (नेपाली कांग्रेस) |
• उच्च न्यायालय | बिराटनगर उच्च न्यायालय |
• कोशी प्रांतीय विधानसभा | एक सदनीय (93 सीट) |
• संसदीय निर्वाचन क्षेत्र | 28 |
क्षेत्र | 25905 किमी2 (10,002 वर्गमील) |
क्षेत्र दर्जा | 2रा |
अधिकतम उच्चता | 8848 मी (29,029 फीट) |
निम्नतम उच्चता | 70 मी (230 फीट) |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 45,34,943 |
• दर्जा | 3रा |
• घनत्व | 180 किमी2 (450 वर्गमील) |
• घनत्व दर्जा | 4था |
• घर परिवार | 991,750 |
वासीनाम | पूर्वी नेपाली, पूर्वेली |
जनसांख्यिकी | |
• धार्मिक वर्ग | हिंदू, किराती, बुद्ध धर्मावलंबी |
• जातिय वर्ग | क्षत्रिय, ब्राह्मण, राई, लिम्बु |
• महिला ♀ | 52% |
• पुरुष ♂/100 महिला | 91.48% |
मानव विकास सूचकांक 0.553 (मध्यम) | |
• जीडीपी (2019) | 36.37% |
• गरीबी | 0.127 |
• शिक्षित | 65.30% |
• आयु दर | 69% |
समय मण्डल | नेपाली समय (यूटीसी+5:45) |
भूगोल सूचक संख्या | NP-ON |
राष्ट्र भाषा | नेपाली (43.07%) |
अन्य भाषाएं | 1. मैथिली 2. लिम्बु भाषा |
वेबसाइट | p1 |
इस प्रदेश के पूर्व में भारत का सिक्किम राज्य है तथा साथ में पश्चिम बंगाल का उत्तरी हिस्सा दार्जीलिंग सटा हुआ है। उत्तर में हिमालय के उस पार तिब्बत स्थित है रही तो दक्षिण में भारत का बिहार स्थित है।
२५,९०५ वर्ग किमी के क्षेत्रफल में ४४ निर्वाचन क्षेत्र फैले हुए हैं। १०,४३८ किमी२ का क्षेत्रफल पर्वतों से घिरा हुआ है, १०,७४९ किमी२ का क्षेत्रफल पहाड़ी है और पूर्वी तराई का फैलाव ४,७१८ किमी२ में है।
निपआ. (निर्वाचन परिसीमन आयोग) के रिपोर्ट के अनुसार कोशी प्रदेश में एफपीटीपी (फर्स्ट पास्ट द पोस्ट निर्वाचन) पद्धति के तहत २८ संसदीय सीट और ५६ प्रादेशिक सीट होंगे।
२०११ के जनगणना के अनुसार, इस प्रदेश में लगभग ४५ लाख लोग रहते हैं, जिसका जनसंख्या घनत्व १७५.६ प्रति वर्ग किलमीटर है।
ऐतिहासिक प्रमाणों से पता चलता है कि यह क्षेत्र किरात अधिराज्य का एक हिस्सा था जो विदेह के पूर्व में हिमालयी क्षेत्र में फैला हुआ था। महाभारत और अन्य हिन्दू धर्म-ग्रंथों में इस बात का उल्लेख है।
शाह वंश द्वारा नेपाल एकीकरण से पहले तक यहां छोटे- छोटे लिम्बु रियासत और किरात रियासत थें। १७७१ से १७७५ के बीच गोरखा अधिराज्य के राजा पृथ्वीनारायण शाह ने इन्हें युद्ध में हराकर अपने अधीन कर लिया।
मोरंग, सुनसरी और झापा के हिस्से एक समय में मोरंग अधिराज्य हुआ करता था, जो लिम्बुवान का एक राज्य था। यह राज्य लिम्बु राजा मवरोंग हांग द्वारा स्थापित किया गया था। बाद में इस राज्य पर गोरखा के राजा ने अधिकार प्राप्त कर लिया।
