बुद्धिबळ

बुद्धिबळ हा दोन खेळाडूंनी एका तक्त्यासारख्या पटाच्या दोन्ही बाजूला बसून खेळावयाचा बैठा खेळ आहे.

आज आंतरराष्ट्रीय स्तरावर खेळले जाणारे बुद्धिबळ हे पाश्चिमात्य बुद्धिबळ म्हणून ओळखले जाते.

बुद्धिबळ
बुद्धिबळ संच
बुद्धिबळ
पर्शियन/इराणी लोक शतरंज/चेस खेळताना

बुद्धिबळ सध्या जगातील सर्वांत प्रसिद्ध बैठ्या खेळांपैकी एक आहे. जगभरात अदमासे ६० कोटी हौशी किंवा व्यावसायिक लोक क्लबमध्ये, पत्राने, आंतरजालावर व विविध स्पर्धांमधून बुद्धिबळ खेळतात. बुद्धिबळात कला आणि शास्त्र यांचा मिलाफ झालेला दिसतो.

बुद्धिबळ एका चौरस पटावर खेळला जातो. या ८x८ च्या पटावर ६४ घरे असतात व ती आलटून पालटून क्रमाने काळ्या-पांढऱ्या रंगाची असतात. पहिला खेळाडू पांढऱ्या तर दुसरा काळ्या सोंगट्यांनी खेळतो. या सोंगट्यांना मोहरे म्हणतात. प्रत्येक खेळाडूचे एका रंगाचे सोळा मोहरे असतात.:- एक राजा, एक राणी(इंग्रजीत क्वीन), दोन हत्ती(इंग्रजीत रूक), दोन घोडे(इंग्रजीत नाइट-सरदार), दोन उंट(इंग्रजीत बिशप) आणि आठ प्यादी(पॉन). प्रतिस्पर्ध्याच्या राजाला शह, म्हणजे मृत्यूचा धाक देऊन मात करणे(हरवणे) हा खेळाचा उद्देश असतो. राजाला शह मिळाल्यानंतर कुठलीही खेळी करून जेव्हा त्याला शहातून बाहेर पडता येत नाही त्यावेळी राजावर मात झाली असे मानले जाते. विचारवंतांनी बराच अभ्यास करून मात करण्यासाठी विविध क्रमांच्या चालींच्या खेळी रचल्या आहेत.

8  
बुद्धिबळ
बुद्धिबळ
a8 b8 c8 d8 e8 f8 g8 h8
a7 b7 c7 d7 e7 f7 g7 h7
a6 b6 c6 d6 e6 f6 g6 h6
a5 b5 c5 d5 e5 f5 g5 h5
a4 b4 c4 d4 e4 f4 g4 h4
a3 b3 c3 d3 e3 f3 g3 h3
a2 b2 c2 d2 e2 f2 g2 h2
a1 b1 c1 d1 e1 f1 g1 h1
बुद्धिबळ
बुद्धिबळ
डावाच्या सुरुवातीची पटावरील स्थिती
बुद्धिबळ
डावाच्या सुरुवातीची पटावरील स्थिती; बाजूला बुद्धिबळासाठीचे विशेष घड्याळ

स्पर्धात्मक बुद्धिबळाची परंपरा १६ व्या शतकात युरोपमध्ये सुरू झाली. इ.स. १८८६ साली विल्हेल्म स्टेइनिट्झ हा पहिला अधिकृत बुद्धिबळ विश्वविजेता झाला. विश्वनाथन आनंद हा भारतीय खेळाडू २०१२सालापर्यंत जगज्जेता होता. बुद्धिबळाच्या सांघिक स्पर्धा "बुद्धिबळ ऑलिंपियाड" दर दोन वर्षांतून एकदा भरवल्या जातात. दोन आंतरराष्ट्रीय संघटना-- फेडेरेशन इंटरनॅशनाले देस इचेक्स (फिडे) आणि इंटरनॅशनल करस्पॉंडन्स चेस फेडेरेशन या जगातील महत्त्वाच्या स्पर्धा भरवतात.

