चांगलांग

चांगलांग (Changlang) भारत के अरुणाचल प्रदेश राज्य के चांगलांग ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है। राष्ट्रीय राजमार्ग २१५ यहाँ से गुज़रता है।

चांगलांग
Changlang
{{{type}}}
चांगलांग is located in अरुणाचल प्रदेश
चांगलांग
चांगलांग
अरुणाचल प्रदेश में स्थिति
निर्देशांक: 27°08′17″N 95°44′13″E / 27.138°N 95.737°E / 27.138; 95.737 95°44′13″E / 27.138°N 95.737°E / 27.138; 95.737
ज़िलाचांगलांग ज़िला
प्रान्तअरुणाचल प्रदेश
देशचांगलांग भारत
जनसंख्या (2001)
 • कुल6,236
भाषा
 • प्रचलिततंग्सा, जिन्गपो, लीसू, चकमा, तिब्बती, हिन्दी
समय मण्डलभारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30)

विवरण

चांगलांग की खूबसूरती को निहारने के लिए हर वर्ष यहां पर हजारों की संख्या में पर्यटक आते हैं। कृषि यहां के लोगों का मुख्य काम-धंधा है। इसी पर इसकी अर्थव्यवस्था भी टिकी हुई है। इसकी अधिकतर जनंसख्या गांवों में वास करती है। यहां के प्रत्येक गांव में अलग-अलग प्रकार से खेती की जाती है। इन गांवों में हर वर्ष अनेक उत्सव भी मनाए जाते हैं। चांगलांग में अनेक जातियां रहती हैं। इनमे तांग्सा, मुकलोम, हावी, लोंगचांग, जुगली, किमसिंग, मुगरी, रोंरांग, मोसोंग और लांगफी प्रमुख हैं। इन जातियों की संस्कृति अलग-अलग और बहुत रंग-बिरंगी है। यहां आने वाले पर्यटकों को इनकी संस्कृति बहुत पसंद आती हैं। यह विविधताओं भरा क्षेत्र है क्योकि यहां कहीं खुले मैदान हैं तो कहीं ऊंचे-ऊंचे पहाड़। इस कारण यहां पर वर्षा भी असमान होती है।

संस्कृति

चांगलांग में अनेक जातियां रहती हैं। अनेक जातियां होने के कारण इनकी संस्कृति भी अलग-अलग और रंग-बिरंगी हैं। इनमें तांग्सा और तुतसास प्रमुख हैं। यह रंगफराह देवता की पूजा करते हैं। यहां रहने वाली अधिकतर जातियों ने ईसाई और बौद्ध धर्म अपना लिया है। चांगलांग में सबके घर लगभग एक जैसे ही होते हैं। स्थानीय निवासी इन घरों को मचांग पुकारते हैं। यह जमीन से 5-6 फीट की ऊंचाई पर होते है और इनमें केवल एक ही कमरा होता है जिसमें दो चूल्हे होते हैं। यहां के लोगों का मुख्य काम-धंघा कृषि है और इसी से इनकी आजीविका चलती है। स्थानीय निवासी सुअर, बकरी और मुर्गे भी पालते हैं।

मुख्य आकर्षण

चांगलांग में वर्ष में कई त्यौहार और उत्सव मनाए जाते हैं। स्थानीय लोगों में यह उत्सव बहुत लोकप्रिय हैं। स्थानीय लोगों के अलावा पर्यटक भी इन उत्सवों में भाग ले सकते हैं। इन उत्सवों में पर्यटक चांगलांग की संस्कृति और धार्मिक मान्यताओं को काफी नजदीक से देख सकते हैं।

मोह-मोल उत्सव

मोह-मोल उत्सव चांगलांग का प्रसिद्ध उत्सव है। चांगलांग के अधिकतर निवासी कृषि कार्यों से जुडे हुए हैं। यह उत्सव भी कृषि से जुडा हुआ है। इस उत्सव को फसल की बुवाई शुरू होने से पहले मनाया जाता है। स्थानीय निवासी इस उत्सव को बडी धूमधाम से मनाते हैं। इस उत्सव में वह अपने पारंपरिक वस्त्र और आभूषण पहनते हैं और लोकगीत गाते हुए नृत्य करते हैं। इस उत्सव का मुख्य उद्देश्य नई पीढ़ी को अपनी संस्कृति के प्रति आकर्षित करना है। चांगलांग के गांवों में विभिन्न प्रकार से खेती की जाती है। इसलिए उत्सव भी अलग-अलग समय पर मनाए जाते हैं। यह सभी उत्सव अप्रैल-जुलाई माह में मनाए जाते हैं। स्थानीय निवासी इन उत्सवों में अपने पूर्वजों को पिंडदान भी करते हैं। अंत में फसल की देवी तुगजा चमजा और सम्पन्नता की देवी नोंग की पूजा की जाती है।

पोंगतू कुह

यह तुतसास जाति का सबसे पुराना कृषि उत्सव है। इस उत्सव को वर्षा ऋतु में मनाया जाता है। स्थानीय निवासियों के अनुसार पोंगतू कुह पोंग तू और कुह से मिलकर बना है। इसका अर्थ होता है वायु, एकांत वास और उत्सव। इस उत्सव का आयोजन बाजरे की फसल की कटाई के बाद किया जाता है। इसमें चांगलांग के सबसे बड़े देवता रंगकठोक की पूजा की जाती है। पूजा करने का सबसे बड़ा कारण है कि रंगकठोक देवता उनकी फसलों की रक्षा करें और संपन्नता दें। इस उत्सव का आयोजन अप्रैल माह में किया जाता है। स्थानीय निवासी इस उत्सव को बडी धूमधाम से मनाते हैं। इस उत्सव में पर्यटक स्थानीय आदिवासियों का नाच-गाना भी देख सकते हैं।

