मॉनमाउथ रेजिमेंटल संग्रहालय (औपचारिक नाम: कासल और रेजिमेंटल संग्रहालय मॉनमाउथ) (अंग्रेज़ी: Monmouth Regimental Museum) (वेल्श: Amgueddfa Filwrol Trefynwy) कासल हिल, मॉनमाउथ, मॉनमाउथशायर, वेल्स में स्थित एक सैन्य संग्रहालय है। संग्रहालय ग्रेट कासल हाउस की एक शाखा है, जो ग्रेड प्रथम इमारत होने के साथ-साथ मॉनमाउथ हेरिटेज ट्रेल के चौबीस स्थलों में से भी एक है। संग्रहालय में प्रदर्शित वस्तुएँ ब्रिटिश प्रादेशिक सेना में सबसे अधिक एवं सबसे वरिष्ठ रेजिमेंट रॉयल मॉनमाउथशायर रॉयल इंजीनियर्स (मिलिशिया) पर केंद्रित हैं। ग्रेट कासल हाउस रॉयल मॉनमाउथशायर रॉयल इंजीनियर्स का कार्यालय है और संग्रहालय रेजिमेंट के अभिलेखागार का कार्य करता है। संग्रहालय 1989 में राजकुमार रिचर्ड, ग्लौस्टर के ड्यूक, द्वारा स्थापित किया गया था। मॉनमाउथ शहर को अपने योगदान के लिए संग्रहालय प्रिंस ऑफ वेल्स पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। संग्रहालय में विभन्न प्रकार की कलाकृतियाँ उपस्थित हैं जिनका ध्यान रॉयल मॉनमाउथशायर रॉयल इंजीनियर्स पर मुख्य तौर से है। यहाँ मॉनमाउथ कासल के खंडहरों के अवशेषों से लेकर उन्नीसवीं सदी व द्वितीय विश्व युद्ध तक की कई वस्तुएँ हैं। ऐतिहासिक वस्तुओं को प्रदर्शित करने के साथ-साथ संग्रहालय मिलिशिया के रिकॉर्ड के लिए एक भण्डार के रूप में भी कार्य करता है। इसमें मिले पुरालेखों से यह स्पष्ट होता है कि कैसे रॉयल मॉनमाउथशायर रॉयल इंजीनियर्स के नाम में अनूठे तौर पर दो रॉयल हैं। संग्रहालय अपने कुछ रिकॉर्ड इंटरनेट पर खोज डेटाबेस के रूप में भी उपलब्ध कराता है।
Amgueddfa Filwrol Trefynwy | |
स्थापित | 1989 |
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अवस्थिति | मॉनमाउथ, मॉनमाउथशायर, वेल्स |
प्रकार | सैन्य |
जालस्थल | www |
अधिक औपचारिक रूप से संग्रहालय कासल एण्ड रेजिमेंटल म्यूज़ियम, मॉनमाउथ के नाम से जाना जाता है। संग्रहालय कासल हिल पर स्थित है, जो शहर के केन्द्र का सबसे अधिक ऊंचाई वाला हिस्सा है। यह उन्नीसवीं सदी की शाखा में स्थित है जो सत्रहवीं सदी की इमारत ग्रेट कासल हाउस का हिस्सा है। एजिंकोर्ट स्क्वायर के एकदम उत्तर-पश्चिम में स्थित ग्रेट कासल हाउस यूनाइटेड किंगडम की ग्रेड प्रथम इमारत है। यह मॉनमाउथ हेरिटेज ट्रेल के चौबीस स्थलों में से एक है जहाँ इस सम्मान को दर्शाती एक नीली पट्टिका लगी हुई है। हाउस का निर्माण हेनरी सोमरसेट, ब्यूफ़ोर्ट के प्रथम ड्यूक, जो उस समय वुस्टर के तीसरे मार्क्विस थे, के द्वारा सन् 1673 में मॉनमाउथ किले के खंडहरों से किया गया था, जब वह बैडमिंटन और ट्रॉय हाउस का पुनर्निर्माण कर रहें थे। इसका निर्माण टाउन हाउस के तौर पर किया गया था। तीन मंजिला यह इमारत निवर्तमान समय में ब्रिटिश प्रादेशिक सेना में सबसे वरिष्ठ रेजिमेंट रॉयल मॉनमाउथशायर रॉयल इंजीनियर्स का मुख्यालय है।