बुद्धिबळ खेळणाऱ्या संगणकाच्या निर्मितीसाठी संगणकतज्ज्ञ पहिल्यापासून प्रयत्‍नशील होते. त्यामुळेच अलीकडील बुद्धिबळावर संगणकाचा प्रभाव पडलेला दिसतो. इ.स. १९९७ मध्ये गॅरी कास्पारोव्ह (त्यावेळचा जगज्जेता) आणि आय.बी.एम. कंपनीचा डीप ब्ल्यू संगणक यांच्यातील सामन्यातून सर्वांत बुद्धिमान/कुशल माणसाला बुद्धिबळात हरवणारी संगणक-प्रणाली तयार करता येते हे सिद्ध झाले.

नियम

बुद्धिबळातील सोंगट्या
बुद्धिबळ  राजा बुद्धिबळ 
बुद्धिबळ  राणी बुद्धिबळ 
बुद्धिबळ  हत्ती बुद्धिबळ 
बुद्धिबळ  उंट बुद्धिबळ 
बुद्धिबळ  घोडा बुद्धिबळ 
बुद्धिबळ  प्यादे बुद्धिबळ 

बुद्धिबळ एका ८ स्तंभ आणि ८ ओळींच्या चौरसाकृती पटावर खेळला जातो. स्तंभांना इंग्लिश a पासून h पर्यंत तर पंक्तींना १ ते ८ अशी नावे असतात. ६४ चौरसांचे रंग काळे-पांढरे असतात. सोंगट्या एकसारख्या काळ्या आणि पांढऱ्या अशा दोन संचात विभागलेल्या असतात. प्रत्येक संचात १६ मोहरे असतात. १ राजा(king), १ राणी(Queen), २ उंट(Bishop), २ घोडे(knight), २ हत्ती(Rook) आणि ८ प्यादी(pawns).

खेळाडू काळा किंवा पांढरा संच नाणेफेक करून निवडतात किंवा स्पर्धेच्या नियमानुसार कुणी कुठला संच घेऊन खेळायचे ते ठरते. प्रत्येक खेळाडूच्या उजव्या हाताच्या कोपऱ्यात पांढरा चौरस येईल अशा पद्धतीने पट मांडला जातो. काळ्या संचातील राणी काळ्या घरात तर पांढरी राणी पांढऱ्या घरात असतो.

पांढऱ्या सोंगट्यांनी खेळणारा पहिली चाल करतो. नंतर प्रत्येक खेळाडू स्वतःचे मोहरे वापरून एकानंतर एक चाली करतात. मोहरे रिकाम्या घरात किंवा प्रतिस्पर्ध्याच्या मोहऱ्याला मारून त्याच्या घरात ठेवता येतात. मेलेला मोहरा पटाबाहेर काढला जातो.

जर राजाला विरोधी मोहरा एका खेळीत मारू शकत असेल तर राजाला शह मिळाला असे म्हटले जाते. खेळाडू स्वतःच्या राजास शह बसेल अशी कोणतीही चाल प्रतिस्पर्धी खेळाडूला शक्यतो करू देत नाही. इतके करून जर एखाद्या खेळाडूच्या राजाला शह मिळालाच तर त्या खेळाडूला एका खेळीत शहातून बाहेर काढणारी चाल करावी लागते. जर अशी चाल खेळता येत नसेल तर त्या खेळाडूची हार झाली असे मानले जाते. प्रत्येक खेळाडू दुसऱ्याच्या राजावर मात करून त्याला हरवण्यासाठी चिकाटीने खेळतो. जो पहिल्यांदा यशस्वी होतो तो जिंकला.

