मिथिला जकरा तिरहुत आ तिरभुक्ति कऽ नामसँ सेहो जानल जाइत अछि, भारतक बिहार आ नेपालक दक्षिणपूर्वी भागमे अवस्थित एक भौगोलिक आ सांस्कृतिक क्षेत्र छी। ई क्षेत्र पूर्वमे महानन्दा नदी, दक्षिणमे गङ्गा नदी, पश्चिममे गण्डकी नदी आ उत्तरमे हिमालयक तलसँ घेरल अछि।
मिथिला | |
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एसिया महादेशमे क्षेत्र | |
महादेश | एसिया |
राष्ट्रसभ | |
पैग सहर | सूची |
जनसङ्ख्या (२०११) | |
• कुल | ४००००००० |
मिथिला क्षेत्रक मुख्य भाषा मैथिली छी आ ई भाषा बाजनिहार लोकसभकेँ मैथिल कहल जाइत अछि। मिथिला नाम सामान्यतया विदेह साम्राज्यकेँ उल्लेख करवाक लेल प्रयोग कएल जाइत अछि आ सङ्गे आधुनिक-कालक क्षेत्रसभ सेहो विदहक प्राचीन सीमासभक भीतर अबैत अछि।१८हम शताब्दीमे, जखन मिथिला क्षेत्रकेँ दड़िभङ्गा राजद्वारा शासित कएल गेल छल, ब्रिटिस राज एकरा एक रियासत राज्यक रूपमे पहचान नै दऽ ई क्षेत्रमे कब्जा कऽ लेनए छल। हिन्दू धार्मिक ग्रन्थसभमे सबसँ पहिने एकर उल्लेख रामायणमे भेटैत अछि। मिथिलाक उल्लेख महाभारत, रामायण, पुराण तथा जैन आ बौद्ध ग्रन्थसभमे सेहो अछि।वर्तमान समयमे मिथिला भारतक बिहार राज्यक पश्चिम चम्पारण, पूर्वी चम्पारण , शिवहर, सीतामढ़ी, वैशाली, मुजफ्फरपुर, मधुबनी, दड़िभङ्गा, समस्तीपुर, बेगूसराय, मुङ्गेर, खगड़िया, सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, पूर्णिया, अररिया, कटिहार, किशनगञ्ज, बाँका आ भागलपुर जिला छी तँ झारखण्ड राज्यक गोड्डा, देवघर, दुमका, साहिबगंज, जामताड़ा आ पाकुड़ जिला छी तहिना नेपालक नव निर्मित मधेश प्रदेश अन्तर्गत रहल सप्तरी, सिराहा, धनुषा, महोत्तरी, सर्लाही, रौतहट, बारा आ पर्सा जिला तथा कोशी प्रदेश अन्तर्गत रहल मोरङ आ सुनसरी जिला मिथिला क्षेत्र भितर अवैत अछि।
मान्यता अछि जे मिथिला नाम पौराणिक राजा 'मिथि' कऽ नामसँ कएल गेल। ओ अपन पिता राजा निमी कऽ शरीरसँ बनायल गेल मानल जाइत अछि। कियए तऽ हुनकर उत्पति अपन पिताक देहसँ मन्थन उपरान्त भेल छल, एहि कारण सँ ओ मिथि कहाएल। पौराणिक परम्परामे राजाक शासकीय क्षेत्रक नाम राजाक नामपर राखल जाइत छल। ताहि लेल मिथि कऽ नामपर ई क्षेत्रक नाम मिथिला पड़ल। मिथिला जनकपुरीक राजधानी छल आ राजा मिथि जनकसँ उत्पन्न भेल छल ताहि कारणसँ स्वयं मिथि आ हुनक बादक शासक सेहो जनक कहाएल। एकर बाद मिथिलाक राजासभकेँ जनक कहल जाए लागल। सीताक पिता सीरध्वज जनक छथि जे वाल्मीकि रामायणक हिसाबसँ जनकपुरीक पचीसम राजा भेल छल। देवी भागवतसँ ज्ञात होइत अछि जे निमिक उन्नैसम पीढ़ीमे राजर्षि जनक सीरध्वज भेल छलाह। हिनक विद्वताक चर्च देवी भागवत, श्रीमद्भगवद्गीता, विष्णु पुराण, वृहद् विष्णुपुराण आ अन्य पौराणिक ग्रन्थमे भेटैत अछि।
ई क्षेत्रकेँ तीरभुक्ति नामसँ सेहो पहिचानल जाइत छल। राधाकृष्ण चौधरीक मिथिलाक इतिहासमे तीरभुक्ति नाम होयबाक निम्नलिखित कारण बताओल गेल अछि।
ई बादमे त्रि आहुति कऽ अर्थ सँ तिरहुत रूपमे लोक प्रचारित भेल।