बीबीसी वर्ल्डवाइड के स्वामित्व वाली मार्गदर्शिका किताब लोनली प्लैनेट संग्रहालय को इस प्रकार वर्णित करती है: "अ लेबर ऑफ लव स्क्वीज़ड इनटू अ कपबोर्ड-साइज़ड स्पेस"। कासल और रेजिमेंटल संग्रहालय (कासल एण्ड रेजिमेंटल म्यूज़ियम) 1989 में राजकुमार रिचर्ड, ग्लौस्टर के ड्यूक, द्वारा स्थापित किया गया था। यह आखिरी बार, अब निष्क्रिय हो चुके, संग्रहालय, पुस्तकालय और अभिलेखागार परिषद (म्यूज़ियम, लायब्रेरीज़ एण्ड आर्काइव्स काउंसिल) द्वारा 2010 में प्रत्यायित हुआ था। संग्रहालय मॉनमाउथ को अपने योगदान के लिए प्रिंस ऑफ वेल्स पुरस्कार से सम्मनित हो चुका है। मॉनमाउथ रेजिमेंटल संग्रहालय स्वयंसेवक कर्मचारियों द्वारा संचालित किया जाता है तथा इसमें प्रवेश निशुल्क है।
प्रारम्भ में एक स्थानीय मिलिशिया, रॉयल मॉनमाउथशायर रॉयल इंजीनियर्स अब ब्रिटिश सेना की केवल शेष बची मिलिशिया इकाई है और प्रादेशिक सेना के आरक्षित बलों का एक महत्वपूर्ण घटक भी है। प्रादेशिक सेना स्वयंसेवकों के द्वारा बनती है, जिन्हें आंतरायिक तौर पर साथ लाकर प्रशिक्षित किया जाता है और यदि आवश्यक हो तो इनकी सेवा भी ली जाती है। 1539 में अपने प्रारम्भिक निरीक्षण के बाद इकाई अन्ततः पोसी कमिटाटस बन गई। इसने अपने को अंग्रेज़ी गृहयुद्ध के दौरान घेराबंदी से बचाया और दो शताब्दियों के लिए मिलिशिया इकाई बनी रही। 1877 से 1896 तक यह एक अभियन्ता रेजिमेंट थी जिसके बाद इसे रॉयल इंजीनियर रेजिमेंट के नाम से जाने जाना लगा। 1896 में रॉयल मॉनमाउथशायर रॉयल इंजीनियर्स ने अपने नाम में दो "रॉयल्स" होने की एकमात्र इकाई होने का गौरव प्राप्त किया। ब्रिगेड बिल्ला या पिन के स्थान पर रेजिमेंट के सैनिक केवल एकमात्र रॉयल इंजीनियर्स हैं जो प्रिंस ऑफ वेल्स डिवीजन टोपी बिल्ला और मिलिशिया फ़्लैश पहनते हैं। दिसंबर 2010 में बीबीसी न्यूज़ ने रिपोर्ट दी थी कि रॉयल मॉनमाउथशायर रॉयल इंजीनियर्स सबसे हाल ही की तैनाती के दौरान 21 वीं इंजीनियर रेजिमेंट थी। रेजिमेंट के सदस्यों ने अफ़ग़ानिस्तान युद्ध में ब्रिटिश अभियान ऑपरेशन हॅरिक के दौरान अपनी सेवा हेलमंद प्रान्त में दी थी। अफ़ग़ानिस्तान से अपनी वापसी के बाद सैनिकों को मॉनमाउथ भर में परेड द्वारा सम्मानित किया गया था, शायर हॉल के पास इन्हें सलामी दी गई, विशेष चर्च सेवा आयोजित की गई तथा बाद में इन्हें अपने सेवा पदक प्राप्त हुए।
संग्रहालय में प्रदर्शित कलाकृतियाँ मिलिशिया संरचना और ब्यूफ़ोर्ट के ड्यूक्स की महत्ता सहित कई विभिन्न विषयों को कवर करती हैं। अन्य रॉयल मॉनमाउथशायर रॉयल इंजीनियर्स से सम्बंधित विशिष्ट विषयों में शामिल हैं: नाम में दोहरा "रॉयल", इकाई के रंग, फ्रीडम और आरक्षित सेना की सबसे वरिष्ठ रेजिमेंट होने का वर्तमान दर्जा। छोटे अनुभाग पुराने समय में मॉनमाउथ और इसके कासल की रक्षा (पुरातात्विक कलाकृतियों सहित), होम फ्रंट, एचएमएस