चार्ल्स डिकेंस (७ फ़रवरी १८१२ – ९ जून १८७०), विक्टोरियन युग के सबसे लोकप्रिय अंग्रेजी उपन्यासकार थे, साथ ही एक सशक्त सामाजिक आंदोलन के सदस्य भी थे। चार्ल्स डिकेंस की लोकप्रियता इसी तथ्य से आंकी जा सकती है कि उनके उपन्यास और लघु कथाएँ आज तक 'प्रिंट' से बाहर ही नहीं गये। चार्ल्स के लगभग दर्जन भर प्रमुख उपन्यास, लघु कथाओं की एक बड़ी संख्या, अनेकों नाटक और कई गैर कल्पना किताबें आज भी सबसे अधिक लोकप्रिय हैं। अपने साहित्य से उन्होंने समकालीन अंग्रेजी समाज का मनोरंजन ही नहीं किया, वरन् उसे दिशा भी दी।
डिकेंस के पिता मामूली सरकारी क्लर्क थे, वे सदा आमदनी से अधिक, खर्च करते थे और इस कारण आजीवन आर्थिक संकट झेलते रहे। जब वह छोटे थे, उनके पिता ऋणग्रस्त होने के कारण जेल गए और डिकेंस को जूते की पालिश बनाने वाली एक फैक्टरी में नौकरी करनी पड़ी। इस अनुभव को डिकिंस ने दो उपन्यासों "डेविड कॉपरफील्ड" और "लिटिल डॉरिट" में अंकित किया है। डिकेंस की माँ बहुत समझदार न थीं और उनकी शिक्षा के विरुद्ध थीं। उनका क्रूर चित्र मिसेज़ निकिलबी नाम के पात्र में है। उनके पिता के चित्र मिस्टर मिकौबर और मिस्टर डॉरिट हैं।
डिकेंस की प्रसिद्ध रचनाओं में "बौज़ के स्कैच" "पिकविक पेपर्स" "ऑलिवर ट्विस्ट", "निकोलस निकिलबी", "ओल्ड क्यूरिऑसिटी शॉप", "बार्नबी रज", "मार्टिन चज़िलविट", "डुंबी और उसका पुत्र", "डेविड कॉपरफ़ील्ड", "ग्रेट ऐक्सपेक्टेशंस", "दो नगरों की कथा" आदि दर्जनों विश्वविख्यात उपन्यास हैं।
इन कथाओं में डिकेंस ने तत्कालीन अंग्रेजी समाज की कुप्रथाओं और कुरीतियों पर भारी चोट की है। यतीमखाने, स्कूल, सरकारी दफ्तर, न्यायालय, फैक्ट्रियाँ सभी उनके आक्रोश के लक्ष्य थे। यतीमखानों में बच्चों को यथेष्ट भोजन नहीं मिलता था। दफ्तरों में फाइलें चक्राकार घूमती रहती थीं। कचहरियों में बरसों फैसले नहीं होते थे। फैक्ट्रियों में उद्योगपति मजदूरों का शोषण करते थे। इन रचनाओं का आज भी काफी महत्व है। शैशव जीवन की ऐसी दयनीय गाथा आज भी साहित्य में दुर्लभ है।
डिकेंस ने सैकड़ों अमर पात्रों की सृष्टि की जो जनता की स्मृति में सुरक्षित हैं। उन्होंने विश्वामित्र की भाँति एक संपूर्ण नए संसार की सफलतापूर्वक सृष्टि की। वे कहानी कहने में दक्ष थे, किंतु मनोरंजन के साथ उन्होंने अपने पाठक संसार का सांस्कृतिक और नैतिक धरातल भी उँचा किया। जिस प्रकार इंग्लैंड के ग्रामदेश के सर्वश्रेष्ठ कवि शेक्सपियर थे, उसी प्रकार लंदन के सौंदर्य के सर्वश्रेष्ठ चितेरे डिकिंस थे। इसी कारण डिकिंस का नाम इस प्रकार अंग्रेज जाति पर छा गया है।
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