8  
बुद्धिबळ  a b c d e f g h बुद्धिबळ 
8 बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  8
7 बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  7
6 बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  6
5 बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  5
4 बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  4
3 बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  3
2 बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  2
1 बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  1
बुद्धिबळ  a b c d e f g h बुद्धिबळ 
राजाच्या चाली; राजाकडील किल्लेकोट (पांढरा) आणि वजिराकडील किल्लेकोट (काळा)
8  
बुद्धिबळ  a b c d e f g h बुद्धिबळ 
8 बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  8
7 बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  7
6 बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  6
5 बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  5
4 बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  4
3 बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  3
2 बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  2
1 बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  1
बुद्धिबळ  a b c d e f g h बुद्धिबळ 
हत्तीच्या चाली
8  
बुद्धिबळ  a b c d e f g h बुद्धिबळ 
8 बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  8
7 बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  7
6 बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  6
5 बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  5
4 बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  4
3 बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  3
2 बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  2
1 बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  1
बुद्धिबळ  a b c d e f g h बुद्धिबळ 
उंटाच्या चाली
8  
बुद्धिबळ  a b c d e f g h बुद्धिबळ 
8 बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  8
7 बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  7
6 बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  6
5 बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  5
4 बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  4
3 बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  3
2 बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  2
1 बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  1
बुद्धिबळ  a b c d e f g h बुद्धिबळ 
राणीची चाली
8  
बुद्धिबळ  a b c d e f g h बुद्धिबळ 
8 बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  8
7 बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  7
6 बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  6
5 बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  5
4 बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  4
3 बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  3
2 बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  2
1 बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  1
बुद्धिबळ  a b c d e f g h बुद्धिबळ 
घोड्याच्या चाली
बुद्धिबळ  a b c d e f g h बुद्धिबळ 
8 बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  8
7 बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  7
6 बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  6
5 बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  5
4 बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  4
3 बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  3
2 बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  2
1 बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  बुद्धिबळ  1
बुद्धिबळ  a b c d e f g h बुद्धिबळ 
प्याद्याच्या चाली; e2 वरील प्यादे e3 किंवा e4 ला जाऊ शकते; c6 वरील प्यादे c7 वर जाऊ शकते किंवा दोन्हीपैकी एक काळा हत्ती मारू शकते; जर काळ्याची या आधीची शेवटची चाल g7 कडून g5 कडे झाली असेल तरच h5 वरील प्यादे "एन पासंट" वापरून g5 वरील काळे प्यादे मारू शकते.

बुद्धिबळाचा प्रत्येक मोहरा विशिष्ट पद्धतीने चाली करतो.

  • राजा उभ्या, आडव्या आणि तिरप्या दिशेने एक घर जाऊ शकतो. प्रत्येक डावात राजा फक्त एकदाच एक विशेष चाल "किल्लेकोट" करू शकतो. किल्लेकोटामध्ये राजा दोन घरे हत्तीच्या दिशेने जातो आणि हत्ती राजाला लागून राजाच्या पलीकडे सरकतो. जर
  1. राजा किंवा किल्लेकोटात सहभागी असलेला हत्ती यापूर्वी या डावात कधीच हललेला नसेल,
  2. राजा आणि हत्तीमध्ये कुठलाही मोहरा नसेल,
  3. राजा शहाच्या धाकाखाली नसेल, किल्लेकोट करताना राजा ज्या घरांतून सरकतो त्यावर विरोधी मोहऱ्यांचा रोख नसेल आणि किल्लेकोट झाल्यानंतर राजा शहाच्या धाकाखाली येणार नसेल, तरच किल्लेकोट करता येतो.

किल्लेकोट झाल्यावर राजाला शह देणे अवघड होते.

