महासचिव संयुक्त राष्ट्र का सबसे प्रमुख अधिकारी होता है। इसकी नियुक्ति सुरक्षा परिषद की संस्तुति पर महासभा द्वारा 5 वर्ष के लिए की जाती है। वह दुबारा भी चुना जा सकता है। संयुक्त राष्ट्र अधिकारपत्र के अनुरूप, महासचिव अपनी सहायता के लिए दक्ष, योग्य और सत्यनिष्ठ कर्मचारियों का अंतर्राष्ट्रीय समूह खुद चुनता है।
संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव, | |
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आवास | सुट्टन प्लेस, मैनहटन, न्यूयॉर्क नगर, संयुक्त राज्य अमेरिका |
अवधि काल | पाँच वर्ष और अपरिहार्य स्थिति में आगे भी |
उद्घाटक धारक |
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गठन | संयुक्त राष्ट्र अधिकारपत्र, 26 जून 1945 |
वेबसाइट | www |
संयुक्त राष्ट्र के वर्तमान महासचिव एंटोनियो गुटेरेश है जो पुर्तगाल के हैं, जिन्होने 1 जनवरी 2017 को अपना कार्यकाल सँभाला।।
महासचिव के कर्तव्य हैं अंतर्राष्ट्रीय संघर्षों को सुलझाना, शांतिरक्षा कार्यों का प्रबंध करना, अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करना, सुरक्षा परिषद प्रस्तावों के कार्यान्वयन को जांचना और सदस्य सरकारों से बातचीत करना। 21 मार्च 2005 को, महासचिव कोफ़ी अन्नान ने सचिवालय में कई परिवर्तनों के प्रस्ताव रखे। उन्होने वैज्ञानिक सलाहकार को नियुक्त, शांतिरक्षा सहायता कार्यालय को स्थापित, निर्णय लेने के लिए मंत्री मंडल को अनुबंधित और मध्यस्थता कार्यों को मजबूत आदि करने के इरादे घोषित किए।
महासचिव की शक्तियाँ किसी भी अन्य संयुक्त राष्ट्र अधिकारी की तुलना में अधिक होती है। वह सदस्य राष्ट्रों की सरकारों को सलाह दे सकता है तथा समस्याओं को सुलझाने में अपने पद से जुड़े प्रभाव का इस्तेमाल कर सकता है। वह संगठन की उपलब्धियों और समस्याओं से जुड़ा वार्षिक प्रतिवेदन महासभा के सामने प्रस्तुत करता है। महासचिव किसी विशेष क्षेत्र में विश्व शांति व सुरक्षा को खतरा पहुँचने वाले मामले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का ध्यान भी आकर्षित कर सकता है।
पूर्व महासचिव कोफ़ी अन्नान की अनुशंसा पर 1997 में उप महासचिव पद की रचना की गयी। 12 जनवरी 1998 को कनाडा की सुश्री लुईश फेचेत संयुक्त राष्ट्र की प्रथम उप महासचिव बनीं।
# | छाया चित्र | महासचिव | कार्यभार ग्रहण करने की तिथि | नागरिक | संयुक्त राष्ट्र क्षेत्रीय समूह | वापसी का कारण | संदर्भ |
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– | ग्लेडविन जेब | 24 अक्टूबर 1945 – 1 फरबरी 1946 | यूनाइटेड किंगडम | पश्चिमी यूरोपीय और अन्य | अगले महासचिव के चुनाव तक कार्यवाहक | ||
द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात अगस्त 1945 में वे नए संयुक्त राष्ट्र के गठन हेतु बनाई गई तैयारी समिति के कार्यवाहक सचिव नियुक्त हुये। अक्टूबर 1945 से फरवरी 1946 तक इन्होंने संयुक्त राष्ट्र के कार्यवाहक महासचिव के रूप में अपनी सेवाएँ प्रदान कीं। | |||||||
1 | ट्रीगवी ली | 2 फ़रवरी 1946 – 10 नवम्बर 1952 | नॉर्वे | पश्चिमी यूरोपीय और अन्य | इस्तीफा दे दिया | ||
