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प्रजामण्डल भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान भारतीय रियासतों की जनता के संगठन थे। 1920 के दशक में प्रजामण्डलों की स्थापना तेजी से हुई। प्रजामण्डल का अर्थ... |
जी स्वतंत्रता से पूर्व प्रजामण्डल आंदोलनों के सक्रिय नेता थे, कृष्णदत्त जी धौलपुर प्रजामण्डल के प्रथम अध्यक्ष थे, इस प्रजामण्डल की स्थापना इनके सहयोग से... |
आर्य समाज मंदिर मे प्रजामण्डल अधिवेशन शुरू हुआ जिसमें श्री झरवाल ने भी श्रीचंद्र अग्रवाल के साथ भाग लिया जहाँ इनकी जयपुर राज्य प्रजामण्डल के संस्थापक सदस्य... |
रूप में अपनी सेवाए दी। वे नौकरी की परवाह ना करते हुए सुकेत सत्याग्रह प्रजामण्डल से जुड़े! उनके ही प्रयासों से यह सत्याग्रह सफल हुआ। 1943 से 46 तक वे सिरमौर... |
शोभा राम (अनुभाग प्रजामण्डल में स्वतंत्रता का सफर) शोभाराम कुमावत प्रजापति इस घटना से सबसे लोकप्रिय नेता के रूप में उभरे। प्रजामण्डल के विस्तार के लिए बाबू शोभाराम ने गाँव - गाँव साथियों के साथ दौरा कर सभाएं... |
शिक्षा प्रसार द्वारा जागृति पैदा करने का कार्य भी किया। सन 1939 ई. में प्रजामण्डल के कार्यों में भाग लेने के कारण उन्हें जेल जाना पड़ा। इसके बाद 1942 ई... |
वाला मंत्रिमण्डल नियुक्त हुआ। 1948 में जो चुनाव हुआ उसमें कोच्चि राज्य 'प्रजामण्डल' का चुनाव हुआ तथा मंत्रिमण्डल नियुक्त हुआ। 'इक्कण्डा वारियर' प्रधान मंत्री... |
एकाकिनी या अकेली स्त्री (१९३७), प्रेम परीक्षा (१९२७), जागरण (१९३७), प्रजामण्डल (१९४१), एक और अनेक (१९५१), अपहृता (१९५२) आदि आपकी प्रसिद्ध कृतियाँ हैं।... |
ठीकरीवाल: जीवनी ते इक झात (प्रकाशन स्थान-लोक संपर्क विभाग, पंजाब, चंडीगढ़)। प्रजामण्डल पटियाला राज्य कृपाण बहादुर ‘सरदार सेवासिंह ठीकरीवाला’ : रियासती प्रजामंडल... |
देश के आजाद होने के बाद प्रतापगढ़ में लोकप्रिय मंत्रिमण्डल बना, जिसमें प्रजामण्डल के प्रतिनिधि पायक मंत्री बने। अप्रैल, १९४८ में प्रतापगढ़ संयुक्त राजस्थान... |