  • हत्ती आडव्या किंवा उभ्या दिशेने कितीही रिकामी घरे जाऊ शकतो.
  • उंट तिरप्या दिशेने कितीही रिकामी घरे जाऊ शकतो. तिरपी घरे एकाच रंगाची असल्याने मूळ पांढऱ्या घरातला उंट पांढऱ्या व दुसरा नेहमी काळ्या घरातूनच हिंडतो. प्रत्येक खेळाडूच्या दोन उंटांपैकी एक पांढऱ्या तर दुसरा काळ्या घरात असतो.
  • राणी आडव्या, उभ्या किंवा तिरप्या दिशेने कितीही रिकामी घरे जाऊ शकते.
  • घोडा रिकाम्या किंवा भरलेल्या घरांवरून उड्या मारू शकतो. तो दोन घरे आडव्या दिशेने आणि एक घर उभ्या दिशेने किंवा दोन घरे उभ्या दिशेने आणि एक घर आडव्या दिशेने जातो. याला अडीच घरांची चाल असेही म्हटले जाते. प्रत्येक चालीनंतर घोड्याच्या घराचा रंग बदलतो.
  • प्याद्यांच्या चाली सर्वांत गुंतागुंतीच्या आहेत:
    • प्यादे एक घर पुढे रिकाम्या घरात सरकू शकते. जर प्याद्याची पहिलीच चाल असेल तर ते दोन रिकाम्या घरातून जाऊ शकते. प्यादे मागे जाऊ शकत नाही.
    • जर प्याद्याने पहिली दोन घरांची चाल केली आणि त्याच्या शेजारील घरात जर विरोधी प्यादे असेल तर विरोधी प्यादे "एन पासंट" वापरून पहिले प्यादे मारू शकते. ही चाल जणू पहिले प्यादे एकच घर चालले असे मानून होते. हे फक्त दोन घरांच्या चालीनंतरच्या पहिल्या चालीवरच शक्य आहे.
    • प्यादे फक्त विरोधी मोहरा मारण्यासाठीच एक घर तिरपी चाल करते. अन्यथा ते सरळ पुढे रिकाम्या घरात जाते. तिरपे घर रिकामे असले तरी तेथे जाऊ शकत नाही.
    • जर प्यादे सरकत शेवटाच्या पंक्तीत पोचले तर त्याला बढती मिळून खेळाडूच्या इच्छेनुसार ते राणी, हत्ती, उंट किंवा घोडा बनू शकते. साधारणपणे खेळाडू राणी करणे पसंत करतात.

घोडा सोडून कोणताही मोहरा दुसऱ्याला ओलांडून पलीकडे उडी मारू शकत नाही. स्वतःच्या मोहऱ्यांना मारता येत नाही. फक्त विरोधी मोहऱ्यांनाच मारता येते. ज्यावेळी एखादा मोहरा मारला जातो त्यावेळी मारेकरी मोहरा त्याची जागा घेतो. (याला "एन पासंट"चा अपवाद आहे.) मेलेला मोहरा डावातून बाद होतो. प्याद्याला बढती मिळाल्यानंतर तो नवीन मोहरा म्हणून वापरला जातो. पण बढती मिळाल्यावर मेलेलाच मोहरा घ्यावा अशी अट नाही. राजा मारला जाऊ शकत नाही. त्याला अंतिम शह देता येतो. राजाला शहातून बाहेर काढता येत नसल्यास मात झाली असे समजून खेळाडू हरतो.

बुद्धिबळाचा डाव 'शह देऊन मात करणे या शिवाय अजूनही काही प्रकारे संपू शकतो --- पटावर वाईट परिस्थिती असल्यास खेळाडू राजीनामा देतो (हार मान्य करतो) किंवा डाव अनिर्णित राहू शकतो. अर्धवट मात, तीनदा पुनरावृत्ती, ५० चालींचा नियम किंवा शह देऊन मात न होण्याची शक्यता यापैकी एखादी गोष्ट असेल तर खेळ अनिर्णित ठरवला जातो.

इतिहास

बुद्धिबळ 
इराणी शतरंज संच, १२वे शतक, न्यू यॉर्क कला संग्रहालय.

सुरुवात

जरी अनेक देश बुद्धिबळाच्या शोधाचा दावा करत असले तरी बुद्धिबळ ह्या खेळाची सुरुवात प्रथम भारतात झाली असे सध्यातरी मानले जाते. बुद्धिबळासाठी विविध भाषांत वापरले जाणारे शब्द भारतीय चतुरंग या शब्दापासून तयार झाले आहेत यावरून हे स्पष्ट होते. चतुरंग म्हणजे "सैन्याची चार अंगे" पायदळ, घोडदळ, हत्ती आणि रथ. तसेच प्राचीन काळात फक्त भारतातच सैन्यांमध्ये घोडे, उंट आणि हत्ती हे तीनही प्राणी वापरले जात होते.

