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कि इस लेख या भाग का अलंकार (साहित्य) के साथ विलय कर दिया जाए। (वार्ता) परिभाषा - काव्य का सौंदर्य व शोभा बढ़ाने वाले तत्त्व अलंकार कहलाते हैं। आभूषण जो... |
सम्बन्धी बातों के साथ ही छंद और अलंकार जैसी साहित्यिक प्रयुक्तियों पर विचार करना भी शामिल रहता है। रूपवादी पद्धति साहित्य की आलोचना के लिए उसके सांस्कृतिक... |
यूनानी भाषा (यूनानी साहित्य से अनुप्रेषित) तथा अलंकारों से बोझिल हो गई और शब्दचयन में भी पांडित्य का आडंबर खड़ा हुआ। कवियों में मुख्य नाम है थियोक्रेतस का जो देहाती जीवन संबंधी गोचारण साहित्य (पैस्टोरल)... |
हिन्दी साहित्य पर अगर समुचित परिप्रेक्ष्य में विचार किया जाए तो स्पष्ट होता है कि हिन्दी साहित्य का इतिहास अत्यन्त विस्तृत व प्राचीन है। सुप्रसिद्ध भाषा... |
ब्रह्मपुर (श्रेणी आईएसबीएन के जादुई कड़ियों का उपयोग करने वाले पृष्ठ) ओड़िया के साथ तेलुगु भाषा, संस्कृति और साहित्य का भी केंद्र रहा है। कहा जाता है कि ओडिसी डांस, ओडिसी साहित्य और तेलुगु लिपि का जन्म यहीं हुआ। यह नगर... |
श्रीकृष्णभट्ट कविकलानिधि (श्रेणी साहित्य) उक्त ग्रंथों में शृंगार रसमाधुरी तथा अलंकार कलानिधि नामक ग्रंथ काव्यशास्त्र विषयक हैं। ब्रजभाषा में लिखा ग्रन्थ 'अलंकार कलानिधि' मम्मट के ग्रन्थ ‘काव्यप्रकाश’... |
ग्रन्थ, नाटक, गीत, धार्मिक उपदेश आदि विपुल साहित्य है। प्राकृत साहित्य में सबसे प्राचीन वह अर्धमागधी साहित्य है जिसमें जैन धार्मिक ग्रंथ रचे गए हैं तथा... |
बिहारी (साहित्यकार) (अनुभाग अलंकार) रसात्मकता को विशेषता नहीं दी गई वरन् अलंकार चमत्कार और वचनचातुरी अथवा कथन-कलाकौशल को ही प्रधानता दी गई है। किसी विशेष अलंकार को उक्तिवैचित्र्य के साथ सफलता... |
अग्निपुराण (श्रेणी संस्कृत साहित्य) में मिलता है, इसके अतिरिक्त छंदःशास्त्र, अलंकार शास्त्र, व्याकरण तथा कोश विषयक विवरण भी दिये गए है। पुराण साहित्य में अग्निपुराण अपनी व्यापक दृष्टि तथा विशाल... |
लिया जाना चाहिए अन्यथा वह हास्य की कोटि से बाहर की वस्तु हो जाएगी। विट अथवा वाग्वैदाध्य को एक विशिष्ट अलंकार कहा जा सकता है। भारतीय साहित्यपंडितों ने जिस... |
हरिवंश पर्व (श्रेणी लेख जिनमें जून 2020 से मृत कड़ियाँ हैं) समासोक्ति, अतिशयोक्ति, व्यतिरेक, यमक और अनुप्रास ही प्राय: मिलते हैं। ये सभी अलंकार पौराणिक कवि के द्वारा प्रयासपूर्वक लाए गए नहीं प्रतीत होते। काव्यतत्व की... |
मत्स्य पुराण (श्रेणी संस्कृत साहित्य) 2010. मत्स्यपुराण[मृत कड़ियाँ] (सम्पादक एवं अनुवादक - श्रीराम शर्मा आचार्य) मत्स्यपुराण (संस्कृत विकिस्रोत पर) मत्स्यपुराण[मृत कड़ियाँ] (सम्पादक एवं हिन्दी... |
भारतेन्दु हरिश्चंद्र (श्रेणी वेबआर्काइव टेम्पलेट वेबैक कड़ियाँ) अनुप्रास अलंकार की योजना स्पष्ट दिखाई देती है: तरनि तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाए। झुके कूल सों जल परसन हित मनहु सुहाए॥ आधुनिक हिन्दी साहित्य में भारतेन्दु... |
रस (काव्य शास्त्र) (रस, छंद तथा अलंकार से अनुप्रेषित) जिस भाव से यह अनुभूति होती है कि वह रस है, स्थायी भाव होता है। रस, छंद और अलंकार - काव्य रचना के आवश्यक अवयव हैं। प्राचीन काव्य-शास्त्रियों के अनुसार रसों... |
आधुनिक हिंदी पद्य का इतिहास (श्रेणी साहित्य) मौलिक अधिकार। इन सब परिस्थितियों का प्रभाव हिंदी साहित्य पर अनिवार्यतः पड़ा। आधुनिक काल का हिंदी पद्य साहित्य पिछली सदी में विकास के अनेक पड़ावों से गुज़रा।... |
इतालवी साहित्य को लययक्त पद्य इसी धारा ने प्रदान किया। इस काल में लोकगीत तथा मसखरों की पद्यबद्ध हल्के हास्य से युक्त रचनाएँ भी इतालवी साहित्य के विकास... |
क्रांति की, वह साहित्य और कला के क्षेत्र में कोई क्रांति करने से ठिठक गया। यथार्थ का ऐसा और इतना अपमान तो क्रांति के पहले के साहित्य में भी नहीं हुआ... |
सरगासूली (श्रेणी टूटी हुई चित्र कड़ियों वाले पृष्ठ) भट्ट मथुरानाथ शास्त्री ने जयपुर वैभवम में इस स्मारक के बारे में अतिशयोक्ति अलंकार का उपयोग करते अपनी एक प्रशंसात्मक कविता में ये भाव व्यक्त किये हैं-" सोने... |
छायावाद (श्रेणी लेख जिनमें जून 2020 से मृत कड़ियाँ हैं) बहुत प्रभावित हुई। यह प्राचीन संस्कृत साहित्य (वेदों, उपनिषदों तथा कालिदास की रचनाओं) और मध्यकालीन हिंदी साहित्य (भक्ति और श्रृंगार की कविताओं) से भी प्रभावित... |
भक्ति आन्दोलन (श्रेणी आईएसबीएन के जादुई कड़ियों का उपयोग करने वाले पृष्ठ) जायसी, कुतुबन, मंझन आदि प्रसिद्ध (साहित्यकार) कवियों ने हिन्दी साहित्य को अमूल्य साहित्य रत्न भेंट किए। निर्गुणज्ञानाश्रयी शाखा पर भी इनका प्रभाव पड़ा... |