कोशी प्रदेश नेपाल का सबसे पूर्वी प्रदेश है, जिसका कुल क्षेत्रफल २५,९०५ किमी२ है। यह उत्तर में हिमालय से लेकर दक्षिण के तराई तक फैला हुआ है। उत्तर में आठ हज़ारी पर्वत श्रृंखला हैं तो दक्षिण में फैले हुए मैदानी क्षेत्र हैं। इस क्षेत्र कि सबसे बड़ी नदी कोशी नदी है। नेपाल में कोशी के पश्चिम से शिवालिक कि पहाड़ियां शुरू होती है जो उत्तराखंड से आगे तक जाती है। शिवालिक को नेपाल में चूरे कहते हैं। विश्व कि सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट इसी राज्य में तिब्बत सिमा से सटा हुआ है।
यह प्रदेश भौगोलिक रूप से ३ प्राकृतिक खंडों में बंटा हुआ है। सबसे उत्तरी हिस्सा हिमालयी है, जिसकी ऊंचाई ४००० मी से अधिक है। यहां ७००० मी से अधिक ऊंचाई कि कई चोटियां हैं। ये चोटियां हमेशा बर्फ से ढकी रहती हैं। इस क्षेत्र कि मुख्य चोटियां हैं: एवरेस्ट, मकालू, ल्होत्से और कंचनजंघा। एवरेस्ट विश्व कि सब से ऊंची चोटी है जो इसी प्रदेश में है। ताप्लेजुँग, संखुवासभा और सोलुखुम्बु हिमालयी क्षेत्र में पड़ने वाले जिले हैं। इन जिलों से दक्षिण तरफ के क्षेत्र पहाड़ी क्षेत्र कहे जाते हैं। पहाड़ी क्षेत्र के जिले हैं: भोजपुर, धनकुटा, ईलाम, खोटाँग, ओखलढुंगा, पांचथर और तेह्रथुम। पहाड़ी जिले वनों से ढके हैं, जहां विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधे और जीव-जंतु रहते हैं। सब से दक्षिणी हिस्से के तीन जिले: झापा, मोरंग और सुनसरी तराई क्षेत्र में पड़ते हैं जो भारत के बिहार राज्य से सटे हैं। तराई क्षेत्र उपजाऊ हैं जो खेती के लिए योग्य क्षेत्र हैं। नेपाल का सब से न्यूनतम ऊंचाई वाला क्षेत्र केचन कलन इसी क्षेत्र के झापा जिले में पड़ता है, जिसकी ऊंचाई ६० मी है। उदयपुर प्रदेश का भित्री मधेस या भित्री तराई' (inner Terai) क्षेत्र है। इसे भित्री मधेश इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह क्षेत्र बीच में तराई है, परंतु इसके दक्षिण में शिवालिक कि पहाड़ियां हैं और उत्तर में महाभारत कि श्रेणियां। शिवालिक कि पहाड़ियों और महाभारत कि पहाड़ियों के बीच का हिस्सा किसी घाटी कि तरह प्रतीत होता है।
कोशी प्रदेश के उत्तरी हिस्से में विश्व का सर्वोच्च पर्वत शिखर है और कई ऐसे पर्वत हैं जो बहुत ऊंचा होने का खिताब रखते हैं।
कोशी प्रदेश में स्थित पर्वत:
पर्वत/शिखर | मीटर | फीट | खंड | नोट |
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माउंट एवरेस्ट | 8,848 | 29,029 | खुम्बु महालंगूर | विश्व का सर्वोच्च शिखर (समुद्र तल से) |
कंचनजंघा | 8,586 | 28,169 | उत्तरी कंचनजंघा | पृथ्वी पर तीसरा सबसे ऊंचा |
ल्होत्से | 8,516 | 27,940 | एवरेस्ट समूह | चौथा सबसे ऊंचा |
मकालू | 8,463 | 27,766 | मकालू महालंगूर | पांचवा सबसे ऊंचा |
चोयु | 8,201 | 26,906 | खुम्बू महालंगूर | छठा सबसे ऊंचा |