साहित्यामध्ये बुद्धिबळाचा पहिला संदर्भ इ.स. पूर्व ५०० मध्ये भारतात दिघ निकय मध्ये ब्रह्मजल सुत्त या ग्रंथात आढळतो. पर्शियामधील पहिला संदर्भ इ.स. ६०० च्या दरम्यान आढळतो; येथे त्याला शतरंज असे म्हटले आहे.

सातव्या शतकात मोहऱ्यांचे वर्णन केलेले आढळते. इ.स. ८०० पर्यंत खेळ चीनमध्ये शिआंकी नावाने पोचला होता. मुस्लिम जगाने शतरंज पर्शियाच्या विजयानंतर उचलला. मोहोऱ्यांची पर्शियन नावे तशीच राहिली.

स्पेनमध्ये त्याला ajedrez 'अजेद्रेझ', पोर्तुगीजमध्ये xadrez आणि ग्रीकमध्ये zatrikion'तर बाकीच्या युरोपमध्ये पर्शियन "शाह" शब्दाच्या विविध रूपांनी ओळखले जाऊ लागले. खेळ पश्चिम युरोप आणि रशियामध्ये तीन वेगवेगळ्या मार्गांनी पोचला. पहिल्यांदा नवव्या शतकात सुरुवात झाली. १००० पर्यंत सर्व युरोपभर पसरला. इबेरियन पठारावर मुर यांनी दहाव्या शतकात खेळाची ओळख करून दिली.

आणि एका विचारानुसार बुद्धिबळ, चीनमधील शिआंकी पासून सुरू झाले असावे.

आधुनिक खेळाची सुरुवात (१४५० - १८५०)

शतरंजमधील मोहऱ्यांच्या चाली मर्यादित होत्या. सध्याचा उंट (ज्याला पूर्वी हत्ती म्हटले जायचे) त्याकाळी फक्त तिरपी दोन घरे उडी मारू शकत असे. मंत्री (म्हणजे सध्याचा वजीर) फक्त तिरपे एक घर जाऊ शकत असे; प्यादी सुरुवातीला दोन घरे जाऊ शकत नव्हती, आणि किल्लेकोटाची संकल्पनाच नव्हती. प्याद्यांना बढती मिळून फक्त मंत्री होता येत असे.

बुद्धिबळ 
नथानिएल कुक यांनी १८४९ मध्ये बनवलेले मूळ स्टॉंटन मोहरे, डावीकडून: प्यादे, हत्ती, घोडा, उंट, वजीर आणि राजा.

इ.स. १२०० च्या दरम्यान दक्षिण युरोपमध्ये नियम बदलण्यास सुरुवात झाली आणि १४७५ च्या आसपास काही महत्त्वाचे बदल केले गेले. चालींसाठीचे आधुनिक नियम इटलीमध्ये तयार झाले. ( काही लोक हे स्पेनमध्ये झाले असे मानतात.): प्याद्यांना पहिली २ घरांची चाल मिळाली आणि त्यातूनच एन पासंट सुरू झाले. उंट आणि वजीर यांना आज वापरल्या जाणाऱ्या चाली मिळाल्या. त्यामुळेच वजीर सर्वांत महत्त्वाचा मोहरा ठरला. या बुद्धिबळाला "वजिराचे (राणीचे) बुद्धिबळ" संबोधले जाऊ लागले. हे नियम लगेचच पश्चिम युरोपात पसरले. 'अर्धवट मात' बद्दलचे नियम मात्र १९ व्या शतकात निश्चित झाले.

