कार्ल मार्क्स

कार्ल मार्क्स (5 मई 1818 – 14 मार्च 1883) एगो जर्मन दार्शनिक, अर्थशास्त्री, राजनीतिक सिद्धांतकार, समाजशास्त्री, पत्रकार आ क्रांतिकारी समाजवादी रहलें। एगो मध्यम-वर्ग के परिवार में जनमल मार्क्स कानून आ दर्शन के पढ़ाई कइलें। इनके, इनकर राजनीतिक लेखन खाती देस निकाला दिहल गइल आ बाकी के जिनगी लंदन में रह के बितावे के परल जहाँ ई जर्मन बिचारक फ्रेडरिष एंगेल्स के साथ मिल के आपन बिचार आगे बढ़वलें आ लेखन जारी रखलें। मार्क्स के सभसे ढेर जानल जाला, 1848 के पंफलेट, दि कम्युनिस्ट मेनिफेस्टो, आ तीन भाग में छपल दास कैपिटल खातिर।

कार्ल मार्क्स
कार्ल मार्क्स
1875 में मार्क्स
जनम(1818-05-05)5 मई 1818
ट्रायर, प्रशा राज
निधन14 मार्च 1883(1883-03-14) (उमिर 64)
लंदन, यूनाइटेड किंगडम
निवासजर्मनी, फ्रांस, बेल्जियम, यूनाइटेड किंगडम
राष्ट्रीयताजर्मन (1845 के बाद राज्यबिहीन)
महतारी संस्थाबोन्न विश्वविद्यालय
बर्लिन विश्वविद्यालय
जेना विश्वविद्यालय
जुग19वीं-सदी के दर्शन
इलाकापच्छिमी दर्शन, जर्मन दर्शन
मतपरंपरामार्क्सवाद
मुख्य इन्ट्रेस्ट
राजनीति, अर्थशास्त्र, दर्शन, इतिहास
उल्लेख जोग बिचार
सरप्लस वैल्यू, मूल्य के श्रम सिद्धांत (योगदान), वर्ग संघर्ष, मजूरन के एलीनियेशन आ शोषण, इतिहासिक भौतिकवाद
दसखत
कार्ल मार्क्स

इनके बिचार आ लेखन के परभाव बाद के बहुत सारा बिद्वान आ लेखक लोग पर परल आ बाद के जमाना में इनके नाँव पर मार्क्सवाद नाँव के बिचारधारा अस्थापित भइल। मार्क्सवाद—मने कि समाज, अर्थशास्त्र आ राजनीति प समेकित रूप से मार्क्स के बिचार आ सिद्धांत—के मानल ई हवे कि मानव समाज के बिकास बर्ग संघर्ष से होखे ला। पूँजीवादी ब्यवस्था में, ई बर्ग संघर्ष शासक बर्ग (बुर्जुआ) आ कामकाजी आ मजूरा बर्ग (जेकरा के प्रोलितेरियेत कहल गइल) जे आपन मेहनत बेच के मजूरी कमाए के काम करे ला, के बीचा में होखे वाला संघर्ष के रूप में सोझा आवे ला। एगो आलोचना बिधि, इतिहासी भौतिकवाद, के इस्तेमाल से मार्क्स ई प्रेडिक्ट कइलें कि जेङऽने पछिला सामाजिक-आर्थिक सिस्टम सभ आतंरिक तनाव पैदा कइलें आ ओही के कारन बिनष्ट भइलें, ठिक ओहिए तरे पूँजीवादो अपना भीतर खुदे टेंशन आ संघर्ष के जनम दिही आ खुदे एकर बिनास हो जाई आ एकर जगह एगो नया सिस्टम लेई: समाजवाद। मार्क्स खाती, पूँजीवादी ब्यवस्था में, एकरे खुद के अंदरूनी झोल आ क्राइसिस-प्रोन सोभाव के चलते बर्ग प्रतिरोध जनम ली आ ई कामकाजी आ मेहनतकश लोग के अंदर एगो बर्ग होखे के भावना पैदा करी आ अंत में राजनीतिक पावर पर एह लोग के काबिज होसके के बाद समाज में बर्ग-बिहीन आ उत्पादन के आजाद आपसी सहजोग द्वारा निर्मित कम्युनिस्ट ब्यवस्था आई। मार्क्स एकरा के सक्रीय रूप से लागू करे खाती जोर दिहलें आ सलाह दिहलें कि मजदूर बर्ग के बय्वस्थित क्रांतिकारी एक्शन में सामिल होखे के चाहीं जवना से कि पूंजीवाद के हटा के सामाजिक-आर्थिक बिमुक्ति ले आइल जा सके।

मानव इतिहास में कुछ सभसे परभावशाली लोग सभ में मार्क्स के गिनती होला। इनकर काम, अर्थशास्त्र के क्षेत्र में एह कारन भी महत्व के हवे कि मजूरी (श्रम) के बारे में आ पूँजी से श्रम के संबंध के बारे में अर्थशास्त्र के आधुनिक समझ के अधिकतर हिस्सा इनहीं के काम के आधार बना के बनल हवे; इनके काम के तारीफी भी बहुत भइल बा आ आलोचनो बहुत भइल बा। बहुत सारा बुद्धिजीवी, लेबर यूनियन, कलाकार आ राजनीतिक पार्टी सभ, पुरा दुनियाँ भर में मार्क्स के काम से परभावित बाड़ी, कुछ द्वारा इनके बिचार के बदलाव आ सुधार के बाद भी लागू कइल गइल बा। मार्क्स के हवाला बहुधा आधुनिक सामाजिक बिज्ञान सभ के सर्वप्रमुख संरचनानिर्धारक के रूप में दिहल जाला।

गैलरी

संदर्भ

Tags:

दर्शनलंदनसमाजवाद

🔥 Trending searches on Wiki भोजपुरी:

मन्नार के खाड़ीकाला सागरखेलकूदआलिया भट्टइलाहाबादकंगना राणावतसिवानपवन सिंहसुर्खेत जिलालवंडा नाचवाट्सएपमहावीरराकस तालभारतीय संस्कृतिहिंदी भाषागोलघरकाजीरंगा नेशनल पार्कग़ालिबसिंधु जल समझौताभारविलोक संगीतभारत के आजादी आंदोलनताजमहलइंडोनेशियास्वीडनअरावलीकलिंग युद्धरोमआसामपहाड़वैशाली जिलामहेंद्र सिंह धोनीनिर्मला सीतारमनरजनीकांतपीलकरजनीशफिनलैंडट्विटरपूर्वांचलपटना कॉलेजहैदराबादसेंटीमीटरयूनाइटेड किंगडमस्वेज नहरफ्रांसीसी भाषाआरासावनग्रहलार्ड कार्नवालिसरवि किशनटिहरी बान्हबुलबुलद्वारिकाधीश मंदिरराजनाथ सिंहनवंबरमोहम्मद अली जिन्नाबिहार के अनुमंडल सभसेक्स पोजीशनविष्णुयाहू!अर्थशास्त्रसंत रविदास नगर जिलाअमरकंटकनेपोलियनविन डीजलकोलोरैडो नदीगंगा नदीविवेकी रायवैनगंगा नदीहाजीपुरसट्टागोरखपुर जंक्शन रेलवे स्टेशनआकासी बिजलीक्लाइटोरिसटाइम जोन🡆 More