जौनपुर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के जौनपुर जिला में स्थित एक शहर है | ई जिलाक मुख्यालय सेहो अछि। पहिने ई जिला गुप्त वंशक नियंत्रण मे छल |
जौनपुर Jaunpur | |
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नदी के ऊपर पुराने ज़माने का मेहराबदार पुल | |
निर्देशांक: २५°४४′N ८२°४१′E / २५.७३°N ८२.६८°E ८२°४१′E / २५.७३°N ८२.६८°E | |
देश | भारत |
प्रान्त | उत्तर प्रदेश |
स्थापना | 1359 |
संस्थापक | फ़िरोज़ शाह तुगलक़ |
नाम स्रोत | मुहम्मद बिन तुगलक़ के भाई जौना खान |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | ४४,९४,२०४ |
भाषा | |
• प्रचलित | हिन्दी, अवधी |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 222001 |
वाहन पंजीकरण | UP62 |
लिंगानुपात | 22,20,465/22,73,739 ♂/♀ |
वेबसाइट | jaunpur.nic.in |
जौनपुर ऐतिहासिक शहर छी। मध्यकालीन भारत में शर्की शासक के राजधानी रहल जौनपुर उत्तर दिशा में गोमटी नदी के कात में वाराणसी स ५८ किलोमीटर आ प्रयागराज स १०० किलोमीटर दूर स्थित अछि | मध्यकालीन भारतक जौनपुर सल्तनत (१३९४ सँ१४७९ के बीच) उत्तरी भारतक एकटा स्वतंत्र राज्य छल। वर्तमान उत्तर प्रदेश राज्य जौनपुर सल्तनत के अधीन आबि गेल, जाहि पर जौनपुर स शर्की शासक के शासन छल | अवधी एहि ठामक मुख्य भाषा अछि।
जौनपुरक इतिहासक कोनो प्रामाणिक जानकारी नहि अछि मुदा अनुश्रुतिओक अनुसार जौनपुर प्राचीन कालमे देवनागरी नामक पवित्र स्थान छल जे अपन शिक्षा, कला आ संस्कृतिक कारण प्रसिद्ध छल। सर्वप्रथम एहि स्थान पर कन्नौजक शासक आक्रमण करि एकरा अपन अधीन कऽ एकर नाम यवनपुर रखलक तत्पश्चात एहिपर तुगलक शासक फिरोज शाह तुगलक एकर स्थापना १३ अम शताब्दीमे अपन चचेरा भाई मुहम्मद बिन तुगलकक स्मृतिमे केने छल जेकर वास्तविक नाम जौना खान छल। एही कारण सँ एहि शहरक नाम जौनपुर राखल गेल। १३९४ क आसपास मलिक सरवर जौनपुर केँ शर्की साम्राज्यक रूप मे स्थापित केलक। शर्की शासक कला प्रेमी छल। हिनकर शासनकालमे एतय अनेक मकबरे, मस्जिद आ मदरसाक निर्माण कएल गेल। ई शहर मुस्लिम संस्कृति आ शिक्षाक केन्द्रक रूपमे सेहो जानल जाइत अछि। एहिठामक बहुतो सुन्दर भवन अपन अतीतक कथा कहैत प्रतीत होइत अछि। वर्तमानमे ई शहर चमेलीक तेल, तम्बाकूक पात, इमरती आ स्वीटमीटक लेल प्रसिद्ध अछि।
जौनपुर जिला वाराणसी प्रभागक उत्तर-पश्चिम भागमे स्थित अछि। एकर भूभाग २४.२४० एन सँ २६.१२० एन अक्षांश आ ८२.७० ई आ ८३.५० ई देशांतरक बीच फैलल अछि। गोमती आ सई एहि ठामक मुख्य नदीसभ अछि। एकर अतिरिक्त वरुण, पिली आ मयूर आदि छोट नदीसभ अछि। माटि मुख्यतः रेतीला, चिकना रेतक होइत अछि। जौनपुर प्रायः बाढ़ि सँ प्रभावित रहैत अछि। जौनपुर जिला मे खनिज क कमी अछि। जिलाक भौगोलिक क्षेत्रफल ४,०३८ कि. मी. अछि।