याच काळात बुद्धिबळावर ग्रंथ लिहिले जाऊ लागले. सर्वांत जुने अजूनही टिकलेले छापील पुस्तक Repetición de Amores y Arte de Ajedrez (इंग्लिशमध्ये Repetition of Love and the Art of Playing Chess) स्पेनच्या लुइस रामिरेझ दे लुसेना याने सालामांका येथे प्रसिद्ध केले.. लुसेना आणि त्यानंतरच्या १६ व्या आणि १७ व्या शतकातील तज्ज्ञांनी, उदाहरणार्थ, पोर्तुगालच्या पेद्रो दामिआनो, इटलीच्या जिओवान्नी लिओनार्दो डी बोना, गिउलिओ सीझर पोलेरिओ आणि जिओअक्सिनो ग्रेको किंवा स्पेनचे धर्मगुरू रूय लोपेझ दे सेगुरा यांनी डावाची सुरुवातीला करावयाच्या चालींसंबंधीची मूलभूत तत्त्वे विकसित केली. त्यातूनच इटालियन गेम, किंग्ज गॅंबिट आणि रूय लोपेझ सारख्या डावांची सुरुवात झाली.

बुद्धिबळ 
फ्रांस्वा-आंद्रे डॅनिकन फिलिडोर, १८व्या शतकातील फ्रेंच बुद्धिबळ तज्ज्ञ

१८ व्या शतकात युरोपातील बुद्धिबळाचे केंद्र दक्षिण युरोपातील फ्रान्स बनले. दोन महत्त्वाचे फ्रेंच तज्ज्ञ, प्यांद्यांचे महत्त्व जाणणारे फ्रॅंकॉईस-आंद्रे डॅनिकन फिलिडोर, व्यवसायाने संगीतकार, आणि लुइस चार्ल्स माहे देला बुर्दोनाईस यांनी ब्रिटिश तज्ज्ञ आलेक्झांडर मॅकडॉनेल याला १८३४ मध्ये विविध मालिकांमध्ये हरवले. त्यावेळी बुद्धिबळ युरोपातील मोठ्या शहरातील कॉफीघरांतून खेळले जात असे. उदाहरणार्थ: कॅफे देला रेजंस, पॅरीस आणि सिम्पसन्स दिवान, लंडन .

१९ व्या शतकात विविध संघटना स्थापल्या गेल्या. बरेच क्लब्ज स्थापन झाले; पुस्तके आणि जर्नल्स प्रसिद्ध होऊ लागली. पत्रांद्वारे बुद्धिबळ सामनेही खेळले जाऊ लागले. उदा: लंडन चेस क्लब आणि एडिंबरो चेस क्लब यांमधील १८२४ मध्ये झालेला सामना. वर्तमानपत्रातून येणारी बुद्धिबळातील कोडीही लोकप्रिय होऊ लागली. बर्नार्ड हॉरविट्झ, जोसेफ किंग आणि सॅम्युएल लॉईड यांनी एकापेक्षा एक सरस कोडी रचली. १८४३ मध्ये जर्मनीच्या पॉल रुडॉल्फ वॉन बिल्गुएर आणि टासिलो हेडेब्रांड उंड डेर लासा . या तज्ज्ञांनी लिहिलेल्या Handbuch des Schachspiels या पुस्तकाची पहिली आवृत्ती प्रकाशित झाली. सर्वात अधिक हा खेळ भारतात खेळला जातो. बुद्धिबळ हा खेळ भारतात विश्वनाथन आनंद ह्यांचा मुळे ओळखला जातो. कारण विश्वनाथन यांनी खूप मेडल भारतासाठी मिळवून दिले आहेत. भारतामध्ये तरुण पिढीमध्ये हा खेळ खूप खेळला जातो.

स्पर्धात्मक खेळाची सुरुवात (१८५० - १९४५)

बुद्धिबळ 
"अमर डाव", अँडरसन-किसरीट्झ्की, १८५१

पहिली आधुनिक बुद्धिबळ स्पर्धा लंडनमध्ये इ.स. १८५१ला घेण्यात आली. त्यात जर्मनीचा अ‍ॅडॉल्फ अँडरसनविजयी झाला. यानंतर अँडरसनला आघाडीचा बुद्धिबळ तज्ञ मानले जाऊ लागले.