शाप्वंग यांग मानु पोई

यह शिंगफो गांव का प्रमुख उत्सव है। शिंगफो की संस्कृति बहुत खूबसूरत है और पर्यटकों को बहुत पसंद आती है। शाप्वंग यांग मानु पोई फरवरी माह में मनाया जाता है। इस उत्सव में मुख्य रूप से युवक-युवतियां भाग लेते हैं। वह अपने पारंपरिक वस्त्र और आभूषण पहनकर सुन्दर नृत्य पेश करते हैं। यह नृत्य पर्यटकों को बहुत पसंद आता है। नाच-गाने के बाद चांगलांग के देवता की पूजा-अर्चना भी की जाती है।

वन

चांगलांग में अनेक पहाड़ियां हैं और इन पहाड़ियों के वन बहुत ही खूबसूरत हैं। यहां सदाबहार और ऊष्ण कटिबंधीय वन पाए जाते हैं। लेकिन स्थानीय निवासियों ने कृषि कार्यो के लिए बडे़ पैमाने पर वनों को काट दिया। इसके बावजूद पर्यटक यहां पर अनेक खूबसूरत पेड-पौधों और फल-फूलों के खूबसूरत दृश्य देख सकते हैं। यहां पर बांस की भी कई प्रकार की प्रजातियां पाई जाती हैं। इनमें हैल्लोक, होलोंग, मेकाई, जुतूली, धूना, मिशेलिया चम्पक और बेटुला प्रमुख हैं। इसके अलावा नामदाफ में ब्लु वान्डा भी देखा जा सकता है। यह बांस की लुप्त प्राय: जाति है।

वन्य जीवन

चांगलांग में अनेक जंगल हैं। इन जंगलों में पर्यटक चांगलांग के वन्य जीवन के खूबसूरत दृश्य देख सकते हैं। यहां पर पर्यटक तेंदुआ, हाथी, गौर, साम्भर, मलायन साम्भर, हिरण, भालु और पांडा देख सकते हैं। इन जंगली जानवरों के अलावा पर्यटक यहां पर कई खूबसूरत पक्षियों को भी देख सकते हैं। पक्षियों में पर्यटक मोर, बुलबुल, कठफोड़ा, पेडुकी, बतख और कबूतर देख सकते हैं। सर्दियों में पर्यटक यहां पर प्रवासी पक्षियों को भी देख सकते हैं।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

Tags:

चांगलांग विवरणचांगलांग संस्कृतिचांगलांग मुख्य आकर्षणचांगलांग वनचांगलांग वन्य जीवनचांगलांग इन्हें भी देखेंचांगलांग सन्दर्भचांगलांगअरुणाचल प्रदेशचांगलांग जिलाभारतराष्ट्रीय राजमार्ग २१५ (भारत)

🔥 Trending searches on Wiki हिन्दी:

सुभाष चन्द्र बोसआतंकवादहिंगलाज माता मन्दिरप्रथम विश्व युद्धएशियाकिशोरावस्थाउत्तरी अटलांटिक संधि संगठनकाव्यसर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं के अनुसार भारत के राज्यभारत में कृषिसुहाग रातरामपाल (हरियाणा)मध्य प्रदेश के ज़िलेबड़े मियाँ छोटे मियाँ (2024 फ़िल्म)संसाधनचैटजीपीटीहम हैं राही प्यार केशून्यमायावतीभारत में सामाजिक धार्मिक सुधार आंदोलनराजनाथ सिंहगणतन्त्र दिवस (भारत)सनराइजर्स हैदराबादखजुराहो स्मारक समूहपाकिस्तानयोगी आदित्यनाथराष्ट्रवादकहानीसंस्कृतिभारत में आरक्षणपानीपत का प्रथम युद्धभारतीय राष्ट्रीय विकासशील समावेशी गठबंधनयोद्धा जातियाँसुकन्या समृद्धिमैला आँचलपृथ्वीराज चौहानशाहरुख़ ख़ानसामाजीकरणप्रदूषणप्यारमानव भूगोलऋतुराज गायकवाड़वैदिक सभ्यताआसनगुर्दाआदि शंकराचार्यमहाराष्ट्र दिवसराज्यसंक्षेपणश्रीमद्भगवद्गीताकाशी विश्वनाथ मन्दिरमल्लिकार्जुन खड़गेराष्ट्रभाषासलमान खुर्शीदटाइटैनिकसीतारश्मिका मंदानासाम्यवादकृष्णफेसबुकमुग़ल शासकों की सूचीगलसुआमानचित्रप्रकाश राजफाॅरइवर लिवींग प्रोडक्ट इंटरनेशनलभारत में पुलिस पद और प्रतीक चिन्हसामाजिक परिवर्तनआधार कार्डनाटकमहाराष्ट्रओम नमो भगवते वासुदेवायपंजाब किंग्सस्त्री जननांगदाउद इब्राहिमश्वेता तिवारीराजस्थानफहमान खानशिक्षण विधियाँ🡆 More