सुनील छेत्री का जन्म 3 अगस्त 1984 में एक पहाड़ी क्षत्रिय परिवार में हुआ था, ये भारतीय पेशेवर फुटबॉलर हैं, जो एक स्ट्राइकर या विंगर के रूप में खेलते हैं और इंडियन सुपर लीग कि क्लब बेंगलुरु एफसी और भारतीय राष्ट्रीय टीम दोनों में कप्तान हैं। लोकप्रिय रूप से कैप्टन फैंटास्टिक के रूप में जाने जाते हैं, जिन्होंने क्रिस्टियानो रोनाल्डो और लियोनेल मेसी के बाद सक्रिय खिलाड़ियों के बीच अंतर्राष्ट्रीय मैचों में सर्वाधिक गोल करने के मामले में तीसरा पद हासिल किया है। वह दोनों सबसे कैप्ड खिलाड़ी हैं और देश के शीर्ष अंतरराष्ट्रीय संघ फुटबॉल गोल स्कोरर की सूची। सर्वकालिक शीर्ष गोल करने वाले भारतीय राष्ट्रीय टीम के लिए, 72 राष्ट्रीय गोल के साथ 112 दिखावे में।सुनील छेत्री को एएफसी द्वारा उनके 34 वें जन्मदिन पर 'एशियाई आइकन' नामित किया गया था।
व्यक्तिगत विवरण | |||
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नाम | सुनील छेत्री | ||
जन्म तिथि | 3 अगस्त 1984 | ||
जन्म स्थान | सिकंदराबाद, भारत | ||
कद | 1.71 मी॰ (5 फीट 7 1⁄2 इंच) | ||
खेलने की स्थिति | विंगर/स्ट्राइकर | ||
क्लब का विवरण | |||
वर्तमान क्लब | बेंगलुरु एफसी | ||
नम्बर | 11 | ||
युवा क्लब | |||
2001–2002 | सिटी फुटबॉल क्लब | ||
वरिष्ठ क्लब | |||
वर्ष | क्लब | खेल | (गोल) |
2002–2005 | मोहन बागान | 18 | (8) |
2005–2008 | जेसीटी | 48 | (21) |
2008–2009 | ईस्ट बंगाल | 14 | (9) |
2009–2010 | डेम्पो | 13 | (8) |
2010 | कैनसस सिटी विजार्ड्स | 3 | (0) |
2011 | चिराग यूनाइटेड | 7 | (7) |
2011–2012 | मोहन बागान | 14 | (8) |
2012–2013 | स्पोर्टिंग सीपी बी | 3 | (0) |
2013 | → चर्चिल ब्रदर्स (ऋण) | 8 | (4) |
2013– | बेंगलुरु | 124 | (58) |
2015–2016 | → मुंबई सिटी (ऋण) | 17 | (7) |
राष्ट्रीय टीम† | |||
2004 | भारत अं-20 | 3 | (2) |
2005– | भारत | 112 | (72) |
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छेत्री ने 2002 में मोहन बागान में अपने पेशेवर करियर की शुरुआत की। फिर वह जेसीटी में चले गए जहां उन्होंने 48 खेलों में 21 गोल किए। उन्होंने 2010 में मेजर लीग सॉकर के कैनसस सिटी विजार्ड्स के लिए हस्ताक्षर किए, विदेश जाने के लिए उपमहाद्वीप के तीसरे खिलाड़ी बने। हालाँकि, संयुक्त राज्य अमेरिका में वह कार्यकाल लंबे समय तक नहीं चला और जल्द ही वह भारत आई-लीग में वापस आ गया, जहाँ उसने चिराग यूनाइटेड और मोहन बागान के लिए खेला। विदेश जाने से पहले। इस बार उन्हें प्राइमिरा लिगा स्पोर्टिंग क्लब डी पुर्तगाल द्वारा हस्ताक्षरित किया गया, जहां उन्होंने क्लब के रिजर्व पक्ष के लिए खेला था।
उन्होंने भारत को 2007 नेहरू कप, 2009 नेहरू कप, 2012 नेहरू कप और साथ ही 2011 सैफ चैम्पियनशिप जीतने में मदद की। वह 2008 एएफसी चैलेंज कप के दौरान भारत के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक था, जिसमें भारत ने टूर्नामेंट जीता और इस तरह 27 वर्षों में अपने पहले एएफसी एशियाई कप के लिए क्वालीफाई किया। उन्होंने तब दो गोल के साथ 2011 एएफसी एशियाई कप में अपने अल्पकालिक अभियान के दौरान भारत का नेतृत्व किया। छेत्री का नाम अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ प्लेयर ऑफ़ द ईयर छः बार 2007, 2011, 2013, 2014, 2017 और 2018–19 में रखा गया है।
२०१५ में वह 50 अंतरराष्ट्रीय गोल करने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने थे |
सुनील छेत्री का जन्म ३ अगस्त १९८४ में नेपाली माता पिता के कोख से सिकंदराबाद, आन्ध्र प्रदेश नामक स्थान पर हुआ था। उनकी माता और दो बहनों ने नेपाल की महिला टीम से फुटबॉल खेला था। शायद यही वजह से उनकी रुचि फुटबॉल में बचपन से ही थी। उनके पिता भारतीय सेना में एक गोर्खा जवान की नौकरी करते थे और उनका स्थानान्तरण बहुत जल्दी होता था परंतु इससे सुनील को कोई फर्क नहीं पड़ा। वह तो केवल फुटबॉल के दीवाने हो चुके थे।
१७ साल के आयु में सुनील ने अपना फुटबॉल जीवन दिल्ली शहर में २००१ में शुरू किया। एक साल बाद ही तुरंत उनकी प्रतिभा को मोहन बागान ने समझा और उन्हें शामिल कर लिया। उस दिन से सुनील के पेशेवर फुटबॉल जीवन का आरंभ हुआ और फिर क्या था उसने कभी पीछे मूड के कभी नहीं देखा।
सुनील ने भारतीय टीम के लिए जूनियर ओर सीनियर दोनो श्रेणियों में भी खेला है। वह अभी भारतीय टीम के कप्तान है। २००७ में उनके कम्बोडिया के विरुद्ध २ गोलों ने उन्हे मानो जैसे उन्हे एक रात में ही हीरो बाना दिया। पूरे विश्व ने उनकी प्रतिभा को देखा और उसकी सराहना की। ३ गोल एएफसी चॅलेंज कप २००८ में ताजिकिस्तान के विरुद्ध मारकर उन्होने भारत को २७ साल के बाद एशिया कप के लिए प्रवेश दिलाया।
इतनी साफलता पाने के बाद उन्हे दूसरे देशों से फुटबॉल खेलने के लिए ऑफर आने लगे। अफवाहें यह भी थी की वो इंग्लिश प्रिमियर लीग में लिए खेल सकते हैं परंतु किसी कारणवश नहीं खेल पाए। सुनील ने २०१० में कंसास सिटी के लिए मेजर लीग सॉकर यूएसए में खेलने के लिए गये। वह तीसरे भारतीय बने जो भारत के बाहर खेलने के लिए गये हों।
२०१२ में उन्होने स्पोर्टिंग क्लब डी पुर्तगाल के रिज़र्व्स टीम की तरफ से खेला। वहाँ भी उन्होने अपने अच्छे खेल से सभी के दिल को जीत लिया। स्पोर्टिंग क्लब डी पुर्तगाल के साथ अनुबंध खत्म होते ही उन्हो ने बेंगलूर फुटबॉल क्लब के साथ अनुबंध कर लिया। अभी वह इस क्लब के कप्तान है और उनके खेल से टीम अभी आई-लीग के नंबर एक के खिलाड़ी हैं।
उन्होने अभी तक इंडिया टीम की तरफ़ से ७२ मैच में ४१ गोल दाग चुके है। यह अभी तक का सर्वाधिक स्कोर है जो किसी भारतीय ने किया हो। सुनील ने भारत को २००७, २००९, २०१२ में नेहरू कप जीता रखा है और २००८ में एशिया कप के लिए क्वालीफाई भी करवाया था।
इसमें कोई शक नहीं है एक वह भारत के सबसे अच्छे खिलाड़ी है। अरूजन पुरस्कार भी सुनील जीत चुके हैं। एन डी टी वी इंडिया ने उन्हें प्लेयर ऑफ द एअर का अवॉर्ड २००७ में दिया था और तीन बार वो ऐइफा प्लेयर ऑफ द एअर का अवॉर्ड भी जीत चुके है।
ये सब पुरस्कार बताते हैं कि ऐसा कारनामा कोई आम खिलाड़ी नहीं बल्कि एक प्रतिभावान खिलाड़ी ही कर सकता है। निश्चीत रूप से सुनील छेत्री भारत का नाम फुटबॉल जगत में आगे ले जा रहे हैं।
2021 में सुनील छेत्री ने इतिहास रचा था | उन्होंने माले में नेपाल के खिलाफ सैफ फुटबॉल चैम्पियनशिप में गोल दागते ही ब्राजील के महान फुटबॉलर पेले की बराबरी कर ली थी | छेत्री के तब अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में पेले के बराबर 77 गोल हो गए थे | 2021 में ही सुनील छेत्री अर्जेंटीना के सुपर स्टार लियोनेल मेसी को पीछे छोड़कर सर्वाधिक गोल करने वाले सक्रिय खिलाड़ियों की सूची में दूसरे स्थान पर पहुंच गए थे |
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