मिथिलासँ सम्बन्धित सभसँ महत्वपूर्ण स्रोत हिन्दू धार्मिक ग्रन्थ रामायणसँ मिलैत अछि जतय जनकपुरसँ मिथिला क्षेत्रपर शासन केनिहार राजा जनकक पुत्री आ रामक पत्नी सीताकेँ मिथिला क्षेत्रक राजकुमारी कहल गेल अछि। प्राचीन कालमे मिथिलाक अन्य प्रसिद्ध राजासभमे भानुमान्, शतध्युम्न, शुचि:, ऊर्जनम्, सतध्व्य, अञ्जन, अरिष्टनेमी, श्रुतायु, सृञ्जय, सुरमबी, अनेना, भौमरथ, सत्यरथ, उपगु, उपगुप्त, स्वागत, स्वानन्द, सुवर्चा, सुपाशर्व, सुभाष, सुश्रुत, जय, विजय, धृति, सुनय, वीतहव्य, ऋत, बहुलाश्व आ कृति छल।
पौराणिक मान्यता आ किम्बदन्ती अनुसार जनक वंशक अन्तिम राजा खराब चरित्रक छल। ओ राजाकेँ आम जनतासभ आचार्यसभक नेतृत्वमे सत्ताच्युत केनए छल। ओकर बाद सयन वर्षधरि मिथिला बिना राजाक रहल। राजा नै भेलाक बाद एकटा लोकतान्त्रिक प्रक्रियाक विकास कएल गेल जतय शासक जनताद्वारा निर्वाचित कएल जाइत छल आ निर्णय आम सहमतिसँ कएल जाइत छल। तथ्य अनुसार मिथिला क्षेत्रकेँ विश्वक सभसँ पहिल प्रजातान्त्रिक मूल्य मान्यता माननिहार क्षेत्रक रूपमे देखल जेवाक चाही। ई शासन व्यवस्था कयन शताब्दीधरि कायम रहल जाबे धरि मगध साम्राज्य मिथिला क्षेत्रकेँ क्षति नै कऽ देलक।
ओकरबाद मिथिला क्षेत्रमे विभिन्न कालखण्डमे विभिन्न शासकवर्गद्वारा राज कएल गेल इतिहास अछि जहिमे वज्जि, लिच्छवी, सैषुनाग, नन्द, मौर्य, सुङ्ग, कान्त, गुप्ता, वर्द्धन अछि। मिथिला क्षेत्रपर जनक वंशक बाद ५अम शताब्दी सँ ६हम शताब्दीधरि कियो उल्लेखनीय शासक नै भऽ सकल। एकर बाद जयवर्द्धन राजा सलहेश मिथिलाक राजा भेल। ओ अपन राजधानी महिसौठ- सिराहा (वर्तमान समयमे नेपाल) कायम केलक। बहुतेक बेर ओ मिथिला क्षेत्रकेँ तिब्बती आक्रमणकारीसँ बचाव केनए छल जहिद्वारे हुनका जयवर्द्धनद्वारा शैलेश (हिमालयक राजा) कहल गेल जकरा स्थानीय बोलीमे सलहेश कहल जाई लागल।
मिथिला पहिल बेर भारतीय लोकद्वारा स्थापित कएल गेल, जे विदेह साम्राज्यक स्थापना केनए छल।वैदिक कालक अन्तिम समयमे (ईसा पूर्व ११००-५०००), विदेह साम्राज्य कुरू आ पञ्चाल सङ्गे दक्षिण एसियाक प्रमुख राजनीतिक आ सांस्कृतिक केन्द्रसभमे सँ एक बनि गेल। विदेह साम्राज्यक राजासभ जनक कहलावैत छल।
बादमे विदेह साम्राज्य वज्जिमे शामिल भऽ गेल, जकर राजधानी वैशाली छल, जे एखन मिथिला क्षेत्रमे अछि।
११हम शताब्दीसँ २०हम शताब्दीधरि, मिथिला पर विभिन्न स्वदेशीय राजवंशद्वारा शासन कएल गेल। सभसँ पहिने शासन केनिहार कर्नाटवंशी छल जे परमार राजपूत मूलक छल ओकर बाद ओइनवार वंश छल, जे मैथिल ब्राह्मण छल आ अन्तिम शासक दड़िभङ्गा राजक खण्डवालसभ छल जे मैथिल ब्राह्मण छल।ई अवधिक समयमे मिथिलाक राजधानी दड़िभङ्गा स्थानान्तरित कएल गेल छल ।
मिथिला एक विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्रक सङ्ग-सङ्ग नदी आ पहाड़ जका प्राकृतिक सीमासँ घेरल अछि। बृहत् रूपमे मिथिला क्षेत्र समतल भूभाग समेटने अछि सङ्गे ई क्षेत्रमे बहुतेक नदीसभसँ सेहो अन्तरसम्बन्धित अछि जे हिमालयसँ उत्पन्न होइत अछि। प्राकृतिक रूपसँ मिथिला धनीक अछि।
मिथिला क्षेत्रमे सात टा मुख्य नदीसभ अछि जे महानन्दा नदी, गण्डकी नदी, कोशी नदी, बागमती नदी, कमला नदी, बलान नदी आ बुढी गण्डकी नदी छी।
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