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पाचन वह क्रिया है जिसमें भोजन को यांत्रिकीय और रासायनिक रूप से छोटे छोटे घटकों में विभाजित कर दिया जाता है ताकि उन्हें रक्तधारा में अवशोषित किया जा सके... |
मानव का पाचक तंत्र (पाचन तन्त्र से अनुप्रेषित) मानव पाचन तन्त्र में जठरान्त्र मार्ग और पाचन के सहायक अंग (जिह्वा, लार ग्रंथियाँ, अग्न्याशय, यकृत और पित्ताशय) होते हैं। पाचन में भोजन को क्षुद्र घटकों... |
जठरांत्र क्षेत्र (श्रेणी पाचन तंत्र) digestive tract (पाचन क्षेत्र) या alimentary canal) मनुष्य एवं अन्य जन्तुओं के अन्दर पाया जाने वाला अंग तंत्र है जो भोजन को ग्रहण करता है, इसका पाचन करता है,... |
मानव का पोषण नाल (पाचन क्रिया से अनुप्रेषित) वह शरीर के अंगों द्वारा आत्मसात हो सकें, 2-आहार को अपनी लंबी यात्रा में पाचन नाल के आदि से अंत तक पहुँचाना और 3-पाचित आहर के रस का अवशोषित करना। पहला... |
पित्त (श्रेणी पाचन तंत्र) शरीररचना-विज्ञान तथा पाचन के सन्दर्भ में, पित्त (Bile या gall) गहरे हरे या पीले रंग का द्रव है जो पाचन में सहायक होता है। यह कशेरुक प्राणियों के यकृत... |
पित्ताशय (श्रेणी पाचन प्रणाली) पित्ताशय एक लघु ग़ैर-महत्वपूर्ण अंग है जो पाचन क्रिया में सहायता करता है और यकृत में उत्पन्न पित्त का भंडारण करता है। पित्ताशय एक खोखला अंग है जो यकृत... |
प्रोबायोटिक (श्रेणी पाचन तंत्र) सुनिश्चित हो जाते हैं। ये शरीर में अच्छे जीवाणुओं की संख्या में वृद्धि कर पाचन क्रिया को बेहतर बनाते हैं। इस विधि के अनुसार शरीर में दो तरह के जीवाणु होते... |
पाए जाते है इसके अलावा इसमें काफी मात्रा में फाइबर होता है जो की हमारी पाचन क्रिया हो मजबूत बनता है,और शरीर के कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है... |
मानव के पाचन तंत्र के अन्तिम भाग (गुदा द्वार) से निकलने वाले पदार्थ को मानव मल कहते हैं। आकार, रंग, मात्रा आदि की दृष्टि से मानव मल में बहुत अधिक भिन्नता... |
मानव पाचन तंत्र का एक महत्वपूर्ण भाग है जो आमाशय से आरम्भ होकर बृहदांत्र (बड़ी आंत) पर पूर्ण होती है। क्षुदान्त्र में ही भोजन का सबसे अधिक पाचन और अवशोषण... |
१४९वॉ (लीप वर्ष मे १५०वॉ) दिन है। वर्ष मे अभी और २१६ दिन बाकी है। विश्व पाचन स्वास्थ्य दिवस संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस 1919-... |
आमाशय (पेट) (श्रेणी पाचन तंत्र) खोखला, पोषण नली का फैला हुआ भाग है जो पाचन नली के प्रमुख अंग के रूप में कार्य करता है। यह चर्वण (चबाना) के बाद, पाचन के दूसरे चरण में शामिल होता है। आमाशय... |
बृहदान्त्र (श्रेणी पाचन तंत्र) बृहदान्त्र, जठरांत्र क्षेत्र तथा पाचन तंत्र का अंतिम भाग है। इस भाग में दीर्घरोम जल को अवशोषित करके बचे हुए अपशिष्ट को मल के रूप में मलाशय में भण्डारित... |
क्रमाकुंचन (श्रेणी पाचन तंत्र) लें, यही पाचन का प्रयोजन है। वास्तव में जिसको साधारण बोलचाल में पाचन कहा जाता है, उसमें दो क्रियाओं का भाव छिपा रहता है, पाचन और अवशोषण। पाचन केवल आहार... |
पागुर (श्रेणी पाचन) (Rumination) कुछ जानवरों के द्वारा की जाने वाली एक क्रिया है जो उनके भोजन के पाचन की प्रक्रिया का एक भाग है। ये जानवर निगले हुए भोजन (घास, भूसा आदि) को आमाशय... |
एडीसन रोग (श्रेणी पाचन रोग) यह रोग एड्रीनलीन हार्मोन की कमी से होता है । इसमें पाचन कि गति मंद हो जाती है। तथा भूख नहीं लगती है।... |
मिलने वाले ऐसे तत्त्व हैं जो स्वयं तो अपाच्य होते हैं, किन्तु मूल रूप से पाचन क्रिया को सुचारू बनाने का अत्यावश्यक योगदान करते हैं। रेशे शरीर की कोशिकाओं... |
सेवायें देखने को मिलती है। स्वास्थ्य की दृष्टि से फेफड़ों में ठन्ड लगना और पाचन प्रणाली के ठीक न रहने के कारण आंतों में घाव हो जाना, आदि बीमारियाँ इस प्रकार... |
फायदे हो सकते हैं: पाचन शक्ति को बनाए बेहतर : गाजर में फाइबर होता है और पाचन तंत्र के लिए फाइबर जरूरी होता है। गाजर का सेवन करने से पाचन संबंधी समस्या से... |
जाय और निगला हुआ जीव पाचन नली के वातावरण को झेल सके, तो संभव है समय बीतने पर उसमें ऐसी अनुकूलनशीलताएँ उत्पन्न हो जाएँगी जो उसे पाचन नली में जीवन व्यतीत... |