ज्ञानचुंग कांग | 7,952 | 26,089 | खुम्बू महालंगूर | एवरेस्ट और चोयु के बीच में |
नुप्तसे | 7,861 | 25,791 | एवरेस्ट समूह | ल्होत्से से 319 बाहर निकला हुआ |
जन्नु | 7,711 | 25,299 | कुम्भकर्ण कंचनजंघा | |
काब्रु | 7,412 | 24,318 | सिंगलिला कंचनजंघा | |
किरात चुली | 7,365 | 24,163 | कंचनजंघा | |
नंगपाई गोसुम | 7,350 | 24,114 | खुम्बू महालंगूर | |
चाम्लांग | 7,321 | 24,019 | बरुन महालंगूर | विश्व में ७९वाँ# |
पुमोरी | 7,161 | 23,494 | खुम्बू महालंगूर | १९६२ में पहली बार चढ़ा गया |
बरुनत्से | 7,129 | 23,389 | बरुन महालंगूर | १९५४ में पहली बार चढ़ा गया |
आमा डाबलाम | 6,812 | 22,349 | बरुन महालंगूर | "माँ और उनके गले की हार" |
कांगतेगा | 6,782 | 22,251 | बरुन महालंगूर | १९६३ में पहली बार चढ़ा गया |
चो पोलु | 6,735 | 22,096 | बरुन महालंगूर | १९९९ में पहली बार चढ़ा गया |
लिंगट्रेन | 6,714 | 22,028 | खुम्बू महालंगूर | १९३५ में पहली बार चढ़ा गया |
नुम री | 6,677 | 21,906 | बरुन महालंगूर | २००२ में पहली बार चढ़ा गया |
खुम्बूत्से | 6,640 | 21,785 | खुम्बू महालंगूर | एवरेस्ट के पश्चिम में पहला पर्वत |
थामसेर्कु | 6,623 | 21,729 | बरुन महालंगूर | १९६४ में पहली बार चढ़ा गया |
पांगबोचे | 6,620 | 21,719 | कुटांग हिमालय | |
ताबोचे | 6,542 | 21,463 | खुम्बू महालंगूर | १९७४ में पहली बार चढ़ा गया |
मेरा शिखर | 6,476 | 21,247 | हिमालय | ट्रैकिंग शिखर |
चोलात्से | 6,440 | 21,129 | खुम्बू महालंगूर | ताबोचे से जुड़ा हुआ |
कुसुम कंन्गुरु | 6,367 | 20,889 | बरुन महालंगूर | ट्रैकिंग शिखर (difficult) |
ओम्बीगाईचन | 6,340 | 20,801 | बरुन महालंगूर | |
कोंगड़े री | 6,187 | 20,299 | बरुन महालंगूर | ट्रैकिंग शिखर (कठिन) |
इम्जा त्से | 6,160 | 20,210 | खुम्बू महालंगूर | द्वीप शिखर के नाम से भी जाना जाता है। प्रसिद्ध ट्रैकिंग शिखर |
लोबुचे | 6,145 | 20,161 | खुम्बू महालंगूर | ट्रैकिंग शिखर |
निरेखा | 6,069 | 19,911 | खुम्बू महालंगूर | ट्रैकिंग शिखर (कठिन) |
पोकाल्डे | 5,806 | 19,049 | खुम्बू महालंगूर | ट्रैकिंग शिखर (मध्यम) |
पर्वत खुम्बिला | 5,761 | 18,901 | महालंगूर | अब तक नहीं चढ़ा गया |
काला पत्थर | 5,545 | 18,192 | खुम्बू मह | पुमोरी के नीचे प्रसिद्ध हाईकिंग |
गोक्यो री | 5,357 | 17,575 | हिमालय | प्रसिद्ध हाईकिंग शिखर |
इस प्रदेश में बहने वाली नदियां हैं:
मुख्य नदी:
अन्य नदी:
नेपाल के अलग-अलग भौगोलिक क्षेत्र में अलग-अलग तरह के जलवायु देखा जा सकता है। देश में आठ जलवायु क्षेत्र हैं, उष्णकटिबंधीय से लेकर सफेद हिम तक।