जौनपुर जिलाक वास्तविक जनसंख्या ४,४७६,०७२ (भारतक जनगणना २०११ तथा भारतीय जनगणना २०११) अछि। एहिमे २,२१७,६३५ पुरुष आ २,२५८,४३७ महिला अछि। जनसंख्या घनत्व 1113 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर अछि। २००१ आ २०११ क बीच, जौनपुर जिलाक जनसंख्या १४.८९ प्रतिशत बढ़ल अछि। साक्षरता दरमे वृद्धि दर्ज कएल गेल अछि, जे २००१ क अनुसार ५९.८४% सँ बढि कऽ ७३.६६% (२०११ क अनुसार) भेल अछि। सन् २०११ मे ८६.०६% पुरुष आ ६१.७% महिला साक्षर छल। जिलामे लिंगानुपात १०२४ अछि, जे भारतमे प्रति १००० पुरुषमे ९४० महिलाक तुलनामे बेसी अछि।
एतय शीतला माताक लोकप्रिय प्राचीन मन्दिर बनल अछि। कहल जाइत अछि जे ई मौर्य कालक प्राचीन मन्दिर छल जकरा जीर्णोद्धार कऽ माता शीतला चौकियां धाम राखल गेल। एहि मंदिरक संग एक बहुत सुन्दर तालाब सेहो अछि, एहि ठाम श्रद्धालु सभक नियमित आवाजाही होइत रहैत अछि। एतय प्रतिदिन लगभग ५००० सँ ७००० लोक अबैत अछि। नवरात्रि मे एहिठाम बहुत भीड़ होइत अछि। दूर-दूर सँ लोक एतय अपन मनोकामना पूर्ण करबाक लेल अबैत अछि। ई हिन्दूसभक एक पवित्र मन्दिर छी, जतय हरेक श्रद्धालुसभक मनोकामना शीतला माता पूरा करैत अछि।
बाबा बारिनाथक मन्दिर इतिहासकारसभक अनुसार लगभग ३०० वर्ष पुरान अछि। ई मन्दिर उर्दू बजारमे स्थित अछि आ ई दायरा अनेक बिघामे अछि। बाहरसँ देखलापर ई मंदिर ओतेक पैघ नहि लगैत अछि मुदा प्रवेशद्वारसँ भीतर गेलापर पता चलैत अछि जे ई कतेक पैघ रहल होएत।
ई आश्रम गोमती नदीक किनारमे स्थित अछि आ एकटा धार्मिक केन्द्रक रूपमे प्रसिद्ध अछि। सप्तऋषिसभमे सँ एक ऋषि जमदग्नि अपन पत्नी रेणुका आ पुत्र परशुरामक संग एतहि रहैत छल। संत परशुरामसँ सम्बद्ध ई आश्रम आसपासक क्षेत्रसँ लोकसभकेँ आकर्षित करैत अछि।
ई भगवान शिवक मन्दिर राजेपुर त्रिमुहानी छी जे सई आ गोमतीक संगम पर बसल अछि। एहि संगम क कारण एकर नाम त्रिमुहानी पड़ल अछि ई जौनपुर सँ १२ किलोमीटर दूर पूर्व दिशामे सरकोनी बाजार सँ ३ किलोमीटर पर अछि आ ई स्थानक बारे मे ई सेहो कहल जाइत अछि जे लंका विजय करलाक बाद जखन राम अयोध्या लौटैत छलाह तखने ओहि समय सई - गोमती संगम पर कार्तिक पूर्णिमाक दिन स्नान केने छल जकर साक्ष्य वाल्मीकि रामायण मे भेटैत अछि "सई गोमती उतर नहाये, चौथे दिन अवधपुर आए " तखनसँ कार्तिक पूर्णिमाक दिन प्रत्येक वर्ष मेला लगैत अछि। त्रिमुहानी मेला संगमक तीनू कात विजईपुर, उदपुर, राजेपुर पर लगैत अछि दूर सुदूर सँ श्रद्धालु एतय स्नान ध्यान करबाक लेल अबैत अछि। विजयपुर गाममे अष्टावक्र मुनिक तपोस्थली सेहो अछि आ एहि विजयपुर गाममे 'नदिया के पार' फिल्मक शूटिंग भेल छल।
जौनपुरक मूली बहुत प्रसिद्ध अछि आ ई लगभग ४ सँ ६ फीट धरि होइत अछि जखन एहन मूली सामने अबैत अछि चर्चाक विषय बनैत अछि आ एकरा देखबाक लेल भीड़ लगैत अछि। मुदा एखन ई अपन अस्तित्व खो रहल अछि। एकर पाछाँ कतेको कारण अछि, जहिना मूलीक खेती किछु विशेष क्षेत्रसभमे भेल छल जतय मकान बनलासँ, आ मूलीक उचित मूल्य नहि भेलासँ किसानसभ मूलीसँ निराश भऽ गेल। एहि कारण सँ १५ सँ १७ किलोक वजनक कुल मूली आब ५ सँ ७ किलोक सेहो मुश्किलसँ भऽ सकैत अछि। मुदा कखनो कखनो वर्तमानमे सेहो ई चर्चाक विषय बनल रहैत अछि।
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