प्राचीन भारतीय महाकाव्य महाभारत के अनुसार युधिष्ठिर पांच पाण्डवों में सबसे बड़े भाई थे। वे यम और कुंती के पुत्र थे। वो भाला चलाने में निपुण थे और वे कभी झूठ नहीं बोलते थे। महाभारत के अंतिम दिन उन्होंने अपने मामा शल्य का वध किया जो कौरवों की तरफ था। इनके भाई क्रमश: कर्ण , भीमसेन , अर्जुन , नकुल और सहदेव थे। इन्होंने अपना शक आरंभ किया था जिसे युधिष्ठिर संवत् कहते हैं।
युधिष्ठिर | |||||
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छत्रपति महाराज | |||||
पूर्ववर्ती | धृतराष्ट्र | ||||
उत्तरवर्ती | अभिमन्युपुत्रपरीक्षित (हस्तिनापुर का उत्तराधिकारी) और कर्णपुत्र वृषकेतु (इन्द्रप्रस्थ का उत्तराधिकारी) | ||||
जन्म | हस्तिनापुर | ||||
संगिनी | द्रौपदी देविका | ||||
संतान | द्रौपदी से प्रतिविंध्य और देविका से धौधेय | ||||
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राजवंश | पांडव, कुरुवंश | ||||
पिता | धर्मराज | ||||
माता | कुंती |
इनका राज्याभिषेक काल कलि संवत के ३६ वर्ष पूर्व अर्थात् ईपू ३१३८ है।
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