सरल यंत्र

भौतिकी में सरल मशीन या सरल यंत्र (simple machine) उन सभी युक्तियों को कहते हैं जिनको चलाने के लिये केवल एक ही बल का प्रयोग करना होता है। जब इस पर बल लगाया जाता है तो यांत्रिक कार्य होता है तथा एक नियत दूरी तक किसी पिण्ड का विस्थापन होता है। कोई कार्य करने के लिये (जैसे किसी पिण्ड को १ मीटर ऊपर उठाने के लिये) आवश्यक कार्य की मात्रा नियत होती है परन्तु इस कार्य के लिये आवश्यक बल की मात्रा कम की जा सकती है यदि यह अल्पतर बल अधिक दूरी तक लगाया जाय; अर्थात समान कार्य करने हेतु दो विकल्प हैं-

  • कम बल, अधिक दूरी तक लगायें, या
  • अधिक बल, कम दूरी तक लगायें।

प्रमुख सरल यंत्र

सरल यंत्र 
सरल मशीनों की सूची (चैम्बर्स साइक्लोपीडिया, 1728)

प्रायः निम्नलिखित ६ युक्तियों को पुनर्जागरण काल के वैज्ञानिकों ने 'सरल मशीन' कहा है-

यांत्रिक लाभ (मेकैनिकल ऐडवांटेज)

उत्पादित बल (आउटपुट फोर्स) एवं लगाये गये बल (इन्पुट फोर्स) के अनुपात को यांत्रिक लाभ कहते हैं। उदाहरण के लिये किसी उत्तोलक का यांत्रिक लाभ इसके दोनो भुजाओं के अनुपात के बराबर होता है। इसी प्रकार किसी नत तल का यांत्रिक लाभ cos(theta) के बराबर होता है जहाँ theta नत तल का क्षैतिज से झुकाव का कोण है।

विश्लेषण

यद्यपि हरेक सरल मशीन के काम करने का तरीका अलग-अलग है, किन्तु गणितीय दृष्टि से उनका काम करने का तरीका एक ही है। ध्यान देने योग्य बात यह है कि हर मशीन में कोई बल सरल यंत्र , मशीन के किसी स्थान पर लगाया जाता है और यह मशीन किसी अन्य स्थान पर सरल यंत्र , बल उत्पन्न करते हुए कोई कार्य करती है। घिरनी आदि कुछ मशीने केवल बल की दिशा में परिवर्तन करने की सुविधा प्रदान करती हैं किन्तु अन्य मशीने लगाये गये बल के परिमाण को किसी गुणांक से बढ़ाने/घटाने का कार्य करती हैं। इसी गुणांक को यांत्रिक लाभ भी कहा जाता है जो मशीन की ज्यामिति से निर्धारित होता है।

सरल मशीनों में उर्जा का स्रोत नहीं होता इसलिये वे आरोपित बल द्वारा किये गये कार्य से अधिक कार्य नहीं कर सकतीं। यदि मशीन के कलपुर्जों में लगले वाले घर्षण बल को नगण्य माने तो मशीन द्वारा लोड पर किया गया कार्य, मशीन पर किये गये कार्य के बराबर होगी। चूंकि कार्य, बल और दूरी के गुणनफल के बराबर होता है,

    सरल यंत्र 

मिश्र यंत्र (compound machine)

ऐसे यंत्र जो दो या अधिक सरल यंत्रों के समिश्रण से बने होते हैं, मिश्र यंत्र या संयुक्त यंत्र कहलाते हैं। जैसे कैंची, उत्तोलक (लीवर) और पच्चर (वेज) दोनों के सिद्धान्तों का उपयोग करके कार्य करती है। ऐसी मशीनें जो काम कर सकतीं हैं वह कार्य सरल मशीनों द्वारा करना कभी-कभी असम्भव होता है।

ऐसी मशीनों को जिसमे बहुत सी सरल मशीनें प्रयुक्त होती हैं, कभी-कभी जटिल यंत्र (complex machine) भी कहते हैं। जैसे सायकिल, आटोमोबाइल आदि।

इन्हें भी देखें

Tags:

सरल यंत्र प्रमुख सरल यंत्र यांत्रिक लाभ (मेकैनिकल ऐडवांटेज)सरल यंत्र विश्लेषणसरल यंत्र मिश्र यंत्र (compound machine)सरल यंत्र इन्हें भी देखेंसरल यंत्रकार्य (भौतिकी)बलभौतिक शास्त्र

🔥 Trending searches on Wiki हिन्दी:

मधुन्यूटन के गति नियमकाव्यशास्त्रसमासशाहबाज़ अहमद (क्रिकेटर)जनसंख्या के अनुसार देशों की सूचीसनम तेरी कसम (2016 फ़िल्म)किसी का भाई किसी की जानभारतीय आम चुनाव, 2014सुभाष चन्द्र बोसभारतीय अर्थव्यवस्थाघनानन्दभारतीय खानाकोई मिल गयाइलूमिनातीआल्हाएंगलो-नेपाल युद्धआदि शंकराचार्यअसदुद्दीन ओवैसीजर्मनी का एकीकरणराजस्थान का इतिहासरक्षाबन्धनमुम्बईभारत में लैंगिक असमानताभारतीय राज्यों के वर्तमान मुख्यमंत्रियों की सूचीॐ नमः शिवायहैदराबादब्राह्मणविटामिन बी१२भारत का उच्चतम न्यायालयरूसोप्रयागराजओशोमैंने प्यार कियाराजीव गांधीआत्महत्या के तरीकेहनुमान जयंतीतिरुपति वेंकटेश्वर मन्दिरनई शिक्षा नीति 2020अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवसप्रकाश राजसमाजवादपश्चिम बंगालक्रिकबज़हिंदी साहित्यभारत की नदी प्रणालियाँकैबिनेट मिशनकिशनगंज लोक सभा निर्वाचन क्षेत्रलोकसभा सीटों के आधार पर भारत के राज्यों और संघ क्षेत्रों की सूचीगूगलसौन्दर्याछायावादरस निष्पत्तिसुहाग रातसाँची का स्तूपमध्य प्रदेश के ज़िलेभारतीय स्वतंत्रता का क्रांतिकारी आन्दोलनदहेज प्रथाकोलन वर्गीकरणदेवों के देव... महादेवजियोउत्तर प्रदेश विधान सभाश्रीनिवास रामानुजन्यदुवंशधातु (संस्कृत के क्रिया शब्द)केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बलदमन और दीवदैनिक जागरणकम्प्यूटर नेटवर्कसूरदाससैम पित्रोडाहिन्दू विवाहउधम सिंहजल प्रदूषणभारत की भाषाएँप्राथमिक चिकित्सा किटचिराग पासवानअनुच्छेद 370 (भारत का संविधान)🡆 More