चुम्बक वह पदार्थ या वस्तु है जो चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है। चुम्बकीय क्षेत्र अदृश्य होता है और चुम्बक का प्रमुख गुण - आस-पास की चुम्बकीय पदार्थों को अपनी ओर खींचने एवं दूसरे चुम्बकों को आकर्षित या प्रतिकर्षित करने का गुण, इसी के कारण होता है।
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कुछ चुम्बक प्राकृतिक रूप से भी पाये जाते हैं किन्तु अधिकांश चुम्बक निर्मित किये जाते हैं। निर्मित किये गये चुम्बक दो तरह के हो सकते हैं :
इनके द्वारा उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र बिना किसी वाह्य विद्युत धारा के ही प्राप्त होता है और सामान्य परिस्थितियों में बिना किसी कमी के बना रहता है। (इन्हें विचुम्बकित (डी-मैग्नेटाइज) करने के लिये विशेष व्यवस्था करनी पड़ती है।) ये तथाकथित कठोर (हार्ड) चुम्बकीय पदार्थ से बनाये जाते हैं। ये भी कई प्रकार के होते हैं-
ये चुम्बक तभी चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करते हैं जब इनके प्रयुक्त तारों से होकर विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है। धारा के समाप्त करते ही इनका चुम्बकीय क्षेत्र लगभग शून्य हो जाता है। इसी लिये इन्हें विद्युतचुम्बक (एलेक्ट्रोमैग्नेट्) भी कहते हैं। इनमें किसी तथाकथित मृदु या नरम (सॉफ्ट) चुम्बकीय पदार्थ का उपयोग किया जाता है जिसके चारो ओर तार की कुण्डली लपेटकर उसमें धारा प्रवाहित करने से चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है। कण त्वरकों में इनका बहुत उपयोग होता है, जैसे द्विध्रुव चुम्बक कणों को मोड़ने के काम आते हैं और चतुर्ध्रुवी चुम्बक (क्वाड्रूपोल) आवएशित कणॉं की बीम को फोकस करने के काम आती है।
चुम्बकों को उनके ध्रुवों की संख्या के आधार पर भी वर्गीकृत कर सकते हैं। इस आधार पर चुम्बक द्विध्रुवी, चतुर्ध्रुवी, षट्ध्रुवी, आदि होते हैं। इसी प्रकार, यदि विद्युतचुम्बक का निर्माण अतिचालक तारों से किया गया है तो ऐसे चुम्बक को 'अतिचालक चुम्बक' कहते हैं अन्यथा सामान्य चालक तारों से निर्मित चुम्बकों को 'सामान्य चालक चुम्बक' (नॉर्मल कंडक्टिंग मैग्नेट) कहा जाता है।
हर एक अणु का अपना एक चुम्बकीये क्षेत्र होता है। वैसे तो चुम्बकीये क्षेत्र सभी पदार्थो के अणुओं में पाया जाता है लेकिन चुम्बक के अणु एक खास तरह की संरचना बनाते हैं। जहाँ बाकी सारे पदार्थो का चुम्बकीये क्षेत्र अलग-अलग दिशाओं में पाया जाता है, जिससे की उनका कुल नेट मेग्नेटिक फील्ड शून्य हो जाता है। लेकिन चुम्बक में ये सभी चुम्बकीय क्षेत्र एक ही दिशा में संरेखित होते हैं और इसी कारण चुंबक का चुंबकीय क्षेत्र अति शुद्ध और कहीं अधिक शक्तिशाली होता है। दूसरे शब्दों में हर पदार्थ के हर इलेक्ट्रॉन का एक चुंबकीय क्षेत्र होता है। लेकिन केवल चुम्बक में ही ये सभी सूक्ष्म चुम्बकीय क्षेत्र एक दिशा में आकर एक बन जाते हैं और तब एक अधिक शक्तिशाली मैग्नेटिक फील्ड, जिसे नेट मेग्नेटिक फील्ड भी कहते हैं, पैदा होता है।
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