१००० मी० से नीचे के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में हर दशक में एक बार से भी कम पाला (तुषार) (frost) पड़ता है। इसे निम्न उष्णकटिबंधीय (३०० मी० से नीचे) और उच्च उष्णकटिबंधीय (१००० मी० से ३०० मी०) में प्रतिभाग किया जा सकता है।
उपोष्णकटिबंधीय जलवायु क्षेत्र १००० मी० से २००० मी० तक कि ऊंचाई वाले क्षेत्र में फैला है। नेपाल कि अधिकतर जनसंख्या उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्र में वास करती है। इस क्षेत्र में हर साल लगभग ५३ दिनों तक पाला का सामना करना पड़ता है।
तापीय जलवायु क्षेत्र २००० से ३००० मी० कि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में फैला हुआ है। यहां हर साल १५३ दिनों तक पाले पड़ सकते हैं।
सबअल्पाइन क्षेत्र ३००० से ४००० मी० कि ऊंचाई वाले क्षेत्र हैं। यहां भी लोगों कि बस्तियां देखी जा सकती है। यहां हर साल लगभग २२९ दिनों तक पाले पड़ते हैं।
अल्पाइन क्षेत्र ४००० से ५००० मी० कि ऊंचाई वाले क्षेत्र हैं। यहां लोगों का वास नहीं है। लोग यहाँ गर्मी के दिनों में भेड़, बकरियाँ, याक आदी लेकर आते हैं और सर्द शुरू होने से पहले यहां से चले जाते हैं।
५००० मी० से ऊपर का क्षेत्र सालों भर बर्फ से ढका रहता है। यहां पर लोग नहीं रहते और ना हि गर्मियों के दिनों में यहां कोई भेड़-बकरियाँ लेकर जाता है।
नेपाल में मुख्यत: चार ऋतुएं हैं, ऊंचाई के अनुसार ऋतुएँ तराई से हिमालय तक एक जैसी नहीं रहतीं। गर्म ऋतु में तराई में अधिक गर्मी पड़ती है, तापमान ४०° (१०४ एफ) तक पहुंच जाती है, वहीं सर्दियों में पहाड़ी और हिमालयी क्षेत्रों में अधिक ठंड पड़ती है। कई जगहों पर हिम-वृष्टियाँ भी होती हैं।
मुख्य ऋतुएँ:
२० सितम्बर २०१५ को नए संविधान जारी होने के बाद कोशी प्रदेश अस्तित्व में आया। इससे पहले यह क्षेत्र पूर्वांचल विकास क्षेत्र नाम से जाना जाता था। पूर्वांचल विकास क्षेत्र नेपाल के पांच विकास क्षेत्रों में से एक था। पूर्वांचल में १६ जिले थें पर अब प्रदेश संख्या १ में सिर्फ १४ जिले हैं। इसके दो जिले सिराहा और सप्तरी को प्रदेश संख्या २ में डाल दिया गया है।
कोशी प्रदेश के जिले:
वैसे तो पूरा नेपाल पर्यटन के हिसाब से सैलानियों का मनपसंद बिंदु है फिर भी प्रदेश संख्या १ जो पूर्वी नेपाल भी कहलाता है, कुछ खास ही है। यहां माउंट एवरेस्ट, कंचनजंघा, मकालू, ल्होत्से और पुमोरी जैसे दुनिया के कुछ ऊंचे पर्वत हैं, तो सगरमाथा राष्ट्रीय उद्यान, मकालू-वरुण राष्ट्रीय उद्यान, कंचनजंघा संरक्षण क्षेत्र, कोशी टापू वन्यजन्तु आरक्षण जैसे उद्यान और संरक्षण क्षेत्र भी हैं।
कोशी प्रदेश में स्थित कुछ प्राकृतिक पर्यटन और धार्मिक पर्यटन स्थलों के नाम;
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