मॉनमाउथ और हाल ही के बाल्कन और इराक युद्धों को कवर करते हैं। उन्नीसवीं सदी के अंत के रेजिमेंट ढोल के साथ-साथ संग्रहालय में द्वितीय विश्व युद्ध के समय की भी कई वस्तुएँ शामिल है जैसे एक जल परीक्षण किट, ऑफिसर स्वोर्डस्टिक, डिब्बाबंद केक राशन तथा बाइबल, न्यू टैस्टमैंट व बुक ऑफ कॉमन प्रेयर का एक सॅट। अन्य विषयों में मॉनमाउथ की मध्यकालीन दीवारें और गढ़ पुरातात्विक प्रदर्शनी के साथ शामिल हैं। संग्रहालय में प्रदर्शित एक मध्यकालीन कलाकृति अग्निरोधक खाना पकाने का बर्तन भी है जिसकी खोज कासल हिल पर हुई थी। भोजन पकाने का यह बर्तन देखने में आधुनिक समय के विद्युत से चलने वाले धीमे कुकर का मध्यकालीन संस्करण प्रतीत होता है।
इमारत के सामने संग्रहालय द्वितीय विश्व युद्ध के ब्रिटिश बख़्तरबंद युद्ध वाहन जैसे कई तरह के विशाल सैन्य उपकरणों को प्रदर्शित करता है। इनके अलावा ग्रेड द्वितीय सूचीबद्ध रॉयल मॉनमाउथशायर रॉयल इंजीनियर्स का युद्ध स्मारक संग्रहालय के नजदीक कासल हिल पर मौजूद है।
ऐतिहासिक वस्तुओं को प्रदर्शित करने के साथ-साथ मॉनमाउथ रेजिमेंटल संग्रहालय रॉयल मॉनमाउथशायर रॉयल इंजीनियर्स के रिकॉर्ड के लिए एक भण्डार के रूप में भी कार्य करता है। दस्तावेज़ 1786 से 1991 के बीच की अवधि से सम्बंधित हैं। अभिलेखागार से पता चलता है कि कैसे रेजिमेंट का वर्तमान शीर्षक सदियों में विकसित हुआ है। 1660 और 1793 के बीच यह मॉनमाउथशायर मिलिशिया के रूप में जानी जाती थी। उसके बाद यह संक्षिप्त अवधि के लिए (1804 तक) मॉनमाउथ और ब्रैकन मिलिशिया के रूप में जानी जाने लगी। इकाई ने पहली बार 1804 में रॉयल नाम को अपनाया जिसके बाद इसका नाम रॉयल मॉनमाउथ और ब्रैकन मिलिशिया हो गया। 1852 से 1877 के बीच रेजिमेंट को रॉयल मॉनमाउथशायर (लाइट इन्फैन्ट्री) मिलिशिया की उपाधि मिली। इसके बाद इकाई को एक पैदल सेना की भूमिका से इंजीनियर रेजिमेंट में बदल दिया गया जिससे यह रॉयल मॉनमाउथशायर इंजीनियर्स (मिलिशिया) शीर्षक वाली रिजर्व इंजीनियर रेजिमेंट बन गई। 1896 में जब यह एक रॉयल इंजीनियर इकाई बन गई तो अन्ततः इसे इसका वर्तमान नाम रॉयल मॉनमाउथशायर रॉयल इंजीनियर्स (मिलिशिया) मिला।
संग्रहालय के पुरालेख में इकाई की नामावलियों और भर्ती रिकॉर्ड शामिल हैं। कुछ रिकॉर्ड इंटरनेट पर खोज डेटाबेस के रूप में उपलब्ध हैं। अभिलेखों के मूल्यांकन से पता चलता है कि रेजिमेंट के सेवाकर्मी केवल मॉनमाउथशायर क्षेत्र से ही नहीं थे। प्रथम विश्व युद्ध से ही इकाई इंग्लैंड और वेल्स के सभी क्षेत्रों से रंगरूटों को आकर्षित करती थी। संग्रहालय और इसके पुरालेख यूनाइटेड किंगडम नेशनल इन्वेंटरी ऑफ वॉर मेमोरियलस् के साथ सूचीबद्ध हैं, जिसने यूनाइटेड किंगडम के युद्ध स्मारकों का एक डेटाबेस बनाया हुआ है। संगठन का लक्ष्य युद्ध स्मारकों का संरक्षण करना है।
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