यह पृष्ठ अन्य भाषाओं में उपलब्ध नहीं है।
इस विकि पर "गुर्जर+प्रतिहार+राजवंश" नाम का पृष्ठ बनाएँ! खोज परिणाम भी देखें।
गुर्जर-प्रतिहार राजवंश भारतीय उपमहाद्वीप में प्राचीन एवं मध्यकालीन दौर के संक्रमण काल में साम्राज्य स्थापित करने वाला एक राजवंश था जिसके शासकों ने... |
का गुर्जर-प्रतिहार राजवंश के साथ विलय कर दिया जाए। (वार्ता) प्रतिहार राजवंश की उत्पत्ति भारत का राजवंश इतिहासकारों के बीच बहस का विषय है। इस राजवंश के... |
परिहार गोत्र (श्रेणी गुर्जर गोत्र) राज्य करने वाला गुर्जर-प्रतिहार राजवंश था , जिसकी स्थापना नागभट्ट प्रतिहार ने ७२५ ई० में की थी। इनके पुत्र वत्सराज गुर्जर-प्रतिहार राजवंश ने कन्नौज के शासक... |
"कछुआ मारने वाला" है। यह वंश पहले गुर्जर-प्रतिहार राजवंश और चन्देल राजवंश के सामंत हुआ करता थे,कुछ समय पश्चात दोनों राजवंशों की स्थिति कमजोर होते ही कच्छपघातों... |
यहाँ गुर्जर-प्रतिहार राजवंश के अवशेष मिलते हैं। इसके उपरांत यह कच्छपघात राजवंश का एक मुख्य केन्द्र था। ककनमठ मंदिर मुरैना ज़िले में गुर्जर-प्रतिहार शैली... |
गुर्जर समाज प्राचीन समाज में से एक है। यह समुदाय जो पहले गोचर, गुज्जर, गूजर, गोजर, आजादी के बाद से गुर्जर नाम से भी जाना जाता है। गुर्जर मुख्यत: उत्तर... |
नागभट्ट द्वितीय (श्रेणी गुर्जर-प्रतिहार राजवंश) द्वितीय (805-833), अपने पिता वत्सराज से गद्दी प्राप्त कर राजपूत गुर्जर-प्रतिहार राजवंश के चौथे राजा बने। उनकी माता का नाम सुन्दरीदेवी था। नागभट्ट द्वितीय को... |
नागभट्ट प्रथम (श्रेणी गुर्जर-प्रतिहार राजवंश) नागभट्ट प्रथम (मृत्यु ७८० ई) गुर्जर-प्रतिहार राजवंश के राजा थेंं | पुष्यभूति साम्राज्य के हर्षवर्धन के बाद पश्चिमी भारत पर उसका शासन था। उसकी राजधानी कन्नौज... |
मिहिर भोज (श्रेणी गुर्जर-प्रतिहार राजवंश) मिहिर भोज (अनु. 836 ई. - 885 ई.), अथवा प्रथम भोज, गुर्जर-प्रतिहार राजवंश के राजा थे जिन्होंने भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी हिस्से में लगभग 49 वर्षों तक... |
रामभद्र (श्रेणी गुर्जर-प्रतिहार राजवंश) रामभद्र (833-836) [[गुर्जर-प्रतिहार राजवंश का एक शासक था। जैन प्रभावकचरित के अनुसार, नागभट्ट द्वितीय के बाद रामभद्र राजा बना, जिसे कभी कभी राम या रामदेव भी... |
विजयों में गुर्जर प्रतिहार शासक मिहिर भोज पर प्राप्त विजय सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण थी। अरब यात्री सुलेमान ने देवपाल को राष्ट्रकूट एवं प्रतिहार शासकों में... |
मांडव्यपुर के प्रतिहार, जिन्हें मंडोर के प्रतिहार के नाम से भी जाना जाता है, प्राचीन भारत के उत्तरवर्ती काल में एक राजवंश था जिसके शासकों ने सामंतों की... |
उन्होंने उत्तर-पश्चिमी भारत में वर्तमान राजस्थान के कुछ हिस्सों पर गुर्जर प्रतिहार राजवंश राजा वत्सराज के जागीरदार के रूप में शासन किया। दुर्लभराज, चाहमान... |
महेन्द्रपाल प्रथम (श्रेणी गुर्जर-प्रतिहार राजवंश) महेन्द्रपाल प्रथम (885-910 ई०), मिहिर भोज का पुत्र और गुर्जर-प्रतिहार वंश का सातवाँ शासक था। उसकी माँ का नाम चन्द्रभट्टारिकादेवी था। महेन्द्रपाल प्रथम का... |
8वीं शताब्दी मे गुर्जर-प्रतिहार राजवंश के राजा मिहिर भोज ने करवाया था तथा 9वी शताब्दी मे गुर्जरेश्वर चालूक्यो के संरक्षण मे रहा। यह गुर्जर शैली की बेजोड... |
यह भी कि गुर्जरत्रा शब्द स्वयं ही गुजरात का संस्कृत रूप था। गुर्जर गुर्जर-प्रतिहार राजवंश रमेश चंद्र मजुमदार (1977). एंशियेंट इंडिया (अंग्रेज़ी में).... |
शासन किया था। ७८३ ई के बाद किसी समय, जब कन्नौज, राष्ट्रकूट, गुर्जर-प्रतिहार राजपूत राजवंश और पाल वंश नरेशों के त्रिकोणयुद्ध का केंद्र था, चक्रायुध को... |
या प्रतिहार राजवंश भारत के सबसे शक्तिशाली वंश में से एक है प्रतिहार गुर्जर वंश ने छठी शताब्दी से लेकर 11 वीं शताब्दी तक शासन किया गुर्जर प्रतिहार ने अनेक... |
पाल वंश (पाल राजवंश से अनुप्रेषित) Sculpture. Brill Archive. pp. 32–39. ISBN 90-04-06856-2 सेन राजवंश गुर्जर-प्रतिहार राजवंश राष्ट्रकूट राजवंश मगध के राजवंशों और शासकों की सूची बंगाल के पाल... |
गुर्जर-प्रतिहार राजवंश के महान शासक मिहिर भोज का अश्व केंद्र था,यंहा घोडो का व्यापार होता था। उन्हे भोज देव भी कहा गया है। पेहवा से गुर्जर प्रतिहार शासक... |