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गोरखपुर विमानक्षेत्र (श्रेणी सन्दर्भ त्रुटि के साथ पृष्ठ) गोरखपुर हवाईअड्डा या महायोगी गोरखनाथ हवाईअड्डा (आईएटीए: GOP, आईसीएओ: VEGK) भारत के राज्य उत्तरप्रदेश के गोरखपुर शहर में गोरखपुर - कुशीनगर राज़मार्ग पर... |
लोग इसे मछेंदरनाथ द्वारा स्थापित मानते हैं। इस पंथ के सबसे प्रसिद्द संत गोरखनाथ हुए हैं। आदि ऐसा भी माना जाता हे की देवाधिदेव महादेव ने एक स्त्री को वरदान... |
गोगाजी (श्रेणी लेख जिन्हें मई 2022 से अतिरिक्त संदर्भ की आवश्यकता है) वंश के शासक जैबरजी (राजा जेवरसिंह) की पत्नी बाछल कंवर के गर्भ से गुरु गोरखनाथ के वरदान से भादो सुदी नवमी को हुआ था। चौहान वंश में राजा पृथ्वीराज चौहान... |
गोरख धंधा (श्रेणी सभी लेख जिन्हें अतिरिक्त संदर्भ की आवश्यकता है) गोरख धंधा शब्द गुरु गोरखनाथ के आचकित क्रिया की वजह से प्रचलन में आया था, जो तंत्र के ज्ञाता थे। आजकल बहुत अधिक उलझन से भरे विषय, समस्या आदि को गोरख धंधा... |
आल्हा (श्रेणी लेख जिन्हें अक्टूबर 2019 से अतिरिक्त संदर्भ की आवश्यकता है) दोनों में भीषण युद्ध हुआ पृथ्वीराज चौहान बुरी तरह घायल हुए आल्हा के गुरु गोरखनाथ के कहने पर आल्हा ने पृथ्वीराज चौहान को जीवनदान दिया और बुन्देलखण्ड के महा... |
कोराकर (श्रेणी सन्दर्भ त्रुटि के साथ पृष्ठ) और तमिलनाडु के 18 प्रसिद्ध सिद्धों में से एक हैं। वह कोई और नहीं बल्कि गोरखनाथ हैं, सिद्ध हैं क्योंकि उन्हें पूरे भारत में पूजा जाता है। वह सिद्धार अगथियार... |
हठयोग (श्रेणी सन्दर्भ त्रुटि के साथ पृष्ठ) अपनाया गया। मत्स्येन्द्र नाथ तथा गोरख नाथ उसके प्रमुख आचार्य माने गए हैं। गोरखनाथ के अनुयायी प्रमुख रूप से हठयोग की साधना करते थे। उन्हें नाथ योगी भी कहा... |
बहुत ही अच्छे रास्ते हैं देव स्थान यहां बाबा जाहरवीर गोगा जी & बाबा गुरु गोरखनाथ जी का मंदिर है।। देवस्थान प्रगाण में ही श्री शिव मंदिर और माता दुर्गा &... |
से उपदेश पाकर अपना राज्य छोड़ा और वैराग्य लिया था । कहा जाता है कि ये गोरखनाथ के शिष्य हुए थे और त्यागी होने पर इन्होंने अपनी पत्नी पाटमदेवी से, महल... |
के गोरखनाथ बाबा नामक बूढ़े साधु से संरक्षित एक मंदिर से देवी की मूर्ति चुराने का जिम्मा सौंपा गया था। नागराज अपने कार्य में सफल रहा, लेकिन गोरखनाथ और... |
गांव में भंडारा किया और पास के गांव में भी भोज का निमंत्रण दिया और साथ ही गोरखनाथ और उनके शिष्य भैरौंनाथ के साथ अन्य शिष्यों को भी भोज का आमंत्रण दिया। भंडारे... |
माना है। साथ ही यह भी माना है कि इनकी साधना पद्धति मत्स्येन्द्रनाथ और गोरखनाथ की पद्धति से भिन्न थी। जलंधरनाथ को कुछ लोग दत्तात्रेय का शिष्य मानते हैं।... |
पीतांबरदत्त बड़थ्वाल के श्रेष्ट निबंध' (सं॰ गोविंद चातक) आदि हैं। उन्होंने कवि गोरखनाथ की रचनाओं का संकलन और संपादन किया जो ‘गोरख बानी’ के नाम से प्रकाशित हुआ।... |
किलोमीटर की दूरी पर है वायु मार्ग : सबसे निकटतम हवाई अड्डा गोरखपुर महायोगी गोरखनाथ एयरपोर्ट और दूसरा साकेत अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है। यह फैजाबाद में स्थित... |
आधुनिक हिंदी कविता में प्रेम और शृंगार आधुनिक हिंदी कविता में विषय और शैली गोरखनाथ और उनका युग तूफ़ानों के बीच अजेय पिघलते पत्थर मेधावी राह के दीपक पांचाली... |
स्वामी शंकराचार्य ने चलाया था, किंतु इसका श्रेय कभी-कभी नाथ सम्प्रदाय के गोरखनाथ को भी दिया जाता है,। ("ए हिस्ट्री ऑव दशनामी नागा संन्यासीज़ पृ. 50") इन... |
अनाहत (अनुभाग सन्दर्भ ग्रन्थ) वर्णन हठयोग एवं तंत्र के ग्रंथों में न्यूनाधिक विस्तार से मिलते हैं। परंतु गोरखनाथ एवं संत कबीर की कुछ बानियों में किंचित् भिन्न रूप में इसका वर्णन मिलता... |
कामाख्या मन्दिर (अनुभाग पौराणिक सन्दर्भ) प्राप्त करते हैं। वाममार्ग साधना का तो यह सर्वोच्च पीठ स्थल है। मछन्दरनाथ, गोरखनाथ, लोनाचमारी, ईस्माइलजोगी इत्यादि तंत्र साधक भी सांवर तंत्र में अपना यहीं... |
होना अनिवार्य हो गया। साथ ही शोध एवं अध्ययन के नए क्षितिज खुले। भारत के सन्दर्भ में उनका यह काम किसी ह्वेनसांग से कम नहीं आँका जा सकता। बाह्य यात्राओं... |
प्रणवानंद, भारत सेवाश्रम संघ के प्रवर्तक ने सिद्धि पायी थी। उन्होंने यहीं अपने गोरखनाथ के गुरु गंभीरानंद के गुरुत्व में भगवान शिव की तपस्या की थी। अन्य आंबेर... |