युद्धोत्तर पर्व (१९४५ च्या पुढे)

सांस्कृतिक महत्त्व

मोहरे

  • हत्ती - हा मोहरा सरळ व आडवा किती ही लांब जाऊ शकतो. एका खेळात दोन हत्ती असतात.
  • उंट - तिरप्या दिशेने जातो. एका खेळात दोन उंट असतात.
  • प्यादी - एक स्थान सरळ रिकाम्या घरात तर शत्रुच्या मोहरयास मरातांना एक घर तिरपा जातो. प्यादी कधीही मागे येऊ शकत नाही.
  • राजा - आडवा उभा व तिरपा एक स्थान जा शकतो.
  • घोडा - दोन सरळ घरे व त्यानंतर डाव्या किंवा उजव्या घरात. [ एक - दोन - अडिच.][२+½](?)
  • प्रधान (वजीर)- आडवा, उभा व तिरपा कितिही घरे जाउ शकतो.

चालींची नोंद

व्यूहरचना

बुद्धिबळातील कोडी

अन्य खेळांच्या तुलनेत स्पर्धात्मक बुद्धिबळ खेळणे, सराव करणे अधिक सोपे आहे. बुद्धिबळातील कोडी हा सरावाचा सर्वांत महत्त्वाचा भाग आहे. पटावरील चाली लिहिता येत असल्याने ही बुद्धिबळाची कोडी सोडविणे सोपे जाते. या विषयावर अनेक संकेतस्थळे ऑनलाइन उपलब्ध आहेत.

स्पर्धात्मक खेळ

असोसिएशन फॉर कॉम्प्युटिंग मशिनरी (ACM) ने सप्टेंबर 1970 मध्ये कॉम्प्युटरसाठी पहिली मोठी बुद्धिबळ स्पर्धा, नॉर्थ अमेरिकन कॉम्प्युटर चेस चॅम्पियनशिप आयोजित केली. CHESS 3.0, नॉर्थवेस्टर्न युनिव्हर्सिटीच्या बुद्धिबळ कार्यक्रमाने चॅम्पियनशिप जिंकली. 1974 मध्ये झालेल्या पहिल्या जागतिक संगणक बुद्धिबळ चॅम्पियनशिप सोव्हिएत कार्यक्रम Kaissa द्वारे जिंकले होते. सुरुवातीला फक्त एक कुतूहल मानले गेले, सर्वोत्तम बुद्धिबळ खेळण्याचे कार्यक्रम अत्यंत मजबूत झाले आहेत. 1997 मध्ये, संगणकाने प्रथमच सत्ताधारी जागतिक चॅम्पियनविरुद्ध शास्त्रीय वेळेच्या नियंत्रणाचा वापर करून बुद्धिबळ सामना जिंकला: IBM च्या डीप ब्लूने गॅरी कास्पारोव्हला 3½–2½ ने पराभूत केले (दोन विजय, एक पराभव आणि तीन अनिर्णित). या सामन्यावर काही वाद झाला आणि 2005 आणि 2006 मध्ये संगणकाच्या विजयाची खात्री होईपर्यंत पुढील काही वर्षांमध्ये मानवी-संगणक सामने तुलनेने जवळ आले.

बुद्धिबळासंबंधी आणखी एक गणित

एक आख्यायिका: या खेळाचा शोध एका गरीब व विद्वान ब्राम्हणाने लावला असे म्हणतात.[ संदर्भ हवा ]त्याने तो राजासमोर सादर केला.राजाला तो आवडला. राजाने बाम्हणाला 'हवे ते माग' असे सांगितले. ब्राम्हणाची मागणी अशी होती : प्रथम चौकटीत धान्याचा एक दाणा, दुसऱ्यात त्याचे दुप्पट, तिसऱ्यावर दुसऱ्या खान्याचे दुप्पट असे बुद्धिबळातील सर्व चौसष्ट जागांवरील धान्याच्या दाण्यांच्या संख्येची बेरीज करून तेव्हढे धान्य त्याला द्यावे. म्हणजे: १+२+४+१६+...........२६३

मानसशास्त्र

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संदर्भ

बाह्य दुवे

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