ली एक विदेश मंत्री और पूर्व श्रमिक नेता रहे, जिन्होंने सोवियत संघ के खाली पदों को भरने के लिए सिफारिश की थी। कोरियाई युद्ध में संयुक्त राष्ट्र की भागीदारी के बाद, 1951 में सोवियत संघ ने ली की पुनर्नियुक्ति पर वीटो लगाया। संयुक्त राज्य अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में ली की पुनर्नियुक्ति के पक्ष में वोट किया। फलत: ली 5 के मुक़ाबले 45 वोटों विजयी हुये और महासचिव के पद पर पुनर्नियुक्त हुये। सोवियत संघ से लगातार अनबन के कारण इन्होंने 1952 में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। | |||||||
2 | डैग हैमरस्क्जोंल्ड | 10 अप्रैल 1953 – 18 सितंबर 1961 | स्वीडन | पश्चिमी यूरोपीय और अन्य | उत्तरी रहोडेशिया (अब ज़ाम्बिया) में हवाई दुर्घटना में मृत्यु, जब वे कांगो के लिए एक शांति मिशन पर थे | ||
उम्मीदवारों की एक लंबी शृंखला के बाद जब कोई प्रतिनिधि नहीं चुना गया तब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के द्वारा डैग हैमरस्क्जोंल्ड को विकल्प के रूप में चुना गया, किन्तु वे दुबारा 1957 में निर्विरोध चुने गए। सोवियत संघ उनके नेतृत्व में कांगो समस्या के दौरान गुस्से में आ गया था और सुझाव दिया था कि इस पद पर त्रिकोणीय उम्मीदवार का गठन किया जाये। इसका विरोध पश्चिमी देशों के द्वारा किया गया और सोवियत संघ ने उनका सुझाव मंजूर कर लिया। हैमरस्क्जोंल्ड की मृत्यु हवाई दुर्घटना में हुई थी जब वे कांगो के लिए एक शांति मिशन पर थे। | |||||||
3 | यू. थांट | 30 नवम्बर 1961 – 31 दिसम्बर 1971 | म्यांमार | एशियन | तृतीय अवधि हेतु प्रतिनयुक्ति से इंकार | ||
डैग हैमरस्क्जोंल्ड के स्थान पर नए महासचिव की नियुक्ति हेतु सबसे ज्यादा ज़ोर गैर यूरोपीय और गैर अमेरिकी को छोडकर विकासशील देशों के प्रतिनिधि पर था। फलत: वे निर्वाचित हुये। यू. थांट केवल डैग हैमरस्क्जोंल्ड के स्थान पर नए महासचिव नियुक्त ही नहीं हुए बल्कि वे पहले एशियाई महासचिव भी बने। अगले वर्ष, थांट पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के लिए सर्वसम्मति से पुन: चुन लिए गए। इसी प्रकार वे 1966 में पुन: अपने दूसरे कार्यकाल के लिए निर्वाचित हुए। | |||||||
4 | कुर्त वॉल्डहाइम | 1 जनवरी 1972 – 31 दिसम्बर 1981 | ऑस्ट्रिया | पश्चिमी यूरोपीय और अन्य | चीन ने उनके तीसरे कार्यकाल पर वीटो लगाया | ||
कुर्त वॉल्डहाइम ने महासचिव बनने के लिए एक प्रभावी किन्तु विचारशील अभियान की शुरुआत की। तीसरे दौर में चीन और ब्रिटेन से प्रारंभिक वीटो के बावजूद वे नए महासचिव चुने गए। 1976 में चीन ने फिर उनकी प्रतिनियुक्ति का विरोध किया, किन्तु वह दूसरे मतपत्र पर नरम पड़ गया। 1980 में उनके तीसरे कार्यकाल हेतु किए गए नामांकन पर चीन ने फिर से वीटो का इस्तेमाल किया। फलत: वे पुन: निर्वाचित नहीं हो सके। | |||||||
5 | ज़ेवियर पेरिज डी कुईयार | 1 जनवरी 1982 – 31 दिसम्बर 1991 | पेरू | लैटिन अमेरिकी और कैरेबियाई | तृतीय अवधि हेतु प्रतिनयुक्ति से इंकार | ||
पाँच सप्ताह के चुनावी गतिरोध के बाद तंजानिया के सलीम अहमद सलीम के मुकाबले ज़ेवियर पेरिज डी कुईयार निर्वाचित हुए। कुईयार इस पद पर निर्वाचित होने वाले पहले अमेरिकी महाद्वीप के निवासी थे। वे 1986 में अगली अवधि के लिए पुन: चुने गए। | |||||||
6 | बुतरस घाली | 1 जनवरी 1992 – 31 दिसम्बर 1996 | मिस्र | अफ़्रीकन | संयुक्त राज्य अमेरिका ने उनके दूसरे कार्यकालपर वीटो का इस्तेमाल किया | ||
गुटनिरपेक्ष आंदोलन के 102 सदस्यों ने ज़ोर देकर कहा कि अगला महासचिव अफ़्रीका से आना चाहिए। महासभा में बहुमत के कारण तथा चीन के समर्थन के फलस्वरूप गुटनिरपेक्ष आंदोलन से जुड़े सदस्यों के लिए किसी भी विपक्षी उम्मीदवार को ब्लॉक करने हेतु आवश्यक वोट था। सुरक्षा परिषद द्वारा किए गए जनमत संग्रह में पाँच गुमनाम वोट के साथ बुतरस घाली 11 मतों से विजयी हुए। 1996 में संयुक्त राज्य अमेरिका ने घाली के पुनर्नियुक्ति के खिलाफ वीटो का इस्तेमाल किया और कहा कि वे संयुक्त राष्ट्र के लिए आवश्यक सुधारों को लागू करने में विफल रहे। | |||||||
7 | कोफ़ी अन्नान | 1 जनवरी 1997 – 31 दिसम्बर 2006 | घाना | अफ्रीकन | दो पूर्ण कार्यकाल के बाद सेवानिवृत्त | ||
13 दिसम्बर 1996 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अन्नान की सिफ़ारिश की ताकि वह पूर्व महासचिव डॉ॰ बुतरस घाली की जगह ले सकें। घली के दूसरे कार्यकाल को अमेरिका के वीटो का सामना करना पड़ा था। चार दिन पश्चात महासभा के चुनाव से उन्होंने अपना पहला कार्यकाल 1 जनवरी 1997 से प्रारंभ किया। | |||||||
8 | बान की मून | 1 जनवरी 2007– 31 दिसम्बर 2016 | दक्षिण कोरिया | एशिया पैसिफिक | दो पूर्ण कार्यकाल के बाद सेवानिवृत्त | ||
बान की मून संयुक्त राष्ट्र के आठवें महासचिव नियुक्त हुये । 13 अक्टूबर 2006 को वे संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आठवें महासचिव चुने गए। उनके कार्यकाल की एक अवधि की समाप्ती के पश्चात उन्हें पुन: 2011 में अगली अवधि के लिए चुन लिया गया है। महासचिव बनने से पहले वे दक्षिण कोरिया के विदेश मामलों के मंत्रालय में एक कैरियर राजनयिक थे। वे जनवरी 2004 से नवम्बर 2006 तक कोरिया गणराज्य के विदेश मंत्री रहे। | |||||||
9 | एंटोनियो गुटेरेस (जन्म 1949) | 1 जनवरी 2017 – वर्तमान | पुर्तगाल | पश्चिमी यूरोपीय और अन्य | |||
गुटेरेस, कुर्त वॉल्डहाइम (1972–1981) के बाद पश्चिमी यूरोप से चुने गये प्रथम महासचिव हैं। इसके अतिरिक्त वो ऐसे प्रथम महासचिव हैं जो किसी सरकार के पूर्व मुखिया रहे हैं और उनका जन्म संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के बाद हुआ है। वो वर्ष 1995 से 2002 तक पुर्तगाल के प्रधानमंत्री रहे। इससे पूर्व वो समाजवादी इंटरनेशनल (1999–2005) और शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त (2005–2015) के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। |
संयुक्त राष्ट्र क्षेत्रीय समूह | महासचिव | अवधि |
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पश्चिमी यूरोपीय और अन्य | 4 | 7 |
पूर्वी यूरोपीय समूह | 0 | 0 |
लैटिन अमेरिका और कैरेबियाई समूह | 1 | 2 |
एशिया प्रशांत समूह | 2 | 4 |
अफ्रीकी समूह | 